अभियान के सीजन 8 का उद्देश्य 'वन हेल्थ, वन प्लैनेट, वन फ्यूचर - लीविंग नो वन बिहाइंड' (One Health, One Planet, One Future – Leaving No One Behind) पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंसान और पर्यावरण की एक दूसरे पर निर्भरता को उजागर करना है.
पद्मश्री सम्मानित मार्था चेन, जो हार्वर्ड केनेडी स्कूल में प्रोफेसर हैं, ने भी टेलीथॉन में शिरकत की
"मैं भारत के अनौपचारिक कार्यबल को स्वास्थ्य और समृद्धि के बीच एक कड़ी के रूप में देखती हूं. सभी श्रमिकों में 90 प्रतिशत यानी 415 मिलियन अनौपचारिक हैं. वे 'रोटी, कपड़ा, मकान', स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, कचरा प्रबंधन सेवाएं और बहुत कुछ प्रदान करते हैं. उनका मुख्य प्रयास उनका शारीरिक श्रम है. अगर वे बीमार पड़ जाते हैं तो उनकी कमाई तुरंत बंद हो जाती है. अगर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, तो वे अपनी बचत निकालते हैं और कर्ज में डूब जाते हैं. अनौपचारिक कार्यकर्ता दैनिक कमाई से दूर रहते हैं और उनके पास स्वास्थ्य बीमा या बीमारी के दौरान छुट्टी पर रहने पर वेतन भुगतान की सुविधा नहीं होते हैं. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आगे बढ़ने में पीछे न रहें. हमें कोविड के आर्थिक प्रभाव को इस तरह से ठीक करना है कि अनौपचारिक श्रमिकों को शामिल किया जाए."