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एक्सपर्ट टॉक : मानसून के दौरान खुद को संक्रमण से कैसे बचाएं?

डेंगू, मलेरिया, कंजंक्टिवाइटिस ये सभी हाल के दिनों में दिल्ली में ज्यादा भारी बारिश के परिणाम हैं

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मानसून वेक्टर और जल जनित रोगों और संक्रमणों को जन्म देता है

नई दिल्ली: सोमवार (24 जुलाई) को जारी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 22 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के 187 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2018 के बाद से सबसे ज्यादा है. इसी दौरान मलेरिया के 61 मामले दर्ज किये गये हैं. इस मॉनसून में दिल्ली में कंजंक्टिवाइटिस का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स में आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेलमिक साइंसेज के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन 100 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं.

डेंगू, मलेरिया और कंजंक्टिवाइटिस ये सभी हाल के दिनों में दिल्ली में अत्यधिक भारी वर्षा का परिणाम हैं, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. सरकार को उम्मीद है कि मामलों की संख्या पिछले साल से ज्यादा होगी. लेकिन हम मानसून के दौरान संक्रमण में बढ़ोतरी क्यों देखते हैं? और, अपनी सुरक्षा कैसे करें? टीम बनेगा स्वस्थ इंडिया ने इसके बारे में सबकुछ जानने के लिए मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में पी.डी. के सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. लैंसलॉट पिंटो से बातचीत की –

मानसून और संक्रमण में बढ़ोतरी :

  1. मानसून संक्रामक रोगों के तेजी से फैलने वाला मौसम होता है. हवा से उत्पन्न होने वाले संक्रमण जैसे इन्फ्लूएंजा, वायरल श्वसन संबंधी संक्रमण, पानी और खाद्य जनित रोग जैसे टाइफाइड और वेक्टर या कीट जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू, मानसून में काफी आम होते हैं.
  2. मानसून के दौरान कम तापमान वायरस को पनपने और उसे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थिति प्रदान करता है. यह तापमान वायरस को काफी पसंद होता है. कम तापमान और बारिश की वजह से लोग घर पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं. इस दौरान ज्यादा लोग अगर एक जगह ठहरते हैं, तो जरूरी वेंटिलेशन की कमी के चलते अक्सर श्वसन संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ सकती है.
  3. बाढ़ से पानी और खाद्य स्रोत प्रदूषित हो जाते हैं जिसके चलते भोजन और पानी से होने वाली बीमारियां पैदा होती हैं.
  4. यदि आप बाढ़ के दौरान कीचड़ भरे पानी में चलते हैं या उसमें से गुजरते हैं, तो आपको लेप्टोस्पायरोसिस (बैक्टीरियल इन्फेक्शन) जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
  5. गंदा या रुका हुआ पानी अक्सर मच्छरों और मक्खियों के लिए प्रजनन के लिए उपयुक्त परिस्थिति प्रदान करते हैं, जो चलते वेक्टर-जनित या कीट-जनित बीमारियों का कारण बनते हैं.

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खुद को संक्रमण से कैसे बचाएं :

  1. इन्फ्लूएंजा का टीका लगवाएं, खासकर यदि आपको यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा है या आपकी इम्युनिटी कमजोर है
  2. अगर आप बीमार हैं तो मास्क पहनें ताकि संक्रमण न फैले. इससे दूसरे सुरक्षित रहेंगे. एन95 मास्क पहनें, खासकर जब आप भीड़-भाड़ वाली जगह पर हों या जब आपके घर में वेंटिलेशन न हो.
  3. साफ पानी और भोजन का सेवन करें. ऐसा पानी पीने की कोशिश करें, जो यूवी फिल्टर से फिल्टर किया गया हो. यदि आपके पास यूवी फिल्टर नहीं है तो पानी उबालें. इस बीच ताजा बना और अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं.
  4. अपने आसपास पानी जमा न होने दें. मच्छर न बढ़े इसलिए इसे सुखा दें. जब आप बाहर हों या जब आप मच्छरों के संपर्क में हों तो मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें. आप घर पर मच्छरदानी का भी उपयोग कर सकते हैं.
  5. यदि आपको बुखार हो जाता है, खासकर ऐसी घटना के बाद जब तब आपको पानी के बीच से गुजरना पड़ा हो, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श लें.
  6. अपने हाथ धोना न भूलें. यह हमें खाने-पीने से होने वाली कई बीमारियों के साथ-साथ सांस संबंधी बीमारियों से भी बचाता है.

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