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भारत में अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए नए दिशानिर्देश: हवाई अड्डे पर कोई आरटी-पीसीआर परीक्षण नहीं, न ही 7 दिन का होम क्वारंटाइन

सात दिन के होम क्वारंटाइन, जोकि पहले अनिवार्य था, के बजाय सभी यात्री अपने आगमन के बाद 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करेंगे… ऐसा नए दिशा निर्देशों में कहा गया है

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अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए नए दिशानिर्देशों ने 'जोखिम में' (at risk) देशों की श्रेणी को हटा दिया है, जिसे पिछले साल दिसंबर में कोविड वेरिएंट ओमि‍क्रोन के सामने आने पर लाया गया था

नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने गुरुवार (10 फरवरी) को अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए. संशोधित दिशा-निर्देश 14 फरवरी से लागू होंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए दिशा-निर्देश जोखिम का मूल्यांकन करके और कोरोनावायरस के लगातार बदलते स्वरूप की निगरानी करके तैयार किए जा रहे हैं. मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए दिशा-निर्देश इस बात को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं कि देश और दुनिया भर में संक्रमण के प्रसार की निगरानी की जा रही है, इस बात का भी संज्ञान लिया जाता है कि आर्थिक गतिविधियों को निर्बाध रूप से शुरू करने की जरूरत है.

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अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए नए दिशानिर्देशों ने ‘जोखिम में’ (at risk) देशों की श्रेणी को हटा दिया है, जिसे पिछले साल दिसंबर में ओमि‍क्रोन कोविड वेरिएंट के सामने आने पर पेश किया गया था.

नए दिशानिर्देशों के अनुसार हवाईअड्डों/बंदरगाहों/भूमि बंदरगाहों और भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा पालन किए जाने वाले 10 नियम यहां दिए गए हैं:

1. सभी विदेशी आगमनों को पिछले 14 दिनों के यात्रा इतिहास समेत एक स्व-घोषणा पत्र ऑनलाइन (एयर सुविधा वेब पोर्टल पर उपलब्ध) भरना होगा.

2. यात्रियों को एक नकारात्मक आरटी-पीसीआर परीक्षण भी अपलोड करना होगा, जो यात्रा की तारीख के 72 घंटों के भीतर हुआ हो.

3. वैकल्पिक रूप से, वे एक प्रमाण पत्र भी अपलोड कर सकते हैं जो पुष्टि करता है कि उन्हें दोनों टीके प्राप्त हुए हैं. हालांकि, यह विकल्प केवल 72 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए उपलब्ध है, जिनके टीकाकरण कार्यक्रम को भारत सरकार एक पारस्परिक कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मान्यता देती है. इन देशों में कनाडा, हांगकांग, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, बहरीन, कतर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कुछ यूरोपीय राष्ट्र शामिल हैं.

4. सिर्फ एसिम्‍पटमेटिक यात्रियों को ही सवार होने की अनुमति होगी.

5. उड़ान के दौरान फेस मास्क के उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखने सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाना जरूरी होगा.

6. भारत में विदेशों से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा, रेंडम रूप से चुने गए यात्रियों (प्रति उड़ान कुल यात्रियों के दो प्रतिशत तक) को आरटी-पीसीआर टेस्ट से गुजरना पड़ेगा.

7. जिन यात्रियों में लक्षण पाए जाते हैं उनको तुरंत क्वारंटीन और टेस्ट किया जाएगा. अगर वे कोविड-पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाएगी.

8. पहले से मैंडेटरी सात दिनों के होम क्वारंटाइन के बजाय, सभी यात्री अपने आगमन के बाद 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की खुद निगरानी करनी होगी.

9. बंदरगाहों/लैंड बंदरगाहों के माध्यम से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भी ऊपर बताए गए प्रोटोकॉल से गुजरना होगा. हालांकि उनके लिए अभी ऑनलाइन सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नहीं है.

10. पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन से पहले और बाद के टेस्ट दोनों से छूट दी गई है. हालांकि, अगर आगमन पर या सेल्फ-मॉनिटरिंग पीरियड के दौरान कोविड​​​​-19 पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो उनका टेस्ट किया जाएगा और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा.

सरकार के अनुसार, 1.3 अरब लोगों के देश में लगभग तीन-चौथाई वयस्कों ने फस्ट शॉट लगाया है और लगभग 30 प्रतिशत पूरी तरह से फुल वैक्सीनेशन करा चुके हैं. सितंबर के अंत तक, चीन भारत की तुलना में अधिक वैक्सीन खुराक देने वाला एकमात्र देश है, जिसने लगभग 1.05 बिलियन या अपने 75 प्रतिशत नागरिकों को पूरी तरह से टीका लगाया है.

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