कोरोनावायरस के बारे में
डब्ल्यूएचओ ने कोविड और ओमिक्रोन के बारे में भ्रम पैदा करने वाली ‘मिस इन्फोर्मेशन’ का भंडाफोड़ किया
डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने बताया कि महामारी को लेकर बहुत मिसइन्फोर्मेशन फैली है, जैसे ओमिक्रोन हल्का है और यह लास्ट वेरिएंट है, जो नोवेल कोरोनावायरस को पनपने दे रहा था
Highlights
- पिछले हफ्ते विश्व स्तर पर पाए गए मामलों में 8% की वृद्धि हुई है
- BA.2 BA.1 से भी अधिक तेजी से फैल सकता है: डॉ मारिया वान केरखोव, WHO
- कम टेस्ट के कारण BA.2 को ट्रैक करने में सक्षम नहीं हो पाए हैं: WHO
नई दिल्ली: दुनिया पिछले दो साल से अधिक समय से कोविड-19 महामारी से जूझ रही है और इसके साथ ही हम नोवेल कोरोनावायरस के बारे में गलत सूचनाओं से भी निपट रहे हैं. शनिवार (19 मार्च) को कोविड-19 महामारी पर एक अपडेट शेयर करते हुए डॉ मारिया वान केरखोव, कोविड-19 टेक्निकल लीड, डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम ने ‘बड़ी मात्रा में गलत सूचना’ पर चिंता जताई. यह ऐसे समय में आया है जब दुनिया ने पिछले हफ्ते पाए गए कोविड-19 मामलों में आठ प्रतिशत की वृद्धि देखी, जिसमें 11 मिलियन से अधिक डब्ल्यूएओ को रिपोर्ट किए गए. यह दुनिया भर में होने वाले टेस्ट में नोटेबल कमी के बावजूद है, डॉ केरखोव ने कहा.
बड़ी मात्रा में गलत सूचनाओं को “बड़ी कन्फ्यूजन का कारण” बताते हुए डॉ केरखोव ने कहा,
हमारे पास कोविड-19 के बारे में बहुत सी गलत सूचनाएं हैं कि ओमिक्रोन हल्का है या महामारी खत्म हो गई है. इसके साथ ही ये भी गलत सूचना है कि यह अंतिम वेरिएंट है जिससे हमें निपटना होगा.
We have huge amounts of misinformation that’s out there. The misinformation that Omicron is mild. Misinformation that the pandemic is over. Misinformation that this is the last variant that we will have to deal with. This is really causing a lot of confusion @mvankerkhove pic.twitter.com/Ou7vuiV1GD
— Cleavon MD ???? ???? ???? (@Cleavon_MD) March 19, 2022
दुनिया भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बारे में बात करते हुए, डॉ केरखोव ने कहा कि इसके पीछे कई कारक हैं जैसे ओमिक्रोन वेरिएंट का ट्रांसमिशन.
हम अभी भी ओमिक्रोन से जूझ रहे हैं जो दुनिया भर में बहुत तीव्र लेवल पर ट्रामिशन कर रहा है. हमारे पास ओमिक्रोन बीए.1 और बीए.2 के उप-वंश हैं. बीए.2 बीए.1 से भी अधिक पारगम्य है और यह अब तक SARS-Cov-2 वायरस का अब तक का सबसे अधिक प्रसारित होने वाला वेरिएंट है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को हटाने, मास्क के उपयोग को हटाने, शारीरिक दूरी, रिस्ट्रिक्शन, लोगों की आवाजाही को सीमित करने के संदर्भ में यह वायरस को फैलने का अवसर प्रदान करेगा.
ओमिक्रोन वैरिएंट का प्रसार और COVID-19 मामलों में वृद्धि
उन्होंने कहा ओमिक्रोन वैरिएंट का प्रसार और कोविड-19 मामलों में वृद्धि पिछले 30 दिनों में चार लाख से अधिक सेम्पल्स का सीक्वेंस किया गया, जिनमें से 99.9 प्रतिशत सीक्वेंस ओमिक्रोन वैरिएंट के हैं और लगभग 75 प्रतिशत बीए.2 के हैं, डॉ केरखोव ने बताया.
99.9% of sequences provided in the last 30 days are #Omicron. Among those ~75% are BA.2 & 25% BA.1. All of these are variants of concern. However, our ability to track Omicron is compromised because testing is reduced. You can’t sequence those who you do not test! @mvankerkhove pic.twitter.com/7o1KthIQ4c
— Cleavon MD ???? ???? ???? (@Cleavon_MD) March 18, 2022
हम बीए.2 के अनुपात में वृद्धि देख रहे हैं. हालांकि, दुनिया भर में होने वाले टेस्ट की मात्रा में काफी गिरावट आ रही है. हालाँकि, दुनिया भर में होने वाले परीक्षण की मात्रा में काफी गिरावट आ रही है. इसलिए, इस वायरस को और BA.2 को ट्रैक करने की हमारी क्षमता से समझौता हुआ, क्योंकि परीक्षण कम हुए. और आप उनको सीक्वेंस नहीं कर सकते हैं, जिनके सेंपल आपके पास नहीं या जिनको आपने अपने टेस्ट नहीं किया. डॉ केरखोव ने कहा, हमें सभी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद कोविड-19 के लिए दुनिया भर में एक बहुत मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम की जरूरत है.
डब्ल्यूएचओ एक्सपर्ट ने लगातार टेस्ट, स्ट्रॉन्ग सीक्वेंस और शेयर किए गए सीक्वेंस के अच्छे भौगोलिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने पर जोर दिया ताकि वास्तविक समय में वायरस को ट्रैक किया जा सके. सुश्री केरखोव ने कहा कि ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम गंभीर है, लेकिन, बीए.2 अब तक का सबसे परमिएबल प्रतीत होता है. उन्होंने कहा,
हम पॉपुलेशन लेवल्स पर बीए.1 की तुलना में बीए.2 की गंभीरता में परिवर्तन नहीं देखते हैं. हालांकि, बड़ी संख्या में मामलों के साथ आप अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि देखेंगे और बदले में यह बढ़ी हुई मौतों में तब्दील हो गई है.
We do not see changes in severity of BA.2 compared to BA.1 at population levels. However, w/huge numbers of cases, you will see an increase in hospitalizations & that in turn has translated into increased deaths… primarily in people not vaxxed or partially vaxxed @mvankerkhove pic.twitter.com/xsOehCZQhU
— Cleavon MD ???? ???? ???? (@Cleavon_MD) March 19, 2022
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मौतें मुख्य रूप से उन लोगों में हो रही हैं जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है या वे लोग हैं जिनको सिर्फ टीके की केवल एक खुराक मिली है. इस फैक्ट को दोहराते हुए कि टीके जीवन बचाते हैं और कोविड-19 के दौरान भी बचाव कर रहे हैं, डॉ केरखोव ने कहा,
कोविड-19 के टीके ओमिक्रोन सहित गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में अविश्वसनीय रूप से प्रभावी हैं.