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वर्ल्ड फूड डे 2023 की थीम: ‘जल ही जीवन है, जल ही भोजन है. किसी को पीछे न छोड़ें’

वर्ल्ड फूड डे 2023 का मकसद पानी और फूड प्रोडक्शन के बीच जो संबंध है, उसके बारे में जागरूकता बढ़ाना और ज्यादा सस्टेनेबल फूड प्रोडक्शन और कंजंप्शन पैटर्न को बढ़ावा देना है

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इस साल की थीम के जरिए हमारे जीवन में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका और हमारे भोजन की नींव के तौर पर पानी की अहमियत समझाने का प्रयास किया गया है. इस साल की थीम है - 'जल ही जीवन है, जल ही भोजन है. किसी को पीछे न छोड़ें.'

नई दिल्ली: हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे (World Food Day) मनाया जाता है, जिसका मकसद है दुनिया भर में भूख की समस्या को मिटाकर लोगों का जीवन बेहतर बनाना और इसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना. यह दिन यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) की स्थापना का भी प्रतीक है, जिसकी 1945 में इसी दिन नींव रखी गई थी.

वर्ल्ड फूड डे 2023 की थीम

इस साल की थीम के जरिए हमारे जीवन में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका और हमारे भोजन की नींव के तौर पर पानी की अहमियत समझाने पर फोकस गया है. इस साल की थीम है – ‘जल ही जीवन है, जल ही भोजन है. किसी को पीछे न छोड़ें.’ इसका उद्देश्य समझदारी से पानी का इस्तेमाल किए जाने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है क्योंकि तेजी से बढ़ती जनसंख्या, आर्थिक विकास, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन ने पानी की उपलब्धता को खतरे में डाल दिया है, जिससे खाद्य असुरक्षा यानी फूड इनसिक्योरिटी में बढ़ोतरी हुई है.

यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड वॉटर रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, पानी की कमी का सामना करने वाली वैश्विक आबादी यानी ग्लोबल पॉपुलेशन 2016 में 93.3 करोड़ से बढ़कर 2050 में 1.7 – 2.4 अरब हो जाने का अनुमान है. रिपोर्ट में भारत के सबसे गंभीर रूप से प्रभावित होने का अनुमान लगाया है.

पानी लोगों, अर्थव्यवस्थाओं और प्रकृति के लिए बेहद जरूरी है और हमारे भोजन की नींव है. एक ओर, यह फूड प्रोडक्शन के लिए जरूरी है और दूसरी ओर, हम क्या खाते हैं, और वह भोजन कैसे उत्पन्न होता है, यह सब पानी को प्रभावित करता है. यह फूड सिक्योरिटी के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि फसलों और पशुओं को बढ़ने के लिए पानी की जरूरत होती है.

लेकिन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) के मुताबिक, कई दशकों से खराब जल प्रबंधन, पानी का दुरुपयोग और प्रदूषण ने पानी (Groundwater) की सप्लाई और इकोसिस्टम को खराब कर दिया है.

FAO की रिपोर्ट के मुताबिक:

– दुनियाभर में लगभग 2.4 अरब लोग उन देशों में रहते हैं जहां पानी की सप्लाई सीमित है.

– दुनियाभर में केवल 2.5 प्रतिशत पानी ताजा है, जो पीने के लिए, कृषि और औद्योगिक इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है. कृषि की बात करें तो 2050 तक कृषि के लिए दुनियाभर में पानी की मांग 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है. FAO ने आगे कहा कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन ने भी इस ग्रह के जल संसाधनों को कम कर दिया है.

– दुनियाभर में प्रति व्यक्ति ताजे पानी के संसाधनों में पिछले दशकों में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है, और दशकों से खराब मैनेजमेंट, ग्राउंड वॉटर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की उपलब्धता यानी अवेलेबिलिटी और क्वालिटी तेजी से बिगड़ रही है.

वर्ल्ड फूड डे का महत्व

वर्ल्ड फूड डे दुनिया के लिए ग्लोबल हंगर क्राइसिस यानी वैश्विक भूख संकट से निपटने और इस संदेश को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है कि भोजन एक मौलिक और बुनियादी मानव अधिकार है.

वर्ल्ड फूड डे 2023 का मकसद पानी और फूड प्रोडक्शन के बीच जो संबंध है उसके बारे में जागरूकता बढ़ाना और ज्यादा सस्टेनेबल फूड प्रोडक्शन और कंजंप्शन पैटर्न को बढ़ावा देना है. यह दिन पानी और फूड सिक्योरिटी की मौजूदा स्थिति के बारे में दुनिया को सचेत करने और डिसीजन मेकर्स को इन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रोत्साहित करने के तौर पर मनाया जाता है.

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