कोरोनावायरस के बारे में

कोविड-19 ओमिक्रोन वेरिएंट: जानें क्या कहते हैं WHO के एक्सपर्ट

डब्ल्यूएचओ की डॉ मारिया वान केरक्होव, हेड, आउटब्रेक इन्वेस्टिगेशन टास्क फोर्स बताती हैं कि कोई व्यक्ति SARS-CoV-2 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कैसे सुरक्षित रह सकता है.

Published

on

क्योंकि ओमि‍क्रोन वेरिएंट दुनिया भर में तेज गति से फैल रहा है, डेल्टा वेरिएंट की तुलना में इसकी गंभीरता और संचरण क्षमता के बारे में एक्सपर्ट से जानें

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention) ने कहा कि तेजी से फैलने वाला ओमिक्रोन वैरिएंट अब संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड-19 का प्रमुख स्ट्रेन है, क्योंकि यह पिछले एक हफ्ते में अमेरिका में नए मामलों का 73.2 प्रतिशत है. जैसा कि ओमिक्रोन वेरिएंट दुनिया भर में तेज गति से फैल रहा है, डेल्टा वेरिएंट की तुलना में इसकी गंभीरता और संचरण क्षमता से जुड़े सवालों और चर्चाओं का विषय बना हुआ है. डब्ल्यूएचओ की डॉ मारिया वैन केरखोव, प्रमुख, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आउटब्रेक इंवेस्टगेशन टास्क फोर्स (Head, Outbreak Investigation Task Force of the World Health Organization) बताते हैं कि कैसे सार्स-सीओवी -2 के ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ कोई सुरक्षित रह सकता है.

जबकि डॉ मारिया का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक अभी भी हर दिन ओमिक्रोन वेरिएंट के बारे में बहुत कुछ सीख रहे हैं, जब ट्रांसमिसिबिलिटी की बात आती है, तो उनके पास यह साबित करने के लिए स्पष्ट सबूत हैं कि यह कितनी तेजी से फैल सकता है. उन्होंने कहा –

”हम चिंता के दूसरे वेरिएंट्स की तुलना में ओमिक्रोन की वास्तव में बढ़ी हुई बढ़ोतरी दर देख रहे हैं. ये कुछ सबसे तेज बढ़ोतरी हैं, जिन्हें हमने आज तक देखा है. हम जानते हैं कि यह डेल्टा से तेजी से विकस‍ित हो रहा है. और इसका मतलब यह है कि हम वहां मामलों में बड़ी बढ़ोतरी देख रहे हैं, जहां ओमिक्रोन का पता चला है. जबकि ओमिक्रोन 77 से ज्यादा देशों में पाया गया है, यह संभावना है कि यह अन्य देशों में भी मौजूद है.”

इसे भी पढ़ें: ओमिक्रॉन खतरा: एम्स प्रमुख ने दी चेतावनी, कहा- हाल तरह के हालात के लिए तैयार रहें

डॉ मारिया आगे इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि अभी बड़े सवाल यह हैं कि ओमिक्रोन दूसरे वेरिएंट के साथ कैसे प्रतिस्पर्धा करेगा, जो आबादी में हैं? उदाहरण के लिए, ओमिक्रोन डेल्टा को पछाड़ देगा या नहीं?

हमारे लिए यह कहना कि हमें पूरी समझ होना अभी भी थोड़ा जल्दी है, लेकिन हम जो कह सकते हैं वह यह है कि ओमिक्रोन में पहचाने गए कुछ म्यूटेशन ग्रोथ एडवांटेज देंगे. इसे और ज्यादा पारगम्य होने की अनुमति देंगे. इसलिए, यह एक चिंता का विषय है, जो हमारे पास है. जैसा कि हम जानते हैं ज्यादा मामले यानी ज्यादा प्रसार, जैसा कि हम देख रहे हैं और ऐसे में हमारे पास ज्यादा मामले होंगे. ज्यादा मामलों का मतलब है कि ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने और ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने से स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां, जो पहले से ही अत्यधिक बोझ में हैं, एक ऐसी स्थिति में आ सकती हैं जहां लोगों को सही देखभाल नहीं मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है.

जब ओमिक्रोन की गंभीरता और लक्षणों के बारे में रिपोर्ट की बात आती है, जो बाकी वेरिएंट से अलग हो सकते हैं, तो डॉ मारिया ने कहा कि जबकि लक्षण अभी भी दर्ज किए जा रहे हैं. फिर भी रोग के मामलों की मदद से हम जो जान पाए वो ये कि ओमिक्रोन वाले लोगों में बीमारी का पूरा स्पेक्ट्रम हो सकता है, एसिम्पटमेटिक संक्रमण, हल्का संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों और ओमिक्रोन से लोगों की मृत्यु हुई है. उन्होंने आगे कहा-

इसे भी पढ़ें: COVID-19: सरकार ने दिए ओमि‍क्रोम वेरिएंट से जुड़े सवालों के जवाब

हमारे पास प्रारंभिक रिपोर्टें हैं, जो बताती हैं कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन कम गंभीर है. हालांकि, अगर फिर से हमारे पास ज्यादा मामले आते हैं तो ज्यादा मामलों का मतलब है ज्यादा लोगों का अस्पताल में भर्ती होना, और अगर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर अत्यधिक बोझ डाला जाता है, तो लोग मर जाएंगे, क्योंकि उन्हें उचित देखभाल नहीं मिलेगी जिसकी उन्हें जरूरत है. इसलिए, यह बताना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रोन कम या ज्यादा गंभीर है या नहीं. लेकिन हमारे पास कुछ शुरुआती रिपोर्टें हैं कि यह कम गंभीर है. अब, मूर्ख न बनें. यहां तक ​​कि ऐसा वायरस जो कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, तो भी यह वायरस कमजोर आबादी को प्रभावित कर सकता है. और हम अंतर्निहित स्थितियों वाले लोगों को जानते हैं, बड़ी उम्र के लोग, अगर वे ओमिक्रोन समेत SARS-CoV-2 के किसी भी प्रकार से संक्रमित हैं, तो उन्हें गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, यह असल में जरूरी है कि भले ही हम ज्यादा हल्की बीमारी देखते हों, फिर भी हम सभी आबादी में संचरण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, जो लोग टीकाकरण कर चुके हैं, साथ ही वे लोग जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है.

रोग प्रस्तुति के संदर्भ में डॉ मारिया कहती हैं कि ऐसे कई अध्ययन चल रहे हैं, जो इसे देख रहे हैं और जो लोग दूसरे वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन से संक्रमित हैं.

हमने रोग प्रोफ़ाइल में कोई बदलाव नहीं देखा है. उदाहरण के लिए हमने डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन वाले लोगों के लक्षणों में कोई बदलाव नहीं देखा है. तो आप अंतर नहीं बता पाएंगे. इसलिए, आपके लिए सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने आप को सुरक्षित रखें. टीका लगवाएं और सुनिश्चित करें कि आप इस वायरस के जोखिम को कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Omicron Cases In India: अब तक 21 मामले, हम इसे कैसे रोकेंगे

डॉ मारिया ने यह भी सलाह दी कि लोग ओमिक्रोन से खुद को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं. उन्होंने कहा,

ऐसी कई चीजें हैं जो लोग खुद को सुरक्षित रखने के लिए कर सकते हैं. सबसे पहले तो टीका लगवाना है. अब ऐसे कई अध्ययन चल रहे हैं, जो ओमिक्रोन के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता को देख रहे हैं. हमारे पास अभी तक पूरी तस्वीर नहीं है, लेकिन हम जो जानते हैं वह यह है कि टीकाकरण न करने से बेहतर है. और सभी देशों में अहम यह है कि वे लोग जो जोखिम में हैं, जिनकी आयु 60 वर्ष से ज्यादा है, जिनकी अंतर्निहित स्थितियां हैं, वे अपने टीके लगवाएं और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें अपनी पहली और दूसरी खुराक लगी हो. यह असल में अहम है कि जब हर किसी की बारी आती है, तो उसका टीकाकरण हो जाता है. और साथ ही हम उन लोगों के बीच टीकाकरण कवरेज बढ़ाते हैं, जो सभी देशों में सबसे ज्यादा जोखिम में हैं, हमें हर जगह संचरण को कम करने के लिए भी कदम उठाने होंगे. हमें आसान उपायों की इस्तेमाल करते रहना होगा: शारीरिक दूरी, साफ हाथों से अच्छी तरह मास्क पहनना, भीड़ से बचना, जहां हम रहते हैं, जहां हम काम करते हैं, जहां हम पढ़ते हैं उस जगह केक वेंटिलेशन में सुधार करना.

डॉ मारिया का कहना है कि अभी सबसे बड़ा कारक यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी वायरस के संपर्क में कम आए, चाहे कोई भी वेरिएंट प्रसारित हो रहा हो.

डेल्टा वेरिएंट दुनिया भर में प्रमुख है, इसे भी नियंत्रण में लाने की जरूरत है और डेल्टा के लिए अभी हम जो कुछ भी करते हैं, वह ओमिक्रोन के मामलों में भी लाभान्वित करेगा, चाहे वह कैसे भी सामने आए, चाहे हम इसके बारे में कुछ भी सीखें. इसलिए खुद को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश करें. डॉ मारिया ने कहा कि टीका लगवाएं और सुनिश्चित करें कि आप इस वायरस के जोखिम को कम करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version