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राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022: यहां जानें इस खास दिन के बारे में सबकुछ

हर साल, भारत सरकार द्वारा बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.

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Highlights
  • राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है
  • इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी
  • इस दिन को मनाने के लिए पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं

नई दिल्‍ली : कन्या भ्रूण हत्या और लैंगिक असमानता और भेदभाव से लेकर यौन शोषण और हिंसा तक, ऐसे कई मुद्दे हैं जिनका सामना लड़कियों को करना पड़ता है. लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली असमानताओं को उजागर करने और बालिकाओं के अधिकारों और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. यह महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) की पहल है, जो संस्कृति मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, युवा और खेल मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय जैसे अन्य मंत्रालयों के साथ देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है. मंत्रालय का कहना है कि इस दिन का उद्देश्य लड़कियों के प्रति समाज के रवैये को बदलना और बालिकाओं का उत्थान करना भी है.

राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत पहली बार 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी. इस दिन का उद्देश्य हमारे समाज में लड़कियों के लिंग आधारित भेदभाव के बारे में जागरूकता फैलाना और लड़कियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाना है.भारत सरकार ने इसे बदलने और लड़कियों की स्थिति में सुधार के लिए सालों से कई कदम उठाए हैं. इस भेदभाव को कम करने के लिए बालिका बचाओ, बालिकाओं के लिए मुफ्त या रियायती शिक्षा, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे कई अभियान और कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. यह समारोह बेटी बचाओ, बेटी पढाओ (बीबीबीपी) की वर्षगांठ को भी चिह्नित करेगा, जो भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और भारत में लड़कियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता में सुधार करना है.

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राष्ट्रीय बालिका दिवस की इस साल की थीम

इस बार राष्ट्रीय बालिका दिवस के लिए मंत्रालय ने कोई थीम तय नहीं की है. पिछले साल, दिवस का उद्देश्य गिरते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना था. 2020 में, राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम ‘माई वॉयस: अवर इक्वल फ्यूचर’ यानी ‘मेरी आवाज: हमारा एकसा भविष्‍य’ थी.

बेटियों के साथ सेल्‍फी और दूसरी गतिविधियां

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के लिए, महिला और बाल विकास मंत्रालय और सरकार के अन्य मंत्रालय कई अभियान और गतिविधियों का आयोजन करते हैं, जिसमें लोगों से बड़ी संख्या में भाग लेने का आग्रह किया जाता है. इसके अलावा, एमडब्ल्यूसीडी 20 साल से कम उम्र की 75 युवा महिलाओं को भी सम्मानित करेगा. माता-पिता को अपने प्यार और बेटियों के प्रति गर्व की भावना दिखाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक सोशल मीडिया अभियान ‘बेटी के साथ सेल्‍फी’ भी आयोजित किया जा रहा है.

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