ताज़ातरीन ख़बरें

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे: भारत में डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ रोडेरिको ऑफ्रिन ने बताया इस खास दिन का महत्व

भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको ऑफ्रिन ने बताया कि वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाने का क्या महत्व है और इस बीमारी से निपटने में भारत की स्थिति क्या है

Published

on

भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको ऑफ्रिन ने कहा, "अच्छा मानसिक स्वास्थ्य ओवरऑल स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है"

दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर दिन 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है. इस साल वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे को “मानसिक स्वास्थ्य एक यूनिवर्सल मानव अधिकार ” थीम के साथ मनाया जा रहा है.

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे और इसके महत्व के बारे में सब कुछ जानने के लिए, एनडीटीवी ने भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ रोडेरिको ओफ्रिन से बात की. इस दिन के बारे में बात करते हुए डॉ. ओफ्रिन ने कहा,

अच्छा मानसिक स्वास्थ्य ओवरऑल स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये समग्र कल्याण के लिए है जिसमें मानसिक स्वास्थ्य शामिल है जो हमारे सोचने, कार्य करने, तनाव से निपटने और दूसरों के साथ हमारे संबंध बनाने के तरीके को प्रभावित करता है. यहां मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ केवल बीमारी के संबंध में सोच को बदलने के नजरिए के अभाव से नहीं है. इसमें हमारा निर्णय लेना, लचीलेपन को बढ़ावा देना शामिल है. यह हमें वापस लौटने या बदलने या पीछे हटने में सक्षम बनाता है. अच्छा मानसिक स्वास्थ्य अच्छे निर्णय लेने को प्रेरित करता है और यह निर्धारित करता है कि हम अपने लिए, अपने स्वास्थ्य, अपने परिवार और अपने आस-पास के लोगों के लिए प्रतिदिन कौन से विकल्प चुनते हैं. चाहे वह बचपन हो, शुरुआती किशोरावस्था, युवावस्था, वयस्कता, हमें हमेशा अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत होती है क्योंकि यह हमें आकार देता है.

डॉ. ऑफ्रिन ने आगे कहा कि आज विश्व स्तर पर आठ में से एक व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के साथ जी रहा है जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक भलाई, हम एक-दूसरे से कैसे जुड़ते हैं, हम जीवन कैसे जीते हैं, पर प्रभाव डाल सकते हैं. उन्होंने कहा,

यह लगभग एक न दिखने वाली समस्या है. यह केवल एक महामारी की वजह से हुआ है, जिसने हर किसी के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है. हमें अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और सेहत के महत्व को समझना चाहिए.

इसे भी पढ़े: स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के गठन की प्रक्रिया जारी, दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को दिया आश्वासन

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के बारे में बात करते हुए डॉ. ऑफ्रिन ने कहा कि यह दिन दुनिया को इस अहम मुद्दे के बारे में बात करने, कामों को प्राथमिकता देने और मानसिक सेहत को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है.

इस बेहद ही महत्वपूर्ण दिन के लिए इस साल की थीम के महत्व के बारे में बताते हुए डॉ. ओफ्रिन ने कहा,

स्वास्थ्य एक मानव अधिकार है. शिक्षा एक मानव अधिकार है. यहां तक ​​कि खाद्य सुरक्षा भी एक मानव अधिकार है. लेकिन हम शायद ही कभी स्वास्थ्य के उस महत्वपूर्ण हिस्से के बारे में बात करते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य है. मानसिक स्वास्थ्य यूनिवर्सल मानव अधिकार है. इस साल की थीम का उद्देश्य है कि ज्ञान में सुधार करें, जागरूकता बढ़ाएं, कार्रवाई करें और हर किसी के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ उसकी रक्षा करें. हर किसी को मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्य मानक (वह स्टैंडर्ड्स जिन्हें प्राप्त किया जा सके) प्राप्त करने का अधिकार है. समझने की जरूरत है कि यह स्थिति भी उपलब्ध, सुलभ, स्वीकार्य, सस्ती, अच्छी गुणवत्ता वाली देखभाल के अधिकार की हकदार है. अगर किसी की मानसिक स्थिति खराब है तो ये उसे छोड़ देने का कारण नहीं हो सकता. अगर किसी को इस वजह से छोड़ा जाता है तो ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है.

और अंत में भारत के संदर्भ में बीमारी से निपटने कि स्थिति और इसके भविष्य के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. ऑफ्रिन ने ये कहते हुए अपनी बात समाप्त की,

भारत सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की हैं. देश ने 2014 की शुरुआत में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति शुरू की, फिर 2017 में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम आया. एक और बड़ी इनोवेशन टेली-मानस (Tele-MANAS) है, जो देश के सभी राज्यों में टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नेटवर्किंग प्रदान करता है. यह देश के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है और इसकी उपलब्धि अद्भुत है. और कोई भी व्यक्ति दुखी हो तो टेली-मानस हेल्पलाइन पर टोल-फ्री कॉल कर सकता है. इसके तहत ऐसे प्रशिक्षित परामर्शदाता (Counsellors) हैं जो 24×7 उपलब्ध हैं. हमें देश में इस कनेक्शन को और मजबूत करना है. अधिक परामर्शदाताओं को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है. हमें समुदायों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने की भी जरूरत है क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य के विषय को अभी भी सामाजिक रूप से एक कलंक की तरह देखा जाता है.

इसे भी पढ़े: मलाइका अरोड़ा की सलाह, बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है योग

डिस्क्लेमर : सलाह सहित यह कंटेंट केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version