जलवायु परिवर्तन

भूमि पेडनेकर ने दी जलवायु संकट पर चेतावनी, कहा- यह ‘मानवता के लिए खतरा’

भूमि पेडनेकर ने कहा कि लोगों को अपने कामों के लिए जिम्मेदार बनना और जलवायु संकट को कम करने के हल का हिस्सा बनना चाहिए

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पर्यावरण के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भूमि पेडनेकर ने क्लाइमेट वारियर नामक एक अखिल भारतीय अभियान भी शुरू किया है

नई दिल्ली: एक्‍ट्रेस भूमि पेडनेकर क्‍लाइमेट चेंज के मुद्दे की वकालत करती रही हैं. 33 वर्षीय एक्‍ट्रेस ने पर्यावरण के संरक्षण और इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्लाइमेट वॉरियर नाम से एक अखिल भारतीय अभियान भी शुरू किया है. इस ऑनलाइन पहल का उद्देश्य सभी नागरिकों को जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के अनुकूल लाइफस्‍टाइल ऑप्‍शन के बारे में अधिक जागरूक बनाने से है. एनडीटीवी से बात करते हुए, पेडनेकर ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा की.

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पेडनेकर ने जो कहा, उसकी मुख्य बातें यहां दी गई हैं:

  1. जलवायु संकट के प्रति लोगों का गैरजिम्मेदाराना रवैया आने वाली पीढ़ियों को खतरे में डाल रहा है. शोधकर्ताओं और विभिन्न आंकड़ों ने दोहराया है कि कैसे हम एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गए हैं और दूसरी तरफ जाने के करीब हैं.
  2. पेडनेकर ने कहा, अधिकांश वित्तीय और आर्थिक संकट जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं. उन्होंने लोगों से वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को प्रचुर, स्वस्थ और निष्पक्ष ग्रह होने का एक उचित मौका देने की दिशा में मिलकर काम करने का आग्रह किया.
  3. सहानुभूति, केयर आदि की कमी, जलवायु परिवर्तन को उतना प्रभावित नहीं करती, जितना अज्ञानता की कमी करती है. पेडनेकर ने जलवायु संकट पर विश्व स्तर पर युवा वयस्कों के नेतृत्व में कई आंदोलनों पर प्रकाश डाला.
  4. शांति प्रयासों की अधिक व्यक्तिवादी स्तर पर जांच करने की जरूरत है. पेडनेकर ने कहा कि देशों को पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर मजबूत नीतियों की आवश्यकता है, और विश्व के नेताओं को यह पहचानने की जरूरत है कि दुनिया आपातकाल की स्थिति में है और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों पर नजर डालने की जरूरत आ चुकी है.
  5. एक्‍ट्रेस ने मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों को हर दिन कचरे का सबसे बड़ा उत्पादक माना, जो पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं.
  6. पेडनेकर ने लोगों से आग्रह किया कि वे एक स्थायी जीवन शैली के लिए 3 आर की अवधारणा- रीसायकल, रिडयूस और रियूज को लागू करें और ग्रह के प्रति अधिक संवेदनशील बनें.
  7. अन्य कदम जो व्यक्ति होने के नाते उठाए जा सकते हैं, उनमें स्रोत पर वेस्‍ट सेग्रीगेशन, पेड़ लगाना, प्राकृतिक संसाधनों का जिम्मेदारी से इस्‍तेमाल करना, सचेत खरीदारी करना और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं.

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पेडनेकर ने कहा कि प्रकृति के प्रकोप से कोई नहीं बच सकता. यह समय की मांग थी कि लोग अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार बनें और जलवायु संकट को कम करने के हल का हिस्सा बनें.

हम एक ऐसी पीढ़ी हैं, जो अपनी तरह की पहली ऐसी महामारी से गुज़री है जिसे उसने देखा है, और अगर साइंस पर विश्वास किया जाए, जो हमें करना चाहिए, तो यह इसकी शुरुआत है. सूखा, बाढ़ और अकाल हैं. आप जानते हैं, भोजन, पानी और बुनियादी संसाधनों की कमी के कारण लोगों की मौत हो रही है. उन्होंने कहा कि क्‍लाइमेट चेंज के कारण बड़े पैमाने पर शरणार्थी संकट हो रहे हैं और हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते.

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