NDTV-Dettol Banega Swasth Swachh India NDTV-Dettol Banega Swasth Swachh India
  • Home/
  • ताज़ातरीन ख़बरें/
  • पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सत्यनारायण मैसूर से जानिए, दिल्ली की जहरीली हवा का हेल्‍थ पर क्‍या असर पड़ रहा हैं?

ताज़ातरीन ख़बरें

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सत्यनारायण मैसूर से जानिए, दिल्ली की जहरीली हवा का हेल्‍थ पर क्‍या असर पड़ रहा हैं?

दिल्ली के वायु प्रदूषण से लगभग दस वर्षों तक जीवन कम होने की सूचना है. 510 मिलियन लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत लोगों के जीवन के 7.6 वर्ष औसतन प्रदूषण के कारण कम हो गए हैं.

Read In English
What Are The Health Effects Of Delhi's Toxic Air? Dr. Satyanarayana Mysore, A Pulmonologist Speaks
डॉ. मैसूर ने कहा कि स्मॉग वायु प्रदूषण को ढकने का काम करता है.

नई दिल्ली: वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है, जहां 63 प्रतिशत से अधिक आबादी राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों से अधिक क्षेत्रों में रहती है. दिल्ली के वायु प्रदूषण से लगभग दस वर्षों तक जीवन कम होने की सूचना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर भारत में रहने वाले 510 मिलियन लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत लोग प्रदूषण के बढ़ते लेवल के कारण अपने जीवन के औसतन 76 साल कम हुए हैं.मणिपाल अस्पताल, बैंगलोर के एक पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सत्यनारायण मैसूर ने एनडीटीवी से दिल्ली की वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बात की.

इसे भी पढ़ें: डेटॉल का हाइजीन करिकुलम बदल रहा बच्चों का जीवन, जानें हाइजीन अवेयरनेस को लेकर कितनी सफलता मिली

NDTV: दिल्ली के वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति कितनी खराब है?

डॉ. सत्यनारायण मैसूर: जैसा कि हम जानते हैं, दक्षिणी राज्यों की तुलना में दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में भारी मात्रा में अंतर है. यह राष्ट्रीय राजधानी में औसतन 312-350 AQI के विपरीत दक्षिणी भागों में लगभग 91-147 AQI है. 300 से ज्यादा एक्यूआई चिंताजनक है और दिल्ली का एक्यूआई खतरनाक लेवल पर है. इस समय स्मॉग के साथ यह वायु प्रदूषण पर ढक्कन का काम करेगा. हवा का संचार नहीं हो रहा है, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर, नाइट्रोजन आदि में वृद्धि हो रही है. वर्तमान में दिल्ली में प्रदूषण का यही परिमाण है.

इसे भी पढ़ें: जानिए कीटाणुओं से लड़ना और स्वस्थ भारत का निर्माण करना क्‍यों है जरूरी

NDTV: वायु प्रदूषण के फुफ्फुसीय स्वास्थ्य प्रभाव क्या हैं?

डॉ. सत्यनारायण मैसूर: वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों को अच्छी तरह से बताया गया है. वास्तव में, वैज्ञानिकों ने उस समय होने वाली मौतों की संख्या के साथ वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को जोड़ा है. वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में हर साल लगभग 70 लाख लोगों की मौत होती है. डॉक्टरों के रूप में, हम स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को तीन श्रेणियों में बांटते हैं: तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव.

  • तत्काल: इस श्रेणी में एलर्जिक राइनाइटिस, अस्थमा का बिगड़ना, सांस लेने में कठिनाई, कन्जंगक्टवाइटिस आदि से पीड़ित लोग शामिल हैं.
  • अल्पावधि: इनमें नवजात संबंधी विकार, वैस्क्यलर समस्याएं, दिल का दौरा और अन्य हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हैं.
  • दीर्घकालिक: इसमें मोतियाबिंद, फेफड़ों का कैंसर, और गंभीर चिकित्सा मुद्दे शामिल हैं.

जैसा कि हम देख सकते हैं, वायु प्रदूषण शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है.

NDTV: अस्पतालों में मरीज किस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर आ रहे हैं?

डॉ. सत्यनारायण मैसूर: हमने अस्पताल के आपातकालीन वार्डों में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी है. दूसरों के लिए, दवाओं की आवश्यकताएं बढ़ रही हैं, लोग स्किन में जलन, कन्जंगक्टवाइटिस और घुटन की सामान्य भावना बता रहे हैं. हृदय संबंधी घटनाओं की संख्या में भी मामूली वृद्धि हुई है, हालांकि इसका कोई निश्चित डाटा नहीं है कि क्या इसका सीधा कारण वायु प्रदूषण है.

इसे भी पढ़ें: एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन 9- ‘लक्ष्य, संपूर्ण स्वास्थ्य का’ के बारे में जरूरी बातें

NDTV: क्या आने वाले दिनों में लोग अपनी सुरक्षा के लिए कोई स्‍पेशल रूटिन अपना सकते हैं?

डॉ. सत्यनारायण मैसूर: वर्तमान में दिल्ली में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की एक बड़ी जिम्मेदारी है, और हर कोई शहर के एक्यूआई को कम करने में योगदान दे सकता है. जिन सरल चीजों का पालन किया जा सकता है उनमें मास्क पहनना शामिल है, और मैं डेली यूज के लिए एक अच्छे N95 मास्क पहनने की सिफारिश करूंगा. घर के अंदर रहना पसंद करें, एमरजेंसी को छोड़कर, वायु प्रदूषण में अपने योगदान को कम करने के लिए निजी वाहनों का उपयोग करने से बचें, और नियमित रूप से इनडोर एक्‍सरसाइज को प्राथमिकता दें.

यह एक व्यावहारिक रूप से उन्मुख दृष्टिकोण है जो जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है.इसके अलावा, उचित टीकाकरण कराएं, जैसे कि फ्लू शॉट. दमा के रोगियों को इस समय अधिक सतर्क रहना चाहिए, और निर्धारित दवाएं लेने और इनहेलर का यूज करने के बारे में विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए. लोगों को धूम्रपान बंद करना चाहिए, क्योंकि इससे उनके स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव पड़ेगा. एयर प्यूरीफायर की बात करें तो, उनके प्रभावों के बारे में सीमित प्रमाण होने के बावजूद, डिवाइस काम में आता है.

“दिल्ली को हरा-भरा बनाएं” दिल्ली के सभी निवासियों का आदर्श वाक्य यही होना चाहिए, क्योंकि यह दीर्घकालिक लाभ देगा. वर्तमान स्थिति हर लेवल पर व्यक्तिगत रूप से प्रयासों की मांग कर रही है.

This website follows the DNPA Code of Ethics

© Copyright NDTV Convergence Limited 2024. All rights reserved.