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स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र हर कोने तक पहुंचा रहे प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

भारत में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWC) के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही है

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डॉ मंडाविया ने कहा कि 24 अक्टूबर, 2023 तक 211 करोड़ से ज्यादा लोगों को इन कल्याण केंद्रों से फायदा पहुंचा है

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 30 अक्टूबर को दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्रीय समिति (World Health Organization Regional Committee) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है.” डॉ. मंडाविया ने कहा कि देश हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में समग्र और समावेशी दृष्टिकोण अपना रहा है.

दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय समिति के 76 वें सत्र में डॉ. मंडाविया ने जो बातें कहीं, उसके मुख्य अंश इस प्रकार हैं:

  1. भारत हेल्थ केयर सेक्टर को बढ़ाने के लिए एक समग्र और समावेशी दृष्टिकोण अपना रहा है, जिसमें हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से लेकर इलाज के पारंपरिक तरीकों को बढ़ावा देना और इलाज के आधुनिक तरीकों के साथ उन्हें जोड़ना शामिल है.
  2. देश यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के विजन और किसी को भी पीछे न छोड़ने के अपने दृढ़ संकल्प के मुताबिक सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बना रहा है.
  3. भारत में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWC) के जरिए दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं.
  4. 24 अक्टूबर 2023 तक 211 करोड़ से ज्यादा लोगों को इन वेलनेस सेंटरों से फायदा पहुंचा है. लोगों ने 183 करोड़ से ज्यादा बार मुफ्त दवाओं और 87.3 करोड़ से ज्यादा बार डायग्नोस्टिक सर्विस का फायदा उठाया.
  5. देश भर में लगभग 2.6 करोड़ वेलनेस सेशन आयोजित किए गए हैं, जिसमें 30.6 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं.
  6. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) ने डिजिटल हेल्थ फ्रेमवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है और देश में हेल्थकेयर की पहुंच को बढ़ाया है.

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इस सत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत भी शामिल हुए, जिन्होंने प्राइमरी हेल्थ केयर (PHC)-ओरिएंटेड हेल्थ सिस्टम के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय फोरम की स्थापना और PHC से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में इसके योगदान के बारे में बात की.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) भी इस सत्र में शामिल हुए, जिसमें उन्होंने गैर-संचारी रोगों यानी नॉन- कम्युनिकेबल डिजीज से निपटने और ‘हेल्थ फॉर ऑल’ के लक्ष्य को हासिल करने के दृढ़ संकल्प के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की. डॉ. टेड्रोस ने कहा कि भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के 11 सदस्य देशों में से सात ने उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (Neglected tropical diseases) में से कम से कम एक को सफलतापूर्वक खत्म कर दिया है.

WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम केथ्रपाल ने 1,50,000 से ज्यादा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWC) का संचालन करने के लिए भारत की सराहना की.

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