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मंत्रियों ने विश्व पर्यावरण दिवस 2023 को वृक्षारोपण के साथ मनाया, प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने का आह्वान किया

विश्व पर्यावरण दिवस 2023: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर जोर देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया

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नई दिल्ली: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. ये लाखों लोगों को एक साथ लाने और उन्हें पृथ्वी की रक्षा और पुनर्स्थापना के प्रयास में शामिल करने का दिन है. इस साल आयोजन की 50वीं वर्षगांठ है. विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ है. यह याद दिलाता है कि प्लास्टिक प्रदूषण को लेकर लोगों का एक्शन मायने रखता है. समारोह के भाग में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर जोर देने के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय बजट 2023-24 में घोषित दो योजनाएं – ‘अमृत धरोहर’ और ‘मिष्टी’ शुरू की गईं.

अमृत धरोहर का उद्देश्य कंजर्वेशन थ्रू कम्युनिटी पार्टिसिपेशन एंड प्रोस्पेरिटी थ्रू कंजर्वेशन यानी की फिलोसफी के जरिए रामसर साइट्स के कंजर्वेशन वैल्यूज को प्रमोट करना है. दूसरी ओर MISHTI का उद्देश्य हमारे कोस्टल इकोसिस्टम के इकोलॉजिकल और सोश्यो-इकॉनॉमिक रेजिलेंस को बढ़ावा देना है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि 21वीं सदी का भारत जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बहुत स्पष्ट रोडमैप के साथ आगे बढ़ रहा है. इस साल के पर्यावरण दिवस की थीम – सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत पिछले 4-5 वर्षों से लगातार इस दिशा में काम कर रहा है. पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने 2018 में सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए दो स्तरों पर काम करना शुरू किया. उन्होंने कहा,

एक तरफ हमने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया है तो दूसरी तरफ प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग को अनिवार्य कर दिया है.

इस दिन को याद करने और हमारे पर्यावरण की रक्षा करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, हमारे मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश साझा किए.

भारत के उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ ने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ने का आह्वान किया. उन्होंने लिखा, “#WorldEnvironmentDay पर, हम प्लास्टिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में काम करें. प्रकृति के साथ अपने बंधन को गहरा करके भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ सकते हैं.

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर धनखड़ ने संसद भवन परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा मुख्यालय में पौधारोपण किया. नड्डा ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में वृक्षारोपण किया. प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन हमारी संस्कृति भी है और दायित्व भी. आईए हम सभी मिलकर प्राणी मात्र के कल्याण के लिए पेड़ लगाएं व पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लें.”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में हरिशंकरी (बरगद, पीपल, पाकड़) के पौधे रोपे.

सीएम आदित्यनाथ ने नागरिकों से प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों में शामिल होने की भी अपील की. उन्होंने पर्यावरण को प्लास्टिक से बचाने के लिए “छह आर – रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल, रिकवर, रिफैब्रिकेट और रिपेयर” का मंत्र भी दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 51 वर्षों से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस का उत्सव पर्यावरण संकट पर वैश्विक चिंता की गवाही देता है, जो पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गया है.

वह वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित ‘रेस फॉर लाइफ: सर्कुलर इकोनॉमी एंड लोकल क्लाइमेट एक्शन’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि,

आर्थिक विकास की 51 साल की यात्रा में किस तरह से पर्यावरण की उपेक्षा की गई है, यह चिंता का विषय है. पृथ्वी, जल, वायु, पेड़ और पौधे मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं. हम सब भी पांच तत्वों के इर्द-गिर्द ही बने हैं. यद्यपि हमारे जीवन चक्र और शेष सृष्टि के जीवन चक्र के बीच एक संबंध है, हम जल, वायु और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को विभिन्न बीमारियों के रूप में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है और इन बीमारियों के इलाज की लागत लोगों की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ले जाती है.

सीएम आदित्यनाथ ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नमामि गंगे परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा कि आज प्रयागराज और काशी में गंगा का पानी स्वच्छ और अविरल हो गया है. उन्होंने कहा,

लोग खुशी-खुशी इसमें दर्शन और स्नान कर रहे हैं. जबकि पहले लोग प्रयागराज कुंभ में स्नान नहीं कर सकते थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हर गांव में अमृत सरोवर का निर्माण किया जा रहा है.

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उन्होंने इंसेफेलाइटिस बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि इसका कारण प्रदूषण और गंदगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति जागरूक होकर इसे दोबारा फैलने से रोकने के लिए सभी को काम करना चाहिए.

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान” है. “इसे 2018 में ही राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया था. सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पाप के बराबर है क्योंकि इसे खाने से गाय की मौत हो सकती है. प्लास्टिक एक अविनाशी चीज होने के कारण धरती मां के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.

मुख्यमंत्री ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने वाले वन महोत्सव की भी जानकारी दी और कहा कि राज्य सरकार ने 35 करोड़ पौधे लगाने का निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य की सभी 58,000 ग्राम पंचायतों और 762 नगर निकायों को ऑनलाइन माध्यम से लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट की शपथ दिलाई.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने सभी को “विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं” देते हुए कहा, “पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना और पर्यावरणीय क्षति को रोकना हममें से प्रत्येक की जिम्मेदारी है. आइए हम पर्यावरण और पृथ्वी की जैव विविधता की रक्षा के लिए पहल करने का निर्णय लें और सतत विकास की ओर बढ़ें.”

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, पवार ने पुणे में पार्टी कार्यालय में आयोजित ‘एक घर, एक झाड़’ (एक घर, एक पेड़) एक्टिविटी में भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान, केसर आम की कलम वितरित की गई. देखे तस्वीरें:

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “विश्व पर्यावरण दिवस के इस मौके पर आइए प्रण लें एक ऐसे वातावरण के निर्माण का जहां स्वच्छ हवा, शुद्ध पानी और खुशहाल एवं स्वस्थ लोग निवास करें. आइए मिलकर अपने पर्यावरण को साफ और सुंदर बनाएं।”

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को जन-आंदोलन में बदलने का आह्वान किया. स्थिति की तात्कालिकता को स्वीकार करते हुए, सीएम ने एक ऐसा वातावरण बनाने के लिए कलेक्टिव एक्शन की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां नागरिक स्वच्छ हवा और शुद्ध पानी का आनंद ले सकें.

दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से सोमवार को त्यागराज स्टेडियम में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन के दौरान, प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया और एक वोकल ग्रुप ने पर्यावरण को समर्पित एक गीत प्रस्तुत किया.

इसके बाद पर्यावरण विभाग ने स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए ऑक्सीजन पर एक शॉर्ट फिल्म दिखाई. आयोजन के अंत में, पर्यावरण को बेहतर बनाने में सक्रिय रूप से शामिल ईको क्लब, आरडब्ल्यूए और वन रक्षकों को सम्मानित किया गया और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए. इस कार्यक्रम में पर्यावरण और वन मंत्री गोपाल राय, स्थानीय विधायक और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

सीएम केजरीवाल ने इस आयोजन के लिए त्यागराज स्टेडियम में एकत्र हुए दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को धन्यवाद दिया और कहा कि वे देश का भविष्य हैं और इस महान राष्ट्र को आगे ले जाना है.

उन्होंने कहा कि आज विश्व विश्व स्तर पर 50वां विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लोगों को याद दिलाया कि 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहला ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया था.

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया.

कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने नागरिकों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने और अपने पर्यावरण को स्वच्छ और शुद्ध रखने का संकल्प लेने का आग्रह किया.

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, अर्जुन मुंडा ने एक पेड़ की पूजा करने वाली महिलाओं की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘आप सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. आइये, आज ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर हम सभी अपने पर्यावरण को स्वच्छ, सुन्दर, पवित्र और निर्मल कर उसके संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लें.’

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ वीरेंद्र कुमार ने भी अधिक पौधे लगाने और हरियाली को बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान किया.

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विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास ओक ओवर से एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर, संजौली और शिमला पब्लिक स्कूल के छात्रों के साथ-साथ शिमला नगर निगम के स्वयंसेवकों ने रैली में भाग लिया.

राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए कई उपाय किए जाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है.

उन्होंने कहा कि देवभूमि के रूप में पहचाने जाने वाले हिमाचल प्रदेश का उद्देश्य जागरूकता अभियान के माध्यम से युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है.

बयान में कहा गया है कि साइकिल सवार भी रैली में शामिल हुए.

पर्यावरण के संरक्षण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने एक ग्रीन बजट पेश किया है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों को शामिल किया गया है.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने आज सुबह महराजगंज बाजार, अगरतला में स्वच्छता अभियान में भाग लिया और पौधारोपण किया. उन्होंने कहा, “इस विशेष दिन पर, आइए हम सब मिलकर प्लास्टिक का उपयोग बंद करने और अपने पर्यावरण को स्वस्थ रखने का संकल्प लें।”

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में सीएम साहा ने कहा,

हमें फ्रेंडली एनवायरनमेंट का सम्मान करते हुए कचरे और बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं को ठीक से अलग करना चाहिए. हम त्रिपुरा को पूरी तरह से प्लास्टिक और प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो समय की मांग है. पीएम मोदी भी यही चाहते हैं.

इसके विपरीत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि उनका पूरा ज़ोर पर्यावरण और वन कानूनों एवं नियमों को पूरी तरह से कमजोर करने पर है. एक लंबे सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा,

पर्यावरणीय स्वीकृति से संबंधित कानूनों को अत्यधिक उदार बनाया गया है. मेरी अध्यक्षता वाली स्थायी समिति को वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में संशोधनों के लिए जानबूझकर अलग रखा गया. जनजातीय समुदायों के अधिकारों को मान्यता देने वाले वन अधिकार अधिनियम, 2006 को क्षमताहीन कर दिया गया. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की शक्तियां छीन ली गई. हाथियों का व्यापार खुले रूप से हो रहा है.

उन्होंने आगे कहा,

सरकार पर्यावरण एवं वन से जुड़े कानूनों पर अभी और हमले की योजना बना रही है. वहीं पर्यावरण से जुड़े आंदोलनों को दबाया और आंदोलनकारियों को डराया जा रहा है। पर्यावरण को लेकर वैश्विक स्तर पर की जा रही बातों और देश में हो रहे कार्यों में जमीन आसमान का अंतर है.

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इस बीच, पश्चिम बंगाल के पर्यावरण मंत्री मानस भुनिया ने विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की, जहां बीज वितरित किए गए, पौधे लगाए गए और छात्रों के बीच क्विज कॉन्टेस्ट आयोजित किए गए. भुनिया ने कहा,

धरती हमारी मां से कम नहीं है. अगर हम अंधाधुंध प्लास्टिक का उपयोग करेंगे, तो बड़े पैमाने पर प्रदूषण होगा, जो हमारी मां पर हमला करने के समान होगा.

उन्होंने छात्र से औद्योगिक प्रदूषण की रिपोर्ट सरकार के ‘परिबेश’ एप के माध्यम से देने को कहा. उन्होंने कहा कि,

रिपोर्ट सही पाए जाने पर हम सूचनादाता को पुरस्कृत करेंगे और उसकी पहचान भी गुप्त रखेंगे.

राज्य के वन विभाग ने न्यू टाउन हरिनालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया जहां वन मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक ने हरियाली को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया. मल्लिक ने कार्यक्रम में नीम के पौधे रोपे.

उन्होंने कहा कि सरकार सुंदरवन में 1.54 करोड़ मैंग्रोव पौधे लगा चुकी है और इस अभियान को जारी रखेगी.

बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूजियम (BITM) में एक क्विज कॉन्टेस्ट आयोजित किया गया और पर्यावरण संरक्षण पर एक फिल्म दिखाई गई.

यूनीक खगोलीय घटना – ‘जीरो शैडो डे’ पर एक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. स्कूली बच्चों के बीच बीज का वितरण भी किया गया.

प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक देबिप्रसाद दुआरी ने कहा कि शहर में सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर जीरो शैडो मोमेंट देखा गया.

प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए साल्ट लेक में निक्को पार्क के पास प्लास्टिक कचरे से एक आर्ट इंस्टालेशन बनाया गया था. एक एनजीओ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.

पार्क स्ट्रीट स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज परिसर में इस्तेमाल की गई प्लास्टिक की बोतलों को जमा करने के लिए एक स्मार्ट बिन लगाया गया है. आर-पेट जो इस पहल के पीछे है के एक प्रवक्ता ने कहा,

बिन में एक सेंसर है जो डेटा प्रबंधन केंद्र को सूचित करेगा जब फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों की संख्या थ्रेसहोल्ड लिमिट तक पहुंच जाएगी.

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इस बीच, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि अगले साल राज्य में एक करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यहां एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत पौधे नीम के होंगे. उन्होंने कहा,

प्रदेश में अगले साल एक करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. उसमें से 10 प्रतिशत नीम का होगा और शेष 90 प्रतिशत फलदार वृक्षों का होगा ताकि लोगों को मुफ्त में फल उपलब्ध हो सकें.

उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण के साथ लोगों के पोषण की दिशा में एक सार्थक कदम होगा.

राज्यपाल ने कहा कि झारखंड हरियाली का प्रतीक है, जहां लोग पेड़ों की पूजा करते हैं.

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजभवन में 50 से अधिक पौधे रोपे गए. उन्होंने कहा कि,

प्लास्टिक के प्रयोग से हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. हम जब भी बाजार जाएं तो बैग लेकर जाएं और प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें.

दूसरी ओर, केरल सरकार ने अन्य पहलों के साथ-साथ हरित सभाओं का आयोजन करके और राज्य भर में प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ एक अभियान शुरू करके विश्व पर्यावरण दिवस मनाया. राज्य स्तरीय हरित सभा की शुरुआत करते हुए स्थानीय स्वशासन विभाग के मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि राज्य को कचरा मुक्त बनाने के लिए कानून को मजबूत करने की जरूरत है.

विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों और स्थानीय समुदाय के सहयोग से ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ अभियान की शुरुआत करते हुए पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने कहा कि राज्य में पर्यटन केंद्रों को साफ रखने के लिए सभी लोग कर्तव्यबद्ध हैं.

मंत्री राजेश ने कहा कि अकेले जागरूकता अभियान से ‘स्टेट विद नो वेस्ट’ कार्यक्रम के वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे. राजेश ने कहा कि,

कैंपेन और वाटर डिस्पोजल पर फोकस्ड प्रोजेक्ट के साथ मार्च 2024 तक केरल को पूरी तरह से कचरा मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनता के सहयोग और समर्थन की भी आवश्यकता है. हमारे आस-पास सफाई रखने के लिए नियमों और कानूनी उपायों को सख्ती से लागू करने की भी आवश्यकता है.

लोकल सेल्फ गवर्नमेंट डिपार्टमेंट (LSGD) ने लोकल सेल्फ गवर्नमेंट इन्स्टिट्यूशन्स (LSGIs) की सक्रिय भागीदारी के साथ हरित सभाओं का आयोजन किया. राजेश ने कहा कि,

सरकार का लक्ष्य तीन चरणों में मार्च 2024 तक केरल को पूरी तरह कचरा मुक्त बनाना है. हमें जैव-कचरे को उसके मूल स्थान पर ही निपटाना होगा और सार्वजनिक स्थानों से कूड़े के ढेर को हटाना होगा.

उन्होंने कहा कि अभियान का दूसरा चरण 31 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा और हरित सभा 1 नवंबर को फिर से बुलाई जाएगी.

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रियास ने राज्य की राजधानी के पास कोवलम में प्रसिद्ध हवा बीच पर एक मेगा समुद्र तट सफाई और जागरूकता अभियान का उद्घाटन किया और कहा कि सरकारी एजेंसियां प्लास्टिक के विकल्प के रूप में उपयोग करने के लिए कागज और कपड़े के बैग बनाने के लिए स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि पर्यटन हितधारक और उद्यमी पूरी तरह से प्लास्टिक से परहेज करेंगे और विकल्प के रूप में स्थानीय रूप से बने उत्पादों पर भरोसा करेंगे और दुनिया के लिए एक उदाहरण पेश करेंगे.

पर्यटन मंत्री ने आरटी मिशन द्वारा अपने ‘स्वच्छ केरल पहल’ के माध्यम से ‘स्मार्टर चॉइस ऑफ ग्रीनर टुमॉरो’ अभियान के तहत बनाए गए 1,000 कपड़े के थैलों का वितरण भी शुरू किया. एलएसजीडी ने कहा कि भारत के सबसे बड़े जागरूकता अभियानों में से एक हरित सभा में दो लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति थी. उन्होंने ये भी बताया कि 15 मार्च 2023 से 1 जून 2023 तक चलाए गए ‘स्टेट विद नो वेस्ट’ अभियान के परिणामों का मूल्यांकन किया और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की.

अधिकारियों ने कहा राजस्थान में वन और पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर एक जन जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाई और राज्य में 33 नए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का उद्घाटन किया.

एक बयान में कहा गया कि मंत्री ने जिले के जमवारामगढ़ क्षेत्र के थोलाई में इंटीग्रेटेड रिसोर्स रिकवरी पार्क की आधारशिला भी रखी. वन विभाग की ओर से दो हजार पौधे मुफ्त में बांटे गए.

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भविष्य और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि राजस्थान सरकार की नई वन नीति अधिक से अधिक पेड़ लगाने को बढ़ावा देती है. उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों की सक्रिय भागीदारी से पर्यावरण को बचाया जा सकता है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस अवसर पर कोयला मंत्रालय और कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने कर्मचारियों और स्थानीय समुदायों को LiFE एक्टिविटीज के अनुरूप सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए.

इस तरह की पहल में भूमि सुधार और वनीकरण में रणनीतिक प्रयास, वायु गुणवत्ता और शोर का प्रभावी प्रबंधन, उत्सर्जन में कमी, सामुदायिक उद्देश्यों के लिए खदान के पानी का लाभकारी उपयोग, ऊर्जा-कुशल उपायों का कार्यान्वयन, ओवरबर्डन का सतत उपयोग और इको पार्क और खान पर्यटन का विकास शामिल हैं. पिछले दो हफ्तों के दौरान कोयला सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा 200 से अधिक जागरूकता अभियान/कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं ताकि दैनिक जीवन में LiFE कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके और अपनाया जा सके. इन कार्यक्रमों में वेस्ट रिडक्शन के 5आर सिद्धांतों (रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज, रिपेयर और रिसाइकल) के बारे में जागरूकता बढ़ाने जैसी गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है.

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LiFE अभियान का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने में इंडिविजुअल एक्शन को प्राथमिकता देना है. यह लोगों को अपने दैनिक जीवन में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जैसे कि प्लास्टिक की खपत को कम करना, भोजन की बर्बादी को कम करना, ऊर्जा की बचत, कचरे की रीसाइक्लिंग और पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का उपयोग करना. उन्होंने कहा,

नो योर ट्री” पहल के माध्यम से कोयला क्षेत्रों में पाई जाने वाली विविध वृक्ष प्रजातियों के महत्व पर सूचनात्मक चर्चाओं को होस्ट करना, सस्टेनेबल फूड सिस्टम्स के महत्व पर जोर देना, फल देने वाले पौधों/पौधों और पर्यावरण के अनुकूल जूट बैग का वितरण करना, लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट थीम पर निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन करना, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, साइक्लोथॉन आदि जैसे रचनात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, “पर्यावरण पर सिंगल-यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यालय परिसर के भीतर और आसपास प्लास्टिक कचरा संग्रह अभियान चलाने, ई-कचरा संग्रह अभियान आयोजित करने, तालाब की सफाई गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने, सेमिनार आयोजित करने जैसी अतिरिक्त गतिविधियां, होम कम्पोस्टिंग LiFE एक्शन्स पर सेमिनार्स भी आयोजित किए गए.

कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने सोमवार को एग्रीकल्चरल वेस्ट की रीसाइक्लिंग और केमिकल फ्री फार्मिंग पर जोर दिया. कृषि मंत्रालय ने नई दिल्ली में पूसा में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मिशन लाइफ पर एक कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम की शुरुआत चौधरी द्वारा कार्यक्रम स्थल के परिसर में वृक्षारोपण गतिविधि के साथ हुई.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने अपनी टिप्पणी में पर्यावरण के लिए जीवन शैली के महत्व पर प्रकाश डाला और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में रसायन मुक्त खेती पर जोर दिया.

उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के लिए कृषि में मिशन LiFE को अपनाने पर जोर दिया.

राजस्थान का उदाहरण देते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक बार प्री-मानसून वर्षा हो रही है.

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