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National Girl Child Day Special: नन्ही कली प्रोजेक्ट भारत में लड़कियों का जीवन बदलने में कितना कामयाब?

पहल नन्ही कली ने 500,000 से अधिक वंचित लड़कियों को स्कूली शिक्षा के 10 साल पूरे करने में सहायता की है

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भारत में 2008 से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है

भारत में 24 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) की एक पहल है और इसे 2008 से मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लड़कियों के सामने आने वाली असमानताओं को उजागर करना और एक बालिका के अधिकारों और उनके महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है. जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण. दिन के विशेष कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, एनडीटीवी बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम ने कुछ प्रेरक बेटियों, माताओं और बहनों के साथ बात की, जो देश में बालिकाओं का समर्थन करने के लिए अपना योगदान दे रही हैं. रोहिणी मुखर्जी, चीफ पुलिस ऑफिसर एंड हेड ऑफ गर्ल पोर्टफोलियो नंदी फाउंडेशन
भी उनमें से एक हैं.

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रोहिणी मुखर्जी प्रोजेक्ट नन्ही कली से जुड़ी हुई हैं, जो महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा की एक पहल है. मिस्टर महिंद्रा ने के.सी. महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट, भारत में वंचित लड़कियों को शिक्षित करने के उद्देश्य, बाल विवाह और बाल श्रम जैसी सामाजिक समस्याओं के अलावा बढ़ती जनसंख्या वृद्धि दर, कम महिला साक्षरता स्तर और लो फीमेल वर्कफोर्स पार्टिसिपेशन के बैकग्राउंट के खिलाफ शुरू की गई थी.

संगठन के बारे में बात करते हुए और यह भारत में लड़कियों के जीवन को बदलने में कैसे मदद कर रहा है, रोहिणी मुखर्जी ने कहा,

नन्ही कली एक बालिका और महिला सशक्तिकरण परियोजना है. इस प्रोजेक्ट्स के माध्यम से हम वंचित लड़कियों को 10 साल की स्कूली शिक्षा पूरी करने में सहायता करते हैं. इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक लड़की को एक डिजिटल डिवाइस तक पहुंच प्राप्त होती है, जो स्मार्ट शैक्षिक सामग्री के साथ पहले से लोड होती है. इसके अलावा, हम लड़कियों को स्कूल बैग और स्कूल सप्लाई किट देते हैं. बड़ी उम्र की लड़कियों को भी फीमेल हाइजीन प्रोडक्ट्स मिलते हैं, ताकि वे सम्मान के साथ स्कूल जा सकें.

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पहल के मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, सुश्री मेहता ने कहा कि संगठन का उद्देश्य लड़कियों के फ्रेंडली ईकोसिस्टम का निर्माण करना है, जो लड़कियों को स्कूल छोड़ने से रोकता है. उन्होंने आगे कहा,

अब तक, हमने 500,000 से अधिक लड़कियों की मदद की है.

कोविड के बारे में बात करते हुए, कोविड-19 ने दुनिया भर में लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, संगठन ने यह कैसे सुनिश्चित किया कि लड़कियों का अध्ययन जारी रहे, यहां तक ​​कि अभूतपूर्व समय में भी, सुश्री मेहता ने कहा, कि

नन्ही कली के पास 5,000 ट्रेंड ट्यूटर्स हैं, जिन्हें हम कम्यूनिटी पार्टनर कहते हैं. वे उन कम्यूनिटी में रहते हैं जहां लड़कियां रह रही हैं. इसलिए, उनके माध्यम से हम लड़कियों तक पहुंचने में कामयाब रहे, यहां तक कि कोविड समय में भी हम उन्हें सीखने के छोटे-छोटे अंशों की आपूर्ति करना जारी रखते हैं जो उन्हें अटैच करते हैं और इस महामारी में भी सीखने की प्रक्रिया को सही तरीके से जारी रखने देते हैं.

इस बारे में बात करते हुए कि लड़कियों को शिक्षित करना उनके समग्र विकास और देश के विकास के लिए क्यों महत्वपूर्ण है, उन्होंने आगे कहा,

ऐसे बहुत सारे सबूत हैं जो बताते हैं कि शिक्षित लड़कियां और महिलाएं राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान करती हैं. यह महत्वपूर्ण है कि ये महिलाएं अर्थव्यवस्था में भाग लें. महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है. इसके बड़ी संख्या में सकारात्मक परिणाम भी हैं जैसे कि यह मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है. जब एक महिला शिक्षित होती है, तो वह सुनिश्चित करती है कि उसके सभी बच्चे शिक्षित हों. वह यह भी सुनिश्चित करेगी कि उसने जो आय अर्जित की है वह उसके सभी बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा का समर्थन करने में वापस आ जाए. तो, यह वास्तव में एक जीत की स्थिति है.

सुश्री मेहता ने कहा कि अगर भारत वास्तव में सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना चाहता है तो यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं अर्थव्यवस्था में भाग लें.

यह सरल है, अर्थव्यवस्था में महिलाएं जितनी अधिक काम करेंगी, उतना ही अधिक धन और विकास होगा.

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