ताज़ातरीन ख़बरें
COVID-19 महामारी से सतत रिकवरी टीकों से शुरू होनी चाहिए: यूएन में भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कच्चे माल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखना जरूरी है.
Highlights
- यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने उठाया वैक्सीन असमानता का मुद्दा
- तिरुमूर्ति ने कोविड से उबरने के लिए वैक्सीन इक्विटी पर जोर दिया
- तिरुमूर्ति ने टीकों को उपलब्ध, सुलभ और किफायती बनाने पर जोर दिया
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “अगर हमें महामारी से स्थायी रूप से उबरने की जरूरत है, तो इसकी शुरुआत टीकों से होनी चाहिए.” तिरुमूर्ति शांति निर्माण आयोग-ईसीओएसओसी की बैठक में ‘कोविड-19 महामारी से उबरने के संदर्भ में टिकाऊ शांति और सतत विकास को बढ़ावा देने’ पर बोल रहे थे. बैठक में उन्होंने चार मुख्य बिंदु बनाए – 1. वैक्सीन इक्विटी पर ध्यान केंद्रित करना, 2. आतंकवाद से लड़ने के लिए संघर्षग्रस्त राज्य की क्षमता को मजबूत करना, 3. विशेष रूप से छोटे राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने के लिए तुरंत वित्तपोषण फिर से शुरू करें, 4. मानव केंद्रित डिजिटल पहल को अपनाएं.
इसे भी पढ़ें: Explained: ओमिक्रॉन कितनी तेजी से फैलता है और रोग की गंभीरता क्या है?
In @UNPeacebuilding & @UNECOSOC meeting, I made 4 main points:
????Focus on #VaccineEquity
????Strengthen conflict-ridden State’s capacity to fight #Terror
????Resume financing immediately to revive economies, especially of Small States, #SIDS
????Adopt human-centric #Digital initiatives pic.twitter.com/7FQ60Eo2n1— PR/Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) December 16, 2021
तिरुमूर्ति ने वैक्सीन इक्विटी और अलग-अलग देशों को टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में भारत की भूमिका के बारे में विस्तार से बात की. यहां उन्होंने वैक्सीन इक्विटी और एक स्थायी रिकवरी के संबंध में प्रमुख बिंदु दिए हैं:
1. अधिकांश विकासशील देशों का टीकाकरण अभी बाकी है. इसलिए पहला फोकस वैक्सीन इक्विटी पर होना चाहिए.
2. हमें अपने प्रयासों को बढ़ाने और कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध, सुलभ और सस्ती बनाने की जरूरत है.
3. ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने के बाद, भारत ने अफ्रीका में प्रभावित देशों को तुरंत सहायता की पेशकश की है, जिसमें भारत में निर्मित टीके, जरूरी जीवन रक्षक दवाएं और चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति शामिल है.
4. हमने अफगानिस्तान को पांच लाख कोविड-19 टीके कोवेक्सीन (COVAXIN) समेत अहम और जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति की है. मुश्किल हालातों में काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को ध्यान में रखते हुए, हमने उन सभी को कवर करने के लिए दो लाख कोविड-19 वैक्सीन खुराक दान की.
5. टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कच्चे माल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखना जरूरी है.
अफ्रीका में आतंकवाद के बारे में बात करते हुए और यह कैसे कोविड-19 से रिकवरी को प्रभावित करता है, तिरुमूर्ति ने कहा,
जब तक हम आतंक से लड़ने के लिए राष्ट्र की क्षमता को मजबूत करने में सक्षम नहीं होंगे, तब तक हम संघर्ष या कोविड से स्थायी रिकवरी नहीं कर सकते.
अंत में अपनी बात को समाप्त करते हुए तिरुमूर्ति ने रिकवरी के एजेंडे को ओवरलोड करने और रिकवरी को एनीमिक बनाने के बजाय प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
इसे भी पढ़ें: कितना बड़ा खतरा है कोरोनावायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रोन?
PR @ambtstirumurti addressed the Joint PBC-ECOSOC Meeting on ‘Promoting Durable Peace & Sustainable Development in the context of recovery from the COVID-19 Pandemic’.
Highlights ⤵️@MeaIndia pic.twitter.com/p1gng1ZjGk
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) December 15, 2021