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Opinion: खराब मेन्स्ट्रूअल हाईजीन से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता है
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों (2019-21) के अनुसार, ग्रामीण भारत में 15-24 आयु वर्ग की 70% महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी नैपकिन का उपयोग नहीं करती हैं
नई दिल्ली: मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो समय-समय पर प्रजनन आयु की महिलाओं में होती है. मासिक धर्म स्वच्छता महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन कई सामाजिक वर्जनाएं और मान्यताएं हैं जो मासिक धर्म से जुड़ी हैं. मासिक धर्म के बारे में गलत समझ और सुरक्षित मासिक धर्म प्रथाओं के बारे में ज्ञान न होने के कारण महिलाओं की हेल्थ पर असर आता है जो बदले में जननांग संक्रमण के जोखिम को बढ़ाती है. खराब मासिक धर्म स्वच्छता अभ्यास विकासशील और अविकसित देशों में एक गैर-मान्यता प्राप्त और अनसुलझी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. इसलिए मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करना जरूरी है और महिलाओं को उनकी किशोरावस्था में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है.
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों (2019-21) के अनुसार, ग्रामीण भारत में 15-24 आयु वर्ग की 70% महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी नैपकिन का उपयोग नहीं करती हैं. खराब मासिक धर्म स्वच्छता के चलते यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई), डर्मटाइटिस, योनि स्राव के पीएच संतुलन में परिवर्तन, बैक्टीरियल वेजिनोसिस संक्रमण हो सकते हैं, जो सभी महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं.
दुनिया भर में, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में चौथा सबसे आम प्रकार का और भारत में दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है. बायो मेड सेंट्रल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के 27% मामले हैं. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से इंफेक्शन सर्वाइकल कैंसर का सबसे महत्वपूर्ण कारक है. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) यौन सक्रिय लोगों को उनके जीवनकाल में कभी न कभी संक्रमित करता है. यदि वायरस शरीर में लंबे समय तक बना रहता है, तो यह गर्भाशय ग्रीवा, गुदा, गले के कैंसर और गुप्तांग के मस्से का कारण बन सकता है. एचपीवी टीके ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से रक्षा करते हैं और इस प्रकार कैंसर पैदा करने वाले संक्रमणों और पूर्व-कैंसर को रोकने में मदद करते हैं. 2006 के बाद से काफी कम हो गए हैं. एचपीवी टीके पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में इस्तेमाल किए गए थे. तीन एचपीवी टीके Gardasil, Cervarix, और Gardasil-9, US FDA द्वारा अप्रूव किया गया हैं. यदि किशोर लड़कियों या युवा वयस्क महिलाओं को वायरस के संपर्क में आने से पहले दिया जाए तो यह टीके गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के अधिकांश मामलों को रोक सकते हैं. यह लड़कों को भी दिया जा सकता है वैक्सीन योनि और वुल्वर कैंसर को भी रोक सकती है.
खराब मेन्स्ट्रूअल प्रैक्टिस जैसे सैनिटरी नैपकिन के बजाय कपड़े का उपयोग करना और खुले में फैंकने से बार-बार संक्रमण हो सकते हैं, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का महत्वपूर्ण कारक हैं. इन मुद्दों पर विशेष रूप से शहरी मलिन बस्तियों और देश के ग्रामीण हिस्सों से महिलाओं से बात की जानी चाहिए. अज्ञानता और शर्म की वजह से उन्हें इस बारे में अधूरी जानकारी होती है. स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को इस तरह के मुद्दों पर महिलाओं से चर्चा और संवाद करना चाहिए.
महिलाओं को सेफ मेन्स्ट्रूअल प्रैक्टिस के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है जैसे कि कपड़े का इस्तेमाल करने से बचना और सैनिटरी नैपकिन यूज करना, सैनिटरी कचरे का उचित निपटान करना और उन्हें नियमित जांच कराने के लिए प्रोत्साहित करना, यह शुरूआती टाइम में इंफेक्शन और कैंसर का पता लगाने में मदद करता है. सुरक्षित यौन प्रथाओं के बारे में पुरुषों और महिलाओं दोनों को सलाद दी जानी चाहिए.
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(द्वारा: डॉ. विनीता रेड्डी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट, हैदराबाद)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.