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G20 शिखर सम्मेलन की खास बातें : जलवायु परिवर्तन, बाजरा, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ पर खास फोकस
9 सितंबर से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन की मुख्य बातों पर एक नजर
नई दिल्ली: 9 से 10 सितंबर के बीच राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भारत की अध्यक्षता के तहत G20 सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें विश्व नेताओं ने हिस्सा लिया. फिलहाल, इसका समापन हो चुका है. ऐसे में हम आपके लिए इस कार्यक्रम की कुछ खास बातें लेकर आए हैं.
यहां G20 शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातों और कई देशों से आए नेताओं ने इस कार्यक्रम में क्या कहा, उस पर एक नजर डालते हैं:
1. पीएम नरेंद्र मोदी ने G20 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर सब देशों से मिलकर इस चुनौती से लड़ने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और सस्टेनेबल एनर्जी सिस्टम के वित्तपोषण के लिए वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया. G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में बोलते हुए, पीएम मोदी ने समावेशी ऊर्जा परिवर्तन (Inclusive energy transition) के लिए जरूरी वित्तीय आवश्यकताओं की ओर इशारा किया और कहा,
जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा परिवर्तन (Energy transition) 21वीं सदी की दुनिया की एक महत्वपूर्ण जरूरत है. समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए खरबों डॉलर की जरूरत है. स्वाभाविक रूप से विकसित देश इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
प्रधानमंत्री ने सस्टेनेबल और ग्रीन डेवलपमेंट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए G20 द्वारा ‘हरित विकास संधि’ (Green Development Pact) को अपनाने की भी सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी ने “ग्रीन क्रेडिट” नाम के सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा, उन्होंने G20 देशों से सकारात्मक पर्यावरणीय प्रयासों को बढ़ावा देने और रचनात्मक पहल को प्रोत्साहित करने के लिए ‘ग्रीन क्रेडिट पहल’ पर काम शुरू करने का आग्रह किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यक्तियों, शहरी स्थानीय निकायों, समुदायों और निजी क्षेत्र द्वारा “स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों” को प्रोत्साहित करने के लिए एक बाजार-आधारित तंत्र बनाना है. इस पहल के तहत व्यक्तियों, निजी क्षेत्रों, लघु उद्योगों, सहकारी समितियों को पर्यावरणीय कार्यों के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा.
Shared my thoughts during Session 3 of the G20 Summit. This Session focussed on the theme of ‘One Future.’ Emphasised on the need of the hour being to look beyond the idea of a Global Village and make the vision of Global Family a reality. pic.twitter.com/KcypGXdLsP
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
2. वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuel Alliance) के शुभारंभ की घोषणा
G20 शिखर सम्मेलन में भारत ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuel Alliance) के शुभारंभ की घोषणा की और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने की अपील के साथ G20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया. G20 दिल्ली में की गई घोषणा के मुताबिक, सदस्यों ने कहा,
हमारी शून्य और निम्न-उत्सर्जन विकास रणनीतियों में टिकाऊ जैव ईंधन (Sustainable biofuels) के महत्व को पहचानें, और एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance) की स्थापना पर जोर दें.
इस गठबंधन का मकसद सहयोग को आसान बनाना और परिवहन क्षेत्र सहित टिकाऊ जैव ईंधन के इस्तेमाल में तेजी लाना है. यह विश्व भर में राष्ट्रीय जैव ईंधन कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता के प्रावधान पर बल देगा. यह गठबंधन ज्ञान के केंद्रीय भंडार और विशेषज्ञ केंद्र के तौर पर भी काम करेगा.
G20 सदस्य देशों ने रिन्यूबल एनर्जी में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की और मीडियम टर्म में फॉसिल फ्यूल यानी जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर भी सहमति जताई और कोयला से पैदा की गई बिजली (CO2 उत्सर्जन को काफी हद तक कम करने के लिए बिना किसी तकनीक के कोयले का इस्तेमाल) को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया. हालांकि उन्होंने कोयला बिजली को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी है.
3. पर्यावरण और जलवायु पर नजर रखने के लिए G20 उपग्रह मिशन का प्रस्ताव
देशों को जलवायु और मौसम डेटा प्रदान करने के मकसद से भारत ने पर्यावरण और जलवायु अवलोकन (Environment and Climate Observation) के लिए एक G20 उपग्रह मिशन शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा सहित विश्व नेताओं की उपस्थिति में यह सुझाव दिया. पीएम मोदी ने कहा कि G20 उपग्रह मिशन भारत के सफल चंद्रयान मिशन से प्राप्त आंकड़ों की तरह ही पूरी मानवता के लिए फायदेमंद होगा. उन्होंने कहा,
इससे प्राप्त जलवायु और मौसम डेटा को सभी देशों खासतौर पर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा किया जाएगा. भारत सभी G20 देशों को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है.
Productive discussions at the G20 Summit for a better planet… pic.twitter.com/rNSOOHpB5L
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
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4.यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने 2 अरब अमेरिकी डॉलर के ग्रीन क्लाइमेट फंड की घोषणा की
G20 शिखर सम्मेलन में प्रमुख घोषणाओं में से एक यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सनक द्वारा की गई. इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड जलवायु सहायता प्रतिबद्धता (Record climate aid commitment) की घोषणा की थी. भारत में ब्रिटिश उच्चायोग के मुताबिक, यूके ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा, जो दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए UK द्वारा किया गया सबसे बड़ा सिंगल फंडिंग कमिटमेंट है. GCF को COP15 में कोपेनहेगन समझौते के बाद 194 देशों द्वारा स्थापित किया गया था.
G20 शिखर सम्मेलन में यूके के प्रधानमंत्री सुनक ने यहां आए कई देशों के लीडर्स से COP28 शिखर सम्मेलन से पहले अपने देशों के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के परिणामों से निपटने के लिए कमजोर अर्थव्यवस्था वाले देशों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया.
G20 नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम सुनक ने कहा,
ब्रिटेन आगे बढ़ रहा है और अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा है, हमारी अपनी अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइजिंग करके और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए दुनिया के सबसे कमजोर देशों का समर्थन करके. यह उस तरह का नेतृत्व है जिसकी दुनिया G20 देशों से उम्मीद करती है. और मौजूदा सरकार यूके और दुनिया को और ज्यादा समृद्ध और सुरक्षित बनाने के उदाहरण पेश करती रहेगी.
We're delivering on our commitment to help the world deal with climate change:
???? Provide $2bn to the Green Climate Fund
???? Decarbonising our own economy
???? Supporting the world’s most vulnerable to deal with the impact of climate change— UK Prime Minister (@10DowningStreet) September 10, 2023
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5. G20 नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पीएम मोदी की पहल की सराहना की
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ ने कहा,
भारत का ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का दृष्टिकोण एक प्रकाश स्तंभ है, जो मानवता के लिए आशा का संचार करता है – मानवता के लिए समावेशिता, समानता और समृद्धि के साथ. इस समूह में अधिक लोगों को शामिल करने की आवश्यकता को समझने के लिए G20 का आभारी हूं.
जापान के प्रधानमंत्री ने LiFE इनिशिएटिव (पहल) के समर्थन में आवाज उठाई और कहा कि इसका उद्देश्य पर्यावरण के लिए व्यक्तिगत व्यवहार में बदलाव सुनिश्चित करना है. उन्होंने बाजरा (Millets) के भारत के नेतृत्व में हुए अनुसंधान की भी सराहना की और इसके महत्व को स्वीकारा.
एक बैठक में बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोदी के चक्रीय अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण (Circular economy approach) की सराहना की और कहा कि उनका देश भी इसे अपना रहा है. वहीं कोमोरोस संघ के अध्यक्ष और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमानी ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भारत के प्रयासों के लिए शुक्रिया अदा किया.
6. G20 नेताओं द्वारा वृक्षारोपण अभियान
राष्ट्रीय राजधानी में दो दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन के समापन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम सम्मेलन केंद्र में एक प्रतीकात्मक वृक्षारोपण समारोह में G20 नेताओं का नेतृत्व किया. यह पर्यावरणीय चेतना को पोषित करने का एक सामूहिक प्रयास था.
Coming together to achieve a resilient tomorrow for our One Earth, One Family, One Future! ????
The G20 Heads of Delegations participated in a symbolic Tree Plantation ceremony at the Bharat Mandapam.
A collective effort to nurture environmental consciousness at #G20India. pic.twitter.com/kbLezavYLL
— G20 India (@g20org) September 10, 2023
7. G20 शिखर सम्मेलन के मेन्यू में भारत के सुपरफूड ‘बाजरा’ का दबदबा रहा
G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए विश्व नेताओं को बाजरे से बने शाकाहारी व्यंजन परोसे गए. मेन्यू में जो व्यंजन थे उनमें एवोकैडो और पर्ल बाजरा सलाद के साथ-साथ ज्वार और कटहल हलीम जैसे आइटम भी शामिल थे.
G20 शिखर सम्मेलन के मेनू में बाजरा के हावी होने का कारण यह भी था कि भारत के एक प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया है, जो खुद को बाजरा के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहता है. बाजरा को सबसे सुरक्षित फसलों के तौर पर जाना जाता है क्योंकि हर तरह की जलवायु में इसका उत्पादन किया जा सकता है. भारत आम तौर सभी नौ मोटे अनाजों का उत्पादन करता है, जिनमें ज्वार, मोती बाजरा, फिंगर बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, प्रोसो बाजरा, लिटिल बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, ब्राउनटॉप बाजरा और कोडो बाजरा शामिल है.
Chef @anahita_dhondy's Raw Banana Barnyard Millet Tikki, @ChefKunalKapur's Jowar-Mushroom Khichda, & @mchefajaychopra's Millet Thekua & Lemon Shrikhand Mille-feuille dessert were the starter, main course and dessert of the Millet feast.#IYM2023 #ShreeAnna #G20India2023 @g20org pic.twitter.com/MZWhTyIsed
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) September 9, 2023