कोई पीछे नहीं रहेगा

अभिनेत्री नेहा धूपिया ने “रेनबो एवरीवेयर” के साथ मनाया प्राइड मंथ

अभिनेत्री नेहा धूपिया ने प्राइड मंथ के अंतिम दिन सोशल मीडिया पर बड़े ही अलग अंदाज में LGBTQIA+ समुदाय को अपना समर्थन प्रदर्शित किया

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अभिनेत्री नेहा धूपिया के “रेनबो आउटफिट्स” ने “लव इज लव” का मैसेज दिया

नई दिल्ली: जून महीने को हर साल प्राइड मंथ के रूप में मनाया जाता है. इस माह में हर तरफ इंद्रधनुषी रंगों के झंडे नजर आते हैं. प्राइड मंथ के अंतिम दिन अभिनेत्री नेहा धूपिया ने एलजीबीक्यूआईए+ समुदाय को अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. उन्होंने अपनी फोटो शूट की कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिनमें वे इंद्रधनुषी रंगों के आउटफिट्स पहने प्यार, विविधता और एकता का उत्सव मनाती नजर आ रही हैं. उन्होंने इस तस्वीरों को कैप्शन दिया है- “रेनबो एवरीवेयर”. इंद्रधनुष एलजीबीक्यूआईए+ समुदाय की पहचान और गौरव का प्रतीक है.

अपनी पहली तस्वीर में नेहा ने एक ग्राफिक टीशर्ट पहनी है, जिस पर रेनबो फ्लैग के साथ अलग अलग चेहरे प्रिंट हैं और लिखा है “लव इज लव”. तस्वीर में नेहा चटकीले इंद्रधनुषी रंगों से पेंट किए गए दिवार के सामने खड़ी हैं.


दूसरी तस्वीर में रेनबो फ्लैग के रंगों की साड़ी में नजर आ रही हैं.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नेहा ने समूह के बारे में कहा,

मैं प्यार और गौरव को सेलिब्रेट करने के लिए कुछ करना चाहती थी. भले ही यह मेरा जिया हुआ अनुभव नहीं है, फिर भी मैंने प्यार को हर चीज से ऊपर माना है और मानती रहूंगी. सच में हर जगह प्यार रेनबो और दिल होना चाहिए. प्यार एक जीवन भर का अनुभव है और इसलिए इसका उत्सव हमेशा मनाया जाना चाहिए और अब प्राइड मंथ समाप्त होने वाला है, मैं उम्मीद करती हूं हर कोई यह जान जाएगा कि प्यार सबसे ऊपर है.

समान अधिकारों के लिए एलजीबीक्यूआईए+ समुदाय के संघर्ष की स्मृति में जून को प्राइड मंथ के रूप में मनाया जाता है. यह लोगों को स्वयं को पहचानने और समाज में अपनी जगह और आवाज खोजने का अवसर देता है.

जून को प्राइड मंथ चुने जाने का इतिहास वर्ष 1969 में न्यूयार्क सिटी में हुए स्टोनवॉल विद्रोह से शुरू होता है. 28 जून 1969 को न्यूयार्क के सबसे लोकप्रिय गे बार स्टोनवॉल इन पर पुलिस ने छापा मारा था. छापा बगैर लाइसेंस के शराब परोसने के बहाने मारा गया था. यह खबर तेजी से शहर में फैल गई. उसी दिन शाम से हजारों लोग जिनमें शहर के प्रमुख से लेकर आम नागरिक तक शामिल थे, पुलिस की बर्बरता के खिलाफ सड़क पर उतर आए. यह संघर्ष छह दिन जारी रहा.

स्टोनवॉल विद्रोह के बाद इस घटना की पहली बरसी पर 28 जून 1970 को पहला प्राइड मार्च निकाला गया था.

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