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गणेश चतुर्थी 2023: स्टील के कटोरे के 1000 टुकड़ों का इस्तेमाल करके सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा में बनाई भगवान गणेश की प्रतिमा

गणेश चतुर्थी पर ‘विश्व शांति’ का संदेश देने के लिए इस सैंड आर्ट (Sand art) को बनाने में लगभग 100 किलोग्राम स्टील और लगभग 1,000 अलग-अलग स्टील की वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया

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सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर 'विश्व शांति' के संदेश के साथ स्टील के कटोरे के टुकड़े इस्तेमाल करके भगवान गणेश की रेत से एक प्रतिमा बनाई

नई दिल्ली: हर साल इस समय देश भर में लोग गणेश चतुर्थी के मौके पर गणपति बप्पा को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ अपने घर लेकर लाते हैं. गणेश चतुर्थी का उत्सव शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्मदिन का प्रतीक है. यह त्योहार कुछ दिनों के लिए घरों में या सार्वजनिक रूप से आयोजित पंडालों और सामुदायिक केंद्रों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करके मनाया जाता है, अंतिम दिन भगवान गणेश की विदाई के मौके पर भी गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है. इस त्योहार के अवसर पर मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 18 सितंबर को पुरी के समुद्र तट पर ‘विश्व शांति’ के संदेश के साथ स्टील के कटोरे के टुकड़े इस्तेमाल करके भगवान गणेश की रेत से एक शानदार प्रतिमा बनाई.

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अपनी लेटेस्ट सैंड आर्ट के बारे में बात करते हुए पटनायक ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया,

हमने गणेश पूजा के लिए यह रेत की प्रतिमा बनाई है. जिसे स्टील और रेत का इस्तेमाल करके आकार दिया गया है. इस सैंड आर्ट को बनाने में करीब 100 किलोग्राम स्टील और लगभग 1,000 स्टील की वस्तुएं लगी थीं. हर साल गणेश पूजा के लिए हम कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. इस बार हमने अपनी कला के माध्यम से ‘विश्व शांति’ का संदेश दिया है.

19 सितंबर को शुरू हुआ 10 दिनो का ये उत्सव विसर्जन की शोभायात्रा के साथ समाप्त होगा. इस त्योहार के दौरान होने वाला ‘विसर्जन’ इस उत्सव का महत्वपूर्ण भाग होता है क्योंकि यह इस बात का प्रतीक है कि इस नश्वर दुनिया में सब कुछ अस्थायी होता है और जो भी यहां आता है वो प्रकृति में वापस मिल जाता है.

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यह पहली सैंड आर्ट यानी रेत की कला नहीं है, जिसे सुदर्शन पटनायक ने गणेश चतुर्थी के मौके पर एक संदेश लोगों को देने के लिए बनाया है. इसके पहले भी पटनायक 1000 प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके भगवान गणेश की रेत की प्रतिमा बना चुके हैं. ऐसा करने के पीछे उनका मकसद एक बार के इस्तेमाल के बाद फेंके गए प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने का संदेश देना था. सिर्फ गणेश चतुर्थी ही नहीं पटनायक पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को अपने प्लेनेट की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करने का कोई मौका नहीं गंवाते हैं.

तस्वीरों में: सुदर्शन पटनायक की पिछली सैंड आर्ट की झलक

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