जलवायु परिवर्तन
पीएम नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य की दिशा में भारत की तरफ किए जा रहे प्रयासों पर डाली रोशनी
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार और देश के नागरिक मिलकर जो सहयोग कर रहे हैं उसकी सराहना की
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से लगातार 10वीं बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपना भाषण दिया. अपने भाषण में, पीएम मोदी ने रिन्यूबल एनर्जी के महत्व, योग के प्राचीन अभ्यास, जलवायु परिवर्तन से लड़ने में और कई राज्यों में सफलतापूर्वक COVID टीकाकरण अभियान को लेकर जागरूकता फैलाने में सरकार और नागरिकों ने मिलकर जो योगदान दिया उसकी सराहना की.
यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण की खास बातों को हाइलाइट किया गया है:
- पीएम मोदी ने रिन्यूएबल एनर्जी के बारे में जागरूकता पैदा करने की दिशा में भारत के प्रयासों की सराहना की और ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ के दृष्टिकोण को दोहराया. वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG) इनिशिएटिव यानी पहल को पीएम मोदी ने अक्टूबर 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की पहली असेंबली में पेश किया था. इसका मकसद एक वर्ल्डवाइड ग्रिड डेवलप करने में मदद करना है जिसके माध्यम से क्लीन एनर्जी को कहीं भी, कभी भी ट्रांसमिट किया जा सकता है.
- भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करना है. वर्तमान में देश में 178 गीगावॉट रिन्यूबल एनर्जी कैपेसिटी है, जिसमें 71 गीगावॉट सोलर एनर्जी, 44 गीगावॉट विंड एनर्जी और 47 गीगावॉट लार्ज हाइड्रोइलेक्ट्रिक कैपेसिटी शामिल है.
- भारत ने सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करके और इसे 26 गुना बढ़ाकर, ऊर्जा सुरक्षा और प्रदूषण रहित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए रिन्यूबल एनर्जी के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले हासिल करने के अपने प्रयासों को दर्शाया है.
- भारत ने मिशन #LiFE-‘Lifestyle for the Environment” शुरू करके और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाकर जलवायु परिवर्तन से लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया, जिसके कई देश मेंबर भी बन गए हैं.
- योग और आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) को दुनिया भर में समग्र स्वास्थ्य देखभाल के तौर पर स्वीकार किया जा रहा है. सरकार ने भारत की प्राचीन स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रणालियों को फिर से व्यवहार में लाने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक अलग आयुष मंत्रालय भी स्थापित किया है.
- भारत ने जिस तरह से कोरोना वायरस के संकट से जंग लड़ी और देशव्यापी टीकाकरण अभियान चलाया उसने दुनिया के सामने देश की क्षमता साबित की. आंगनवाड़ी, आशा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने देश को COVID-19 टीकों की 200 करोड़ खुराक सफलतापूर्वक देने में मदद की.
- भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण के माध्यम से बीमारियों के संबंध में मनुष्यों, जानवरों और पौधों को समान रूप से महत्व दिए जाने की वकालत भी की.
- केंद्र सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों को 5 लाख रुपये की वार्षिक स्वास्थ्य गारंटी प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह निवेश यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज में सुधार के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसे बढ़ावा देने के लिए है.
- आम जनता को सस्ती कीमतों पर क्वालिटी वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र ने कई जन औषधि केंद्र स्थापित किए हैं. पीएम ने कहा कि इस प्रयास से देश के मध्यम वर्ग को काफी राहत मिली है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य केंद्रों की मौजूदा संख्या को 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करना है.
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(न्यूज एजेंसी पीटीआई और एएनआई से इनपुट)