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बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर दिन अभ्यास करने योग्य 5 योग आसन
मल्टी-डिसिप्लिनरी योग टीचर शेरेन खन्ना, हमें शरीर के सभी हिस्सों को कवर करने वाले आसनों के एक सेट के बारे में बता रही हैं, जिसका अभ्यास अच्छे स्वास्थ्य और सेहत के लिए नियमित रूप से किया जा सकता है
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (UN) योग को भारत में उत्पन्न हुई एक पुरानी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक एक्सरसाइज बताता है. ‘योग’ शब्द संस्कृत से निकला है और इसका अर्थ है जोड़ना या एकजुट होना, ये शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है. आज यह दुनिया भर में अलग-अलग रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी जारी है. 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले हमने SharanKhannaYoga की संस्थापक शेरेन खन्ना से बातचीत की, जो मल्टी-डिसिप्लिनरी योग टीचर होने के साथ-साथ अष्टांग और हठ योग की विशेषज्ञ भी हैं.
शेरेन खन्ना ने हमें शरीर के सभी हिस्सों को कवर करने वाली मुद्राओं के एक सेट के बारे में जानकारी दी है. अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए इन आसनों का नियमित रूप से अभ्यास किया जा सकता है.
शेरेन मंत्रोच्चार के साथ सत्र शुरू करने और फिर आसन की ओर बढ़ने की सलाह देती हैं.
ताड़ासन – पूरी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव के लिए
कैसे करें:
- इस आसन को शुरू करने के लिए अपने हाथों को जांघों पर रखें. अपने सामने एक जगह पर ध्यान लगाए रखें.
- सांस भरते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाएं.
फायदे:
- यह शरीर से अकड़न को दूर करता है.
- यह रीढ़ की हड्डी और नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है और आपकी सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है.
- सांस के साथ तालमेल बिठाने पर यह अभ्यास अकड़न को दूर कर सकता है.
वृक्षासन – संतुलन मुद्रा
कैसे करें:
- सारा वजन बाएं पैर पर शिफ्ट करें. सांस अंदर लें और एड़ी को ऊपर उठाएं. आप एड़ी को कमर पर – घुटने के ऊपर या घुटने के नीचे रख सकते हैं.
- शरीर को स्थिर करने के लिए हाथों को छाती के सामने रखें. ठीक से ध्यान लगाएं.
- अगली सांस में अपने हाथों को ऊपर उठाएं. हर बार सांस लेने के साथ, रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और हर बार सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को जमीन पर टिका दें.
- आसन को समाप्त करने के लिए सांस छोड़ें और हाथों को फ्री करें. सांस लें, घुटनों को पकड़ें और धीरे-धीरे नीचे लाएं.
फायदे:
- हर दिन लगभग 5 से 10 सांसों तक इस आसन का अभ्यास करने से रीढ़ और पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
- यह आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और गर्दन एवं कंधों से अकड़न को दूर करता है.
- यह मन को शांत करता है, ध्यान केंद्रित करने की भावना लाता है और एकाग्रता में सुधार करता है.
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फॉरवर्ड फोल्ड
कैसे करें:
- अपने पैर, कूल्हे को अलग रखें और पैर की उंगलियों को सामने की ओर रखें.
- सांस लें और अपने हाथों को ऊपर उठाएं. अपनी कोहनी पकड़ें; ऊपरी हाथ कान के बराबर लाएं.
- सांस भरते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाएं. सांस छोड़ें और कूल्हे को दोबारा नीचे करें. अपने घुटनों को ढीला या थोड़ा मुड़ा हुआ रखें.
- हर बार सांस लेने के साथ, रीढ़ की गड्डी को सीधा करें और हर बार सांस छोड़ते, अपने आप को मोड़ें.
- करीब 5 से 10 बार तक इसी को दोहराएं.
- धीरे-धीरे सांस लें और ऊपर आएं. सांस छोड़ें और अपने हाथों को छोड़ दें और अपने पैरों को वापस ताड़ासन की स्थिति में छोड़ दें.
फायदे:
- फॉरवर्ड फोल्ड थेरेपी का आसन हैं. जब आप आगे की ओर मुड़े होते हैं, तो आपके सिर और पेट के एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता हैं.
- यदि आप तनाव सिरदर्द, माइग्रेन या शरीर में तनाव से पीड़ित हैं, तो सिर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार इन सभी चीजों से छुटकारा पाने में मदद करता है.
- यह आसन जोड़ों के लचीलेपन में भी सुधार करता है और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
मलासन (स्क्वाट)
कैसे करें:
- अपने पैरों को चौड़ा खोलें, और अपने पैर के अंगूठे को थोड़ा बाहर की ओर करें. सांस छोड़ें और बैठें.
- अपनी बगलों को घुटने से लगाएं. हाथों को नमस्कार मुद्रा में, कोहनियों को एक सीध में रखें, पीठ को झुकाएं और पकड़ें.
- 5 से 8 गहरी सांसें लेने तक यही मुद्रा को बनाए रखें.
- इस आसन से बाहर आने के लिए धीरे-धीरे सांस अंदर लें और उठें. खड़ें होने पर सांस के साथ-साथ आसन छोड़ें.
फायदे:
- यह कूल्हे के जोड़ में लचीलापन बढ़ाता है.
- आपके टखनों, घुटनों और पिंडली की मांसपेशियों में अकड़न को दूर करता है और पीठ को मजबूत बनाता है.
- यह पाचन में सहायता करता है.
भुजंगासन (बेसिक बैक बेंड)
कैसे करें:
- अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने माथे को जमीन या मैट पर रखें.
- हाथों को छाती के पास रखें. अब अपने हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर जोड़ लें.
- कंधों को बाहर की ओर रोल करें, सांस लें और रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाएं. सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें.
- आसन करने के लिए- सांस भरते हुए छाती को ऊपर उठाएं. सुनिश्चित करें कि आपके पैर जमीन पर रहें. पैरों को एक दूसरे के करीब, एक साथ एड़ियों को जोड़कर रखें.
- लंबी सांस लें. इसे लगभग 5 से 6 सांसों तक रोकें. सांस छोड़ें और धीरे-धीरे मुद्रा को छोड़ें.
नोट: यदि आप शुरुआत कर रहे हैं, तो अपने हाथों को छाती के बगल में रखें और अपनी हाथों की शक्ति का लगभग 30 प्रतिशत उपयोग करें. सांस भरते हुए छाती को ऊपर उठाएं और आसन में आकर सांस लें.
फायदे:
- यह पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए बेहतरीन आसन है.
- यह आसन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है.
- यह आपकी रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य, कूल्हे और पैर की मांसपेशियों के लिए अच्छा है.
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कैट-काउ पोज या टाइगर ब्रीदिंग
कैसे करें:
- अपने घुटनों और हाथों पर आएं. अलाइनमेंट चेक करें कि आपके घुटनों के बीच दूरी एवं हाथों और घुटनों के बीच लगभग एक भुजा बराबर दूरी है. अपनी उंगलियों को अच्छे से फैलाएं.
- अपने घुटनों और अपने हाथों पर खड़े हो जाएं. सांस लें और पीछे छोड़ें. छाती को आर्क करें.
- सांस छोड़ें और पेट को अंदर खींचें, ठुड्डी को छाती से लगाएं.
- धीरे-धीरे घुटनों को एक साथ लाएं और पीछे की ओर धकेलें. अपने माथे को जमीन या मैट पर रखें. गहरी सांस लें और धीरे-धीरे ऊपर आएं, अपने कूल्हे को छोड़ें और अपनी पीठ के बल लेट जाएं.
नोट: यदि आपको गंभीर सर्वाइकल संबंधी समस्या है, तो गर्दन को हिलाने से बचें. इसके अलावा यह अभ्यास हर व्यक्ति कर सकता है.
फायदे:
- यह एक थेरेपी है, जो तनाव से मुक्ति दिलाती है.
- यह रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बनाने, शरीर से अकड़न दूर करने और आपकी सांस लेने की क्षमता में सुधार करने के लिए बहुत अच्छा आसन है.
सेतु बंधासन (ब्रिज पोज)
कैसे करें:
- अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ लें. सुनिश्चित करें कि आपकी एड़ी कूल्हे के बराबर हो एवं एड़ी और कूल्हे के बीच एक हाथ की दूरी हो.
- अपने हाथों को साइड में रखें और अपनी उंगलियों को फैलाएं.
- सांस लें और कूल्हे को ऊपर उठाएं. इस स्थिति में रुकें और सांस लें.
- हर सांस में, छाती को फुलाएं; हर सांस को मुंह से छोड़ें.
- सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं और पैरों को धीरे-धीरे सीधे करें.
फायदे:
- यह आसन मांसपेशियों और क्वाड्रिसेप्स को मजबूत बनाता है.
- यह गर्दन और कंधों की जकड़न को दूर करता है, जिससे आज बहुत से लोग पीड़ित हैं.
- यह आसन शरीर से फैट को कम करने में मदद करता है, खासकर नितंबों और कूल्हे के एरिया पर मौजूद.
- यह पैरों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है.
जठर परिवर्तन आसन (रीढ़ की हड्डी घुमाना)
अपने योगाभ्यास को रीढ़ की हड्डी घुमाकर (Spinal Twisting) समाप्त करें.
कैसे करें:
- अपने घुटनों को गले एक साथ जोड़ें और उन्हें अपनी छाती तक लाएं. सुनिश्चित करें कि आपके पैर एक साथ हों.
- अपने हाथों को शरीर के दोनों तरफ खोल लें.
- बीच में सांस लें और सांस छोड़ें और दोनों घुटनों को दाहिनी ओर झुकाएं. इस दौरान बाएं कंधे के ऊपर देखें.
- बाएं कंधे को जमीन से सटाकर रखें.
- इस एक्सरसाइज को दोनों तरफ से पांच बार करें. आप लगभग पांच सांसों तक भी इस मुद्रा में रह सकते हैं. डायनमिक मूवमेंट से शुरुआत करें और अंत में पांचवें को पकड़ें.
नोट: अगर आपको गर्दन की समस्या है तो गर्दन को बहुत ज्यादा हिलाने से बचें. आप ऊपर देख सकते हैं.
फायदे:
- अगर आपको तनाव और चिंता है, तो यह आसन थेरेपी और अच्छी एक्सरसाइज है.
- अपने दिन की शुरुआत या अंत स्पाइनल ट्विस्टिंग के साथ करने से अच्छा होता है.
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शवासन
- शवासन शरीर को शारीरिक स्तर पर और आपके नर्वस सिस्टम को भी आराम देता है. जमीन पर लेट जाएं और पेट के बल सांस लें. सांस लेते रहें और नाभि को ऊपर उठता हुआ महसूस करें. सांस छोड़ें और महसूस करें कि नाभि नीचे जा रही है.
- धीरे-धीरे अपने हाथों को सिर के ऊपर रख लें. पैरों को एक साथ लाएं और रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह फैलाएं.
- अपने घुटनों को एक-एक कर मोड़ें. दाहिनी ओर करवट लें और धीरे से बैठ जाएं.
योगाभ्यास को समाप्त करना
- अपनी पसंद की किसी भी आरामदायक क्रॉस-लेग्ड स्थिति में बैठें.
- अपनी आंखें बंद करें और अपनी पीठ सीधी करके बैठें एवं अपने हाथों को अपनी छाती के सामने रखें.
- गहरी सांस लें और साथ में ओम (ॐ) का उच्चारण करके एक्सरसाइज समाप्त करें.
- धीरे-धीरे अपनी हथेलियों को एक-दूसरे के साथ रगड़ें, गर्मी उत्पन्न करें, अपनी आंखों को ढक लें. गहरी सांस लें, सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपने हाथ की हथेली में पलकें झपकाएं.
डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल जेनेरिक इन्फॉर्मेशन देती है. यह किसी भी तरह से क्वालिफाइड मेडिकल ओपिनियन का ऑप्शन नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी स्पेशलिस्ट या अपने घरेलू डॉक्टर से सलाह लें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.