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WHO ने कोरोना के नए सब-वैरिएंट को किया क्लासिफाइड, जानें ये कितना खतरनाक

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस शेयरिंग जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस बदल रहा है और विकसित हो रहा है

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8 दिसंबर को भारत के केरल में भी कोरोना के नए सब-वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था

नई दिल्ली/जिनेवा: कोरोना वायरस (Coronavirus) एक बार फिर से पैर पसारने लगा है. केरल में कोविड का नया सब-वेरिएंट JN.1 (Covid New Sub-Variant) मिलने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों पर नजर रखने और रिपोर्ट देने को कहा है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में क्लासिफाइड किया है. हालांकि, WHO ने कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, “मौजूदा सबूतों के आधार पर कोविड के नए सब-वैरिएंट JN.1 से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है.” WHO ने कहा कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मौत से रक्षा करते हैं.

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस शेयरिंग जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा था कि वायरस बदल रहा है और विकसित हो रहा है.

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WHO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा था,

डॉ. मारिया वान केरखोव (अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ) ने श्वसन संबंधी बीमारियों कोविड-19 और जेएन.1 सब-वैरिएंट में मौजूदा उछाल के बारे में बात की है. WHO स्थिति का आकलन करना जारी रखता है. इस छुट्टियों के मौसम में अपने परिवार और दोस्तों को सुरक्षित रखने के लिए WHO की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करें.

8 दिसंबर को भारत के केरल में भी कोरोना के नए सब-वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था. केरल में एक 79 वर्षीय महिला इससे संक्रमित हुई थी. इस मामले के सामने आने पर केरल समेत पड़ोसी राज्य अलर्ट हो गए थे. सोमवार (18 दिसंबर) को केंद्र सरकार ने कोरोना की स्थिति पर निगरानी रखने और अलर्ट रहने से संबंधित सलाह राज्यों के लिए जारी की थी.

केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे आरटी-पीसीआर समेत पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित किए जाएं और पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG लैब में भेजे जाएं.

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