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भारत में डेंगू के मामले बढ़ने पर केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों का लिया जायजा
केंद्र ने राज्यों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने से लेकर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन प्लान (PIP) के तहत सर्विलेंस, केस मैनेजमेंट, लैबोरेट्री डायग्नोसिस, कीटनाशक आदि के लिए राज्यों को पर्याप्त फंड मुहैया कराना शामिल है
नई दिल्ली: भारत के कई हिस्सों में डेंगू के मामलों में हालिया वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने 27 सितंबर, बुधवार को दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और वेक्टर जनित बीमारी यानी वायरस और बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारियों की रोकथाम और उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियों की समीक्षा की. हेल्थ केयर सर्विस (स्वास्थ्य सेवाओं) को बेहतर करने और बीमारी के प्रसार से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने से लेकर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन प्लान (PIP) के तहत सर्विलेंस, केस मैनेजमेंट, लैबोरेट्री डायग्नोसिस, कीटनाशक आदि के लिए राज्यों को पर्याप्त फंड उपलब्ध कराना शामिल है.
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डॉ मंडाविया ने समीक्षा बैठक (review meeting) की डिटेल्स ट्विटर पर दीं.
Reviewed the Dengue situation & preparedness of public health system for prevention, containment & management of the disease in view of the recent spike in cases of Dengue.
Urged States/UTs to adhere to the guidelines issued by the Centre for prevention & containment of dengue. pic.twitter.com/vdmgApzfKL
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 27, 2023
कई राज्यों और शहरों में डेंगू के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.
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पश्चिम बंगाल (West Bengal)
डेंगू के मामलों में वृद्धि के चलते पश्चिम बंगाल में सरकारी और निजी अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं. कोलकाता के एडवांस्ड मेडिकेयर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (AMRI) अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ सायन चक्रवर्ती ने कहा,
इस साल डेंगू की स्थिति चिंताजनक है. मेरे अस्पताल में 25 सितंबर तक डेंगू के कुल 90 मामले आए हैं. इनमें से 16 मरीज आईसीयू में हैं, 15 पीडियाट्रिक केस (Paediatric cases) हैं, और 13 मरीजों को पिछले 24 घंटे में भर्ती किया गया है. डेंगू से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
राज्य में डेंगू के मामलों में वृद्धि पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए अधिकारी डे-टू-डे बेसिस पर मामलों को मॉनिटर कर रहे हैं. ANI के मुताबिक इस साल अब तक राज्य में डेंगू के 406 मामले दर्ज किए गए हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा,
डेंगू को लेकर कोई गंभीर चिंता की बात नहीं है. हम अलर्ट मोड में हैं और दिन-प्रतिदिन मामलों पर नजर रखी जा रही है. मरीजों के लिए बेड रिजर्व किए गए हैं और खून की कोई कमी नहीं है.
महाराष्ट्र (Maharashtra)
शहर में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागपुर नागरिक निकाय (Nagpur civic body) ने एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. ये हेल्पलाइन नंबर जनता को वेक्टर जनित बीमारी के लिए सहायता प्राप्त करने में उनकी मदद करेगा.
तमिलनाडु (Tamil Nadu)
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि राज्य में संक्रमण के मामले नियंत्रण में हैं. उन्होंने आगे कहा,
इस साल राज्य में डेंगू के मामले कंट्रोल में हैं. अब तक इसके केवल 4,000 मामले आए हैं, और मृत्यु दर भी कम हो रही है. हमने वेक्टर जनित बीमारी की रोकथाम के बारे में कई जागरूकता अभियान चलाए हैं. इसके अलावा 1 अक्टूबर से 100 जगहों पर डेंगू और अन्य बुखार शिविर आयोजित किए जाएंगे.
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विशेषज्ञों ने डेंगू बुखार के कारण, लक्षण और इसके उपाय के बारे में विस्तार से बताया
NDTV-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया ने डेंगू बुखार के लक्षण, कारण और इससे बचाव के ऐसे तरीके जिन्हें लोग अपना सकते हैं उनके बारे में नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के डिपार्टमेंट हेड डॉ. अजय अग्रवाल और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. धीरेन गुप्ता से बात की.
विशेषज्ञों ने कहा कि इसके कई लक्षण हैं जैसे सिर दर्द, हल्का बुखार, गले में दर्द, बदन दर्द, उल्टी, बार-बार दस्त होना, ग्रंथियों में सूजन, मतली, आंखों में दर्द, हल्की सांस फूलना आदि हैं. डॉ. गुप्ता ने कहा कि अगर बुखार का देर से पता चलता है तो इसके लक्षण गंभीर हो जाते हैं और मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की भी जरूरत पड़ सकती है.
डॉ. अजय अग्रवाल ने कहा कि इसके हल्के या मध्यम लक्षणों वाले मरीजों को घर पर रहकर ही इलाज करना चाहिए, उन्हें अपनी डाइट में बहुत सारे तरल पदार्थ शामिल करने चाहिए और बुखार को कम करने के लिए डॉक्टर की बताई गई दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने और उन्हें प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन (Platelet transfusions) की जरूरत पड़ सकती है.
डॉ. धीरेन गुप्ता ने जोर देकर कहा, “कॉम्प्लिकेशन बढ़ने से रोकना डेंगू का सबसे अच्छा इलाज है.” उन्होंने कहा कि शुरुआती लक्षणों को पहचानने के तुरंत बाद डॉक्टर से कंसल्ट करने से बड़ी संख्या में मामलों को कम करने में मदद मिल सकती है.
डॉ. गुप्ता ने कहा कि व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने से डेंगू बुखार के मामलों को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि दूसरे उपाय जिनका लोग पालन कर सकते हैं, उनमें मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचने के लिए मानसून के दौरान ऐसे कपड़े पहनना ताकि मच्छर के काटने से बचा जा सके, घर पर इन्सेक्ट रेपेलेंट (Insect repellents) का इस्तेमाल करना, होम अप्लायंस, फ्लावर पोट में पानी जमा न रहने देना ताकि डेंगू के मच्छर पनप नहीं पाएं, और किसी भी तरह के ब्लॉकेज को रोकने के लिए घर पर नालियों की सफाई करना शामिल हैं.
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(न्यूज एजेंसी पीटीआई और एएनआई से इनपुट)