लोकल सोसाइटी को प्लास्टिक पॉल्यूशन से बचा रहे हैं ये यंग पर्यावरणविद्
उन युवा पर्यावरण प्रेमियों के काम पर एक नज़र, जिन्होंने अपनी परियोजनाओं के जरिए प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने का जिम्मा उठाया है.बेंगलुरु की 15 वर्षीय ईशा नाहर एक और किशोर हैं, जिन्होंने जागरूकता बढ़ाकर प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने का फैसला किया है. माल्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल में 10वीं कक्षा की छात्रा, ईशा अपने प्रोजेक्ट 'स्वच्छ संसार' के माध्यम से लोगों से हर दिन प्लास्टिक को 'नहीं' कहकर अपने घरों में प्लास्टिक प्रोडक्ट को कम करने और विकल्पों का उपयोग करने का आग्रह करती है.