अभियान के सीजन 8 का उद्देश्य 'वन हेल्थ, वन प्लैनेट, वन फ्यूचर - लीविंग नो वन बिहाइंड' (One Health, One Planet, One Future – Leaving No One Behind) पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंसान और पर्यावरण की एक दूसरे पर निर्भरता को उजागर करना है.
Oct 03, 2021
13:42 (IST)
पद्म श्री और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता, सामाजिक कार्यकर्ता, लोक बिरादरी प्रकल्प के चिकित्सा निदेशक प्रकाश आमटे ने भी 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में अपनी बात रखी
"50 के दशक में, मेरे पिता बाबा आमटे, हालांकि वे एक जमींदार के बेटे थे और कानून की प्रैक्टिस करते थे, उन्होंने एक कुष्ठ रोगी को देखा और वह डर गए. किसी के भी जीवन में भी एक ऐसा मोड़ आ सकता है- वह उस कुष्ठ रोगी को अपने घर ले आए. उस समय घर में कुष्ठ रोगी वर्जित थे. जब बाबा ने इसे शुरू किया और प्रचार प्राप्त किया, तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि बाबा ने सोचा कि सड़कों पर भीख मांगने वाले लोगों में विश्वास कैसे बढ़ाया जाए. इसलिए उनकी लोगों के साथ काम करने की नीति थी. विकलांग होते हुए भी लोग काम कर सकते थे. शुरुआती दिनों में सभी ने बाबा का बहिष्कार किया लेकिन 10 साल बाद बहुत सारे लोग आने लगे. आनंदवन पिकनिक स्पॉट बन गया. विकृति का निषेध था. बाबा का योगदान प्रतिबंधों को खत्म करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में था. उन्होंने खुद को कुष्ठ रोग तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि विभिन्न प्रकार के विकलांग लोगों के लिए भी काम किया."