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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “अफोर्डेबल हेल्थ केयर की कमी के कारण गरीबों को परेशानी नहीं होनी चाहिए”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है, ताकि हेल्थकेयर देश के हर नागरिक तक पहुंचे

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि अस्पताल में आयुष सेवाओं का प्रावधान भारत में समग्र एकीकृत स्वास्थ्य सेवा (Holistic integrated healthcare) के सिद्धांत का पालन करता है

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 25 अक्टूबर, बुधवार को दिल्ली के नजफगढ़ में ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (Rural Health Training Centre – RHTC) अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर कहा, “आज सबसे गरीब नागरिक की पहुंच भी स्वास्थ्य देखभाल तक है.” आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘One Earth One Health’ के विजन को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हेल्थ फॉर ऑल’ पॉलिसी के तहत राष्ट्रीय राजधानी में यह केंद्र सरकार का चौथा अस्पताल है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ मंडाविया ने कहा कि सरकार हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है, ताकि हेल्थकेयर देश के आखिरी कोने तक पहुंचे. उन्होंने आगे कहा,

हमारी सरकार ने समग्र दृष्टिकोण के साथ इस दिशा में काम करना शुरू किया और हमारे प्रधानमंत्री ने वास्तविक अर्थों में स्वास्थ्य और विकास के बीच संबंध बनाया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि भारत आजादी की अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाने तक एक विकसित राष्ट्र बन सके. आज सबसे गरीब नागरिक की भी पहुंच स्वास्थ्य देखभाल तक है और सस्ती स्वास्थ्य सेवा की कमी के कारण किसी भी गरीब व्यक्ति को परेशानी नहीं होनी चाहिए.’

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डॉ मंडाविया ने कहा कि भारत का चिकित्सा विज्ञान में एक लंबा इतिहास रहा है जो ‘हेल्थ फॉर ऑल’ के लक्ष्य को हासिल करने में हमारी मदद करेगा. इस बात पर रोशनी डालते हुए कि स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान किसी भी सतत विकास का मूल और आधार है, केंद्रीय मंत्री ने कहा,

हमारे गहरे निहित सेवा धर्म में ‘आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थ साधनम्’ पर बल दिया गया है. जिसका मतलब है बीमारियों से मुक्ति ही अंतिम नियति है और अच्छा स्वास्थ्य हर दूसरी संपत्ति को प्राप्त करने का आधार है.

ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (Rural Health Training Centre – RHTC) के बारे में बात करते हुए, डॉ मंडाविया ने कहा कि यह अस्पताल वहां की स्थानीय आबादी, खास तौर से समाज के कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य देखभाल तक उनकी पहुंच की समस्या का समाधान करेगा.

आधिकारिक बयान के मुताबिक, यह अस्पताल 100 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है और यह आसपास के 73 गांवों में रहने वाली 13.65 लाख की आबादी को सेवा प्रदान करेगा. डॉ मंडाविया ने इस अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया,

अस्पताल में मेडिसिन, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल चिकित्सा, ICU, NICU, PICU, ENT, नेत्र विज्ञान, ब्लड बैंक के अलावा कई डायग्नोस्टिक और रेडियोलॉजिकल सुविधाएं मौजूद हैं, जो यह सुनिश्चित करेगी कि नजफगढ़ के हमारे भाइयों और बहनों को डोर स्टेप सर्विस की कमी के कारण परेशानी नहीं होगी और यह सेंटर विश्व स्तरीय सुविधाओं के जरिए हमारे लोगों के जीवन को आसान बनाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अस्पताल में आयुष सेवाओं का प्रावधान भारत में समग्र एकीकृत स्वास्थ्य सेवा के सिद्धांत का पालन करता है.

हमने देश में कुशल चिकित्सा पेशेवरों (Skilled medical professionals) के एक बड़े समूह की उपलब्धता सुनिश्चित की है. हमारी सरकार ने पीएम जन औषधि योजना के माध्यम से सभी लोगों तक दवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया है और आवश्यक दवाओं की संशोधित राष्ट्रीय सूची में 384 दवाओं को जोड़ा है.

उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत योजना के जरिए अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवा अब गरीबों की पहुंच में है.

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