बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनाएं ये योग आसन
संस्कृत में 'योग' का अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है. यह एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक गतिविधि है, जो अब दुनिया भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. यहां कुछ आसन दिए गए हैं जिनकी प्रैक्टिस बेहत स्वास्थ्य के लिए रेगुलर की जा सकती है.वृक्षासन (बैलेंसिंग पॉश्चर): इस आसन के लिए, आपको अपना सारा वजन एक पैर पर डालना होगा और दूसरी एड़ी को घुटने के ऊपर या नीचे कमर पर बैलेंस करना होगा. शरीर को स्थिर करने के लिए अपने हाथों को छाती के सामने रखें. इस आसन का अभ्यास करने से रीढ़ और पैरों की मांसपेशियां मजबूत हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त, यह मन को शांत करता है, ध्यान केंद्रित करने की भावना लाता है और एकाग्रता में सुधार करता है.
उत्तानासन (फॉरवर्ड फोल्ड): अपने पैरों को हीप डिस्टेंस पर रखते हुए, आपको अपनी कोहनियों को पकड़कर हाथों को ऊपर उठाना होगा. सांस लें और रीढ़ को ऊपर उठाएं. फिर, सांस छोड़ें और अपने घुटनों को सॉफ्ट या थोड़ा झुका हुआ रखें. फॉरवर्ड फोल्ड चिकित्सीय आसन हैं जो सिर और पेट के हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं.
कैट-काउ पोज़ (टाइगर ब्रीदिंग): इस आसन को करने के लिए आपको अपने घुटनों और हाथों के बल खड़े होना होगा और अपनी उंगलियों को अच्छी तरह फैलाना होगा. अपने सांस लेने के पैटर्न के साथ तालमेल बिठाते हुए छाती और पीठ को मोड़ें. यह आसन उपचारात्मक है और तनाव दूर करने में मदद करता है. अगर आप सर्वाइकल की समस्या से पीड़ित हैं तो गर्दन हिलाने से बचें.
सेतु बंधासन (ब्रिज पोज़): इसके लिए आपको अपनी पीठ के बल लेटना होगा, अपने घुटनों को मोड़ना होगा, अपने हाथों को अपनी तरफ रखना होगा और अपनी उंगलियों को फैलाना होगा. प्रत्येक सांस लेते समय, कूल्हे को ऊपर उठाएं और छाती को फैलाएं, और सांस छोड़ते समय, होंठ को ऊंचा उठाएं. यह आसन शरीर से वसा को कम करने में मदद करता है, खासकर नितंबों और कूल्हे क्षेत्र पर. ब्रिज पोज़ मांसपेशियों और क्वाड्रिसेप्स को भी मजबूत बनाता है.