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आशा कार्यकर्ता हेल्थ की ट्रू चैंपियन हैं: भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रॉडरिगो आफरीन
NDTV-डेटॉल बनेगा स्वस्थ भारत के स्वतंत्रता दिवस के स्पेशल एपिसोड में, भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ. रॉडरिगो आफरीन ने हेल्थ और स्वस्थ भारत के निर्माण में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका के बारे में बात की
नई दिल्ली: 2022 मई में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या आशा को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया. वे अवॉर्ड पाने वालीं उन छह प्राप्तकर्ताओं में से थीं जिन्होंने हेल्या की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया था. भारत में आशा कार्यकर्ताओं को WHO से मिली मान्यता और इसके पीछे के कारण के बारे में बात करने के लिए, भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ. रॉडरिगो आफरीन, NDTV-डेटॉल बनेगा स्वस्थ भारत स्वतंत्रता दिवस स्पेशल एपिसोड – भारत की ‘आशा’ में शामिल हुए.
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शो में डॉ. रॉडरिगो आफरीन द्वारा कही गईं बातों के मुख्य अंश-
- आशा कार्यकर्ता हेल्थ की सच्ची चैंपियन हैं, वे लोगों के दरवाजे तक प्राइमरी हेल्थ सेवा लाती हैं, खासकर सबसे कमजोर आबादी तक.
- कई लोगों के लिए, खासतौर से महिलाओं, बच्चों और वंचित आबादी के लिए, जो ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे हैं, आशा कार्यकर्ता उनकी अक्सर स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने का माध्यम हैं.
- ये महिलाएं उस ट्रेंड वॉलिंटियर कम्युनिटी का हिस्सा हैं जिनकी वे सेवा करती हैं और अब इनकी संख्या भारत में एक मिलियन से अधिक है. सालों से ये समुदायों को सेफ डिलीवरी, पोषण, टीकाकरण, परिवार नियोजन और लोगों को इंफेक्शन और बीमारियों से बचाने के लिए हेल्थ सर्विस, केयर और सलाह दे रही हैं. वे छोटे बच्चों की भी देखभाल कर ररही हैं. उनके अथक प्रयास और प्रतिबद्धता काबिले तारीफ है.
- COVID-19 महामारी सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रही है. आशा कार्यकर्ताओं के लिए, महामारी ने उनके कार्यों को और भी व्यापक बना दिया – कम्युनिटी का मार्गदर्शन करने से लेकर खुद को कैसे सेफ रखा जाए और COVID-19 से जुड़े सवालों और चिंताओं को और उचित व्यवहार का पालन करने के साथ, आशा कार्यकर्ताओं ने बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ बहुत कुछ किया. वे COVID-19 वैक्सीन के लिए लोगों को एक साथ लाने के लिए घर-घर भी गईं. आशा कार्यकर्ताओं को इन गतिविधियों और कोविड के प्रति प्रतिक्रिया से इंफेक्शन का खतरा होता है, इसके बावजूद उन्होंने दिन-रात यह काम किया और विशेष रूप से कमजोर आबादी के हेल्थ और धन के लिए एक अमूल्य योगदान दिया.
- आशा कार्यकर्ता पोलियो उन्मूलन से लेकर टीकाकरण को मजबूत करने, इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी और यहां तक कि बीमारियों के उन्मूलन तक राष्ट्रीय कार्यक्रमों में योगदान देती रही हैं, आशा कार्यकर्ता हमेशा हेल्थ सर्विस में सबसे आगे रही हैं. महामारी ने एक बार फिर उनकी भावना, समर्पण, सेवा और निस्वार्थ सेवा को उजागर किया.
- सबसे कठिन परिस्थितियों में भी, आशा कार्यकर्ताओं ने कम्युनिटी को हेल्थ सर्विस से जोड़ना जारी रखा, यह सुनिश्चित करते हुए कि लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच हो और साथ ही महामारी की प्रतिक्रिया को बढ़ाने में भी मदद की.
- आशा कम्युनिटी और हेल्थ केयर प्रणाली के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करती हैं, वे लाखों लोगों को हेल्थ और बेहतर भविष्य की उम्मीद देती रहती हैं.
- ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड आशा कार्यकर्ताओं को समर्पित है.
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