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अ पाथवे फ्रॉम हाइजीन टू वैलनेस: रेकिट ने लॉन्च की कॉफी टेबल बुक, यूनिवर्सल हाइजीन की ओर भारत के बढ़ते कदमों पर फोकस

रेकिट की कॉफी टेबल बुक को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 के दौरान लॉन्च किया गया, भारत में यूनिवर्सल हाइजीन और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर दिया गया ज़ोर

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कॉफी टेबल बुक में सार्वभौमिक स्वच्छता यानी यूनिवर्सल हाइजीन की ओर भारत के बढ़ते कदमों पर फोकस किया गया है

नई दिल्ली: #DettolBanegaSwasthIndia – ‘अ पाथवे फ्रॉम हाइजीन टू वैलनेस’ एक कॉफी टेबल बुक है, जिसे आउटलुक और रेकिट द्वारा तैयार किया गया है. इसमें सार्वभौमिक स्वच्छता यानी यूनिवर्सल हाइजीन की ओर भारत के बढ़ते कदमों पर फोकस किया गया है. इस किताब के जरिये लोगों को अपने जीवन की गुणवत्ता यानी लाइफ क्‍वालिटी को बेहतर बनाने के लिए सेल्‍फ-केयर की आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है. प्रख्यात पब्लिक पॉलिसी एक्‍सपर्ट व नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण-पूर्व एशिया),डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, एम्स (नई दिल्ली) के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, भारत में यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर, शोम्बी शार्प, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस के स्वामी चिदानंद सरस्वती, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस की महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, भारतीय स्वच्छता गठबंधन की अध्यक्ष नैना लाल किदवई, रेकिट के कार्यकारी उपाध्यक्ष – दक्षिण एशिया, गौरव जैन और रेकिट के निदेशक, विदेश मामले और भागीदारी रवि भटनागर व पुस्तक के अतिथि संपादक सहित कई लोगों ने इस कॉफी टेबल बुक को तैयार करने में योगदान दिया है.

इस पुस्तक का विमोचन जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 के दौरान 22 जनवरी को युवा मामले और खेल मंत्रालय (भारत सरकार) की पूर्व सचिव, आईएएस (सेवानिवृत्त) उपमा चौधरी, रेकिट के बोर्ड सदस्य व कार्यकारी उपाध्यक्ष – दक्षिण एशिया गौरव जैन, प्लान इंडिया के कार्यकारी निदेशक मोहम्मद आसिफ, जी20 शेरपा अमिताभ कांत, टीमवर्क आर्ट्स के एमडी संजय रॉय और फेस्टिवल डायरेक्टर विलियम डेलरिम्पल की मौजूदगी में हुआ. इस कार्यक्रम में एक डिजिटल फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें 24 मिलियन स्कूली बच्चों तक स्वास्थ्य और स्वच्छता के व्यवहार को पोषित करने के लिए ‘डेटॉल – बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम’ के तहत कई वर्षों से किए जा रहे प्रयासों को प्रदर्शित किया गया.

किताब में बताई गई हैं ये बातें

यह कॉफी टेबल बुक पुस्तक मुख्‍य रूप से इस बात पर फोकस करती है कि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा पुस्‍तक में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के मूल्यवान विचारों को भी शामिल किया गया है, जैसे-

  1. स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने इस पुस्तक में ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस की स्थापना के अपने तर्क को स्पष्ट किया है, ताकि धार्मिक नेताओं को उनके संबंधित धार्मिक ग्रंथों के संदर्भों के जरिये स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया जा सके.
  2. डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, दक्षिण-पूर्व एशिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि कैसे स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने से डायरिया और तीव्र श्वसन संक्रमण यानी एक्‍यूट रेसिपरेटरी इंफेक्‍शन को रोकने में मदद मिलेगी, जो छोटे बच्चों में मृत्यु दर के दो सबसे बड़े कारणों में है. उन्‍होंने बताया कि साबुन से हाथ धोना एक सरल और असरकारी काम है, जो भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाता है.
  3. डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स-नई दिल्ली ने इस बात को रेखांकित किया कि हाथ धोना, फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना भविष्य में संक्रमण के प्रकोप से बचने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी की नई लहरों के दुनिया भर में फैलने और टीकों के प्रभाव के कम होने के साथ, सुरक्षित दूरी का सेल्‍फ केयर नियम, फेस मास्क पहनना और टीकाकरण के साथ हाथों को साफ-सुथरा रखने की आदत को स्थायी रूप से अपनाना जरूरी है.
  4. भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा कि भारत के व्यापक लोगों को स्वच्छ जल और स्वच्छता प्रदान करने को लेकर राजनीतिक और वित्तीय प्रतिबद्धता तेजी से लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में सुधार के अलावा स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान देने से न केवल स्वच्छ जल और स्वच्छता के सतत विकास के लक्ष्य (एसडीजी) 6 को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, बल्कि यह अन्य लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में भी मददगार हो सकता है, जिससे देश की उत्पादकता और जीडीपी में भी सुधार हो सकता है.
  5. डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, WHO ने कहा कि अगली बार जब कोई वैश्विक महामारी या कुछ देशों में कोई बीमारी फैलती है, तो इस डेटा का ज्ञान इससे निपटने के लिए वैश्विक स्‍तर पर योजना बनाने में मददगार साबित होगा. इसके लिए बौद्धिक संपदा को साझा किया जाना चाहिए साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण कैसे हो.
  6. G20 शेरपा अमिताभ कांत ने अपने उद्घाटन भाषण में भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (सारी दुनिया एक परिवार है) के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि हम सभी स्वस्थ रहें, तो विश्व स्तर पर इसका शानदार परिणाम देखने को मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि “हमारी तरक्‍की हमारे हाथों में है, बशर्ते हाथ साफ-सुथरे हों”

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