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दिल्ली में कोविड-19 मामलों में तेजी, विशेषज्ञों ने कहा- “मास्क पहनें, घबराएं नहीं”
दिल्ली में अब सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क नहीं पहनने पर कोई जुर्माना नहीं है. क्या इससे कोविड-19 के मामलों में उछाल आया है?
Highlights
- दिल्ली दैनिक कोविड मामलों में बढोतरी और सकारात्मकता दर की रिपोर्ट कर रहा है
- दिल्ली और अन्य राज्यों ने मास्क पहनने के नियम में ढील दी है
- हमें चिंतित होना चाहिए, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है: डॉ रोमेल टिक्कू
नई दिल्ली: गुरुवार (14 अप्रैल) को, दिल्ली में कोविड-19 के 325 नए मामले दर्ज किए गए, जो 3 मार्च के बाद से 40 दिनों में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय राजधानी में सकारात्मकता दर बढ़कर 2.39 प्रतिशत हो गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार (12 अप्रैल) को कहा कि उनकी सरकार राजधानी में कोविड की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है और फिलहाल घबराने की कोई बड़ी वजह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम स्थिति के मुताबिक सभी जरूरी कदम उठाएंगे.
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दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और मुंबई में भी मामलों में तेजी देखी जा रही है. यह ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना जैसे विभिन्न राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर हर समय फेस मास्क पहनने के आदेश में ढील दी है. इस समय, दिल्ली में कोविड-19 मामलों में वृद्धि कितनी चिंताजनक है?
डॉ. रोमेल टिक्कू, निदेशक, आंतरिक चिकित्सा, मैक्स सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल ने कोविड मामलों में वृद्धि के बीच सतर्क रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा,
हमें चिंतित होना चाहिए, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं और घर पर ही ठीक हो रहे हैं. कोई गंभीर बीमारी नहीं हो रही है और उनमें से कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहा है. लेकिन, हम अपने उपायों को कम नहीं करना चाहिए.
दिल्ली में, सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क नहीं पहनने पर कोई जुर्माना नहीं है, जिसका मतलब है कि मास्क पहनना स्वैच्छिक है. उसी के बारे में बात करते हुए, डॉ टिक्कू ने कहा,
अगर आप बाहर हैं और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर हैं, तो आप कम से कम मास्क पहन सकते हैं क्योंकि यह आपको संक्रमित होने से बचाता है. हो सकता है कि आपको यह बीमारी न हो, लेकिन आप घर के बुजुर्गों और कमजोर लोगों के लिए संक्रमण के वाहक हो सकते हैं. मास्क लगाने को लेकर मिली ढील के बाद, लोगों ने असल में बचाव उपायों में भी ढिलाई बरतनी शुरू कर दी है.
इसी तरह के विचार साझा करते हुए, डॉ. मुग्धा तापड़िया, सीनियर कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज ने कहा कि फेस मास्क पहनना ट्रांसमिशन को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है. तापड़िया का मानना है कि फेस मास्क के उपयोग में गिरावट इस उछाल के पीछे एक कारण है. उन्होंने आगे कहा,
स्कूल फिर से खुल गए हैं और पात्र आयु वर्ग के सभी बच्चों ने कोविड वैक्सीन नहीं लिया है. बच्चे संक्रमण के वाहक बन सकते हैं. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि वे मास्क पहनना जारी रखें.
संक्रमण को रोकने के लिए, दिल्ली सरकार ने बुधवार (13 अप्रैल) को एक आदेश जारी कर लोगों से सभी कोविड सावधानियों का पालन करने का आग्रह किया – मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंडवाशिंग वगैरह. अगर कोविड का कोई मामला सामने आता है, तो स्कूल को शिक्षा निदेशालय को सूचित करना चाहिए और स्कूल या स्कूल के संबंधित विंग को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या कोविड-19 मामलों में वृद्धि और प्रतिबंध हटाने के बीच कोई संबंध है, डॉ विनी कान्त्रों (सलाहकार, श्वसन, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली) ने कहा कि दोनों के बीच संबंध के बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी. डॉ कांतरू ने कहा कि,
किसी भी सूरत में लोग नहीं माने. अब सरकार द्वारा फेस मास्क न पहनने पर लगे जुर्माने को हटाने के साथ ही संदेश गलत दिशा में चला गया है. हमें कुछ और समय के लिए सख्त रहने और कम से कम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की जरूरत है. दूसरा, अब सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं और सब कुछ खुल गया है – स्कूलों से लेकर बाजारों तक अंतरराष्ट्रीय यात्रा तक – इसलिए, इस तरह की स्पाइक की उम्मीद थी.
यूके का जिक्र करते हुए, डॉ तापड़िया ने सावधानी बरतने की सिफारिश करते हुए कहा –
हमने यूके में इस प्रवृत्ति को देखा, जहां सभी नियमों और जनादेशों को छोड़ दिए जाने के बाद मामले जल्द ही बढ़ गए. लेकिन वे इस ढिलाई के साथ जारी रहे क्योंकि अस्पताल में भर्ती में बढ़ोतरी नहीं हुई और कोई लॉकडाउन नहीं लगाया. उसी स्थिति में खुद को उतरने से रोकने के लिए, हमें मास्क पहनना जरूरी करने की जरूरत है और फिर भी अगर मामले बढ़ते हैं या कोई नया वेरिएंट हिट होता है, तो हम सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं.
डॉ टिक्कू का मानना है कि भारत में एक बड़ी कोविड लहर तब तक नहीं दिखेगी जब तक कि एक नया भयंकर वेरिएंट, जो अधिक विषैला और पारगम्य हो, हमें हिट न करे. लेकिन हमें अब इसके साथ रहना होगा, उन्होंने आगे कहा,
जिस तरह से हम फ्लू को हेंडल करते हैं, उसी तरह हमें कोविड-19 से भी निपटना होगा. यह भारत में एंडेमिक होता जा रहा है. इधर-उधर छिटपुट स्पाइक्स होंगे, लेकिन कोई बड़ी लहर नहीं हो रही है. मैं दोहराना चाहूंगा कि हम अपने सुरक्षा उपायों को छोड़ नहीं सकते. हमने देखा है कि यह वायरस क्या करने में सक्षम है.
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