अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022
International Women’s Day 2022: वो तथ्य जो आपको पता होने चाहिए
हर साल 8 मार्च को एक युनीक थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जो इस वर्ष जलवायु संकट के अनुरूप है.
New Delhi: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) हर साल 8 मार्च को महिलाओं की सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक आर्थिक उपलब्धियों को मनाने के लिए मनाया जाता है. जबकि इसका महत्व जगह-जगह अलग-अलग है, कुछ देशों में लैंगिक समानता के लिए लड़ने का दिन है, तो कुछ देशों में यह महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है. यहां जानें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के बारे में कुछ अहम बातें-
थीम
हर साल महिला दिवस को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम ‘एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता’ है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के योगदान को उजागर करना है, जो जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, शमन और प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने वाले अपने समुदायों में भाग लेती हैं. ताकि सभी के लिए एक अधिक टिकाऊ भविष्य का निर्माण किया जा सके.
“महिलाओं को पुरुषों की तुलना में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है, जैसा कि वे दुनिया के अधिकांश गरीब समुह और प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक निर्भर हैं, जो जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. साथ ही, महिलाएं और लड़कियां जलवायु अनुकूलन और शमन के लिए प्रभावी और शक्तिशाली नेता और परिवर्तन निर्माता हैं. वे दुनिया भर में स्थिरता की पहल में शामिल हैं, और उनकी भागीदारी और नेतृत्व के परिणामस्वरूप अधिक प्रभावी जलवायु कार्रवाई होती है,” यूएन वूमेन फॉर आईडब्ल्यूडी 2022 के आधिकारिक बयान में कहा गया .
इसमें कहा गया कि लैंगिक समानता के बिना आज एक स्थायी भविष्य और एक समान भविष्य हमारी पहुंच से बाहर है.
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संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा महिलाओं और जलवायु परिवर्तन पर कुछ तथ्य
1. गरीबी की स्थिति में रहने वाले 1.3 अरब लोगों में से 70 फीसदी महिलाएं हैं. शहरी क्षेत्रों में, 40 प्रतिशत गरीब परिवारों का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जाता है.
2. विश्व के खाद्य उत्पादन में महिलाओं का वर्चस्व 50-80 प्रतिशत है, लेकिन उनके पास 10 प्रतिशत से भी कम भूमि है.
3. दुनिया भर में जलवायु संबंधी आपदाओं और परिवर्तनों से विस्थापित होने वालों में 80 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां हैं.
4. जलवायु परिवर्तन से अधिक लिंग आधारित हिंसा, बाल विवाह में वृद्धि, और खराब यौन और प्रजनन स्वास्थ्य हो सकता है.
5. COVID-19 महामारी के कारण महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बढ़ गई है.
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इतिहास
1975 में, संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया. तब से, संयुक्त राष्ट्र इस वार्षिक आयोजन का प्राथमिक प्रायोजक बन गया है और दुनिया भर के देशों को अपने देश और समुदायों के इतिहास में असाधारण भूमिका निभाने वाली सामान्य महिलाओं द्वारा साहस और दृढ़ संकल्प के कार्यों को मनाने के के लिए प्रोत्साहित करता है.’