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स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने तीन स्वास्थ्य प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए G20 दिल्ली घोषणा की सराहना की

भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ. देश ने तीन प्रमुख स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की पहचान की जिसमें – ग्लोबल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, हेल्थ डिलीवर करना और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्रोवाइड करना शामिल है

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एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (AHPI) के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने G20 दिल्ली घोषणा को ग्लोबल हेल्थकेयर सिनेरियो के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण बताया

नई दिल्ली: एक लचीली स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के निर्माण और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Anti-microbial resistance) से निपटने को प्राथमिकता देने के लिए कई स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने G20 नई दिल्ली घोषणा की सराहना की. G20 शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने तीन प्रमुख स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की पहचान की थी – वैश्विक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना यानी ग्लोबल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, स्वास्थ्य प्रदान करना और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज यानी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्रोवाइड करना.

इस साल के G20 सम्मेलन के लिए भारत की पहली प्राथमिकता डिजिटल हेल्थ थी – हेल्थ का फ्यूचर, हेल्थ क्राइसिस की तैयारी – एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (रोगाणुरोधी प्रतिरोध), वैक्सीन, थेराप्यूटिक और डायग्नोस्टिक जैसे सेफ, इफेक्टिव, क्वालिटी और अफोर्डेबल मेडिकल उपायों की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने पर ध्यान देने के साथ फार्मास्युटिकल सेक्टर में सहयोग को मजबूत करना है.

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एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (AHPI) के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने G20 दिल्ली घोषणा को वैश्विक स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य (ग्लोबल हेल्थकेयर सिनेरियो) में एक महत्वपूर्ण क्षण करार दिया. उन्होंने कहा, यह घोषणा हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों यानी हमारे हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत करने और उन्हें सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण और किफायती बनाने के सामूहिक संकल्प को दर्शाती है. डॉक्टर ज्ञानी ने कहा,

यह स्वीकार करना बहुत अच्छा है कि SDG-3 टारगेट को पूरा करने पर फोकस किया गया है, यानी सभी के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना. डब्ल्यूएचओ की वन हेल्थ अप्रोच भी मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच महत्वपूर्ण संबंध को दर्शाती है. एक और महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ पर फोकस करना है, क्योंकि इस घोषणा में मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) और मनोसामाजिक सहायता (साइकोलॉजिकल सपोर्ट) सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ध्यान दिया गया है.

उन्होंने कहा,

इसके अलावा घोषणा में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Anti-microbial resistance) से निपटने पर भी जोर दिया गया है. रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंफेक्शन प्रिवेंशन यानी संक्रमण रोकथाम उपायों और विजिलेंट कंजप्शन सर्विलेंस (Vigilant consumption surveillance), इन तीनों पर फोकस भविष्य की पीढ़ियों के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की प्रभावकारिता (Efficaacy) को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

डॉ. ज्ञानी ने डिजिटल हेल्थ के महत्व को समझाते हुए कहा कि हेल्थ केयर सिस्टम में टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करने से ट्रीटमेंट की एफिशिएंसी और पहुंच बढ़ सकती है. उजाला सिग्नस हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक डॉ. शुचिन बजाज ने कहा,

हम इस बात की सराहना करते हैं कि भारत की G20 की सभी तीन स्वास्थ्य प्राथमिकताओं का उल्लेख शनिवार को जारी G20 लीडर्स की घोषणा में किया गया है. G20 दिल्ली घोषणा ग्लोबल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और हेल्थ सिस्टम को सस्टेनेबल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह बहुत अच्छी बात है कि यह घोषणा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.

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उन्होंने कहा,

यह पूरे हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को महामारी से पहले के स्तर से बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर भारत में जहां टियर II और टियर III शहरों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है. स्वास्थ्य देखभाल के अलावा यह घोषणा ज्यादा सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर ले जाएगी. ये काफी जरूरी भी है ऐसे समय में जब दुनिया जलवायु परिवर्तन से निपटने और सस्टेनेबल एनर्जी सोर्स को सुरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता से जूझ रही है.

भारत की अध्यक्षता में हुए G20 शिखर सम्मेलन में मानव जीवन और स्वास्थ्य के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा गया है और यह बिल्कुल साफ है कि अगर दिल्ली घोषणा का सही मायने में पालन किया जाए तो यह पूरी दुनिया के लिए बेहतर भविष्य का मार्ग प्रदान कर सकती है. IHW काउंसिल के CEO कमल नारायण ने कहा,

उम्मीद है कि आने वाले सालों में जलवायु परिवर्तन (Climate change), जैव विविधता (Biodiversity), प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत (Natural energy sources), गरीबी उन्मूलन (Poverty alleviation), स्वास्थ्य संकट (Health crisis), ऋण चुनौतियां (Debt challenges), डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (Digital transformation) और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International trade) सहित कई गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए ठोस उपायों को लागू करते हुए G20 नई दिल्ली की घोषणा का सही मायने में पालन किया जाएगा.

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(यह स्टोरी एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित हुई है.)

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