Uncategorized

Omicron XBB 1.5 और BF.7: नए COVID वैरिएंट के बीच भारत की क्‍या स्थिति है?

मैक्स हेल्थकेयर में ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप बुधिराजा ने NDTV-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम से दो ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट, XBB 1.5 और BF.7 के बारे में बात की और इनसे हेल्‍थ को होने वाले जोखिमों के बारे में बताया

Published

on

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अक्टूबर 2022 से 11 जनवरी, 2023 तक, 38 देशों से ओमिक्रॉन एक्सबीबी.1.5 वैरिएंट के कई सीक्वेंस मिले हैं.

नई दिल्ली: ओमिक्रॉन, एक्सबीबी 1.5 और बीएफ.7 की दो नई सब लिनीइज के साथ कोरोनोवायरस दुनिया को खतरे में डालना जारी रखे हुए है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अक्टूबर 2022 से 11 जनवरी, 2023 तक, 38 देशों से ओमिक्रॉन एक्सबीबी.1.5 वैरिएंट के कई सीक्वेंस मिले हैं. विशेष रूप से, इन दो सब-लिनीइज ने कई देशों को अपने कब्जे में ले लिया है और लाखों लोगों को संक्रमित किया है, विशेष रूप से चीन, अमेरिका, कोरिया गणराज्य और जापान में. इनमें से कुछ मामले हाल ही में भारत में सामने आए थे.

एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम से बात करते हुए, डॉ. संदीप बुधिराजा, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर और वरिष्ठ निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, मैक्स हेल्थकेयर ने भारतीय संदर्भ में ओमिक्रॉन की दो नई सब-लिनीइज के बारे में बात की और इससे जुड़े जोखिमों के बारे में विस्तार से बताया. वायरस और सावधानियों से खुद को संक्रमित होने से बचा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: अन्य देशों में कोविड-19 संक्रमणों में वृद्धि के बीच भारत अलर्ट मोड पर

NDTV: XBB 1.5 और BF.7 की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

डॉ. संदीप बुद्धिराजा: XBB 1.5 और BF.7 दोनों वर्तमान में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मौजूद हैं, जो ओमिक्रॉन की सब-लिनीइज हैं. पिछले तीन सालों में हमने डेल्टा, अल्फा से लेकर ओमिक्रॉन तक कोरोनावायरस के कई वैरिएंट देखे हैं. पिछले वैरिएंट में लगातार बदलाव हुए, 2-3 महीनों के बीच बदलते रहे, लेकिन सौभाग्य से, पिछले 13 महीनों में ओमिक्रॉन के अलावा कोई अन्य वैरिएंट सामने नहीं आया. ओमिक्रॉन ने वास्तव में दुनिया भर में खुद को स्थापित किया है. ओमिक्रॉन के अंदर म्‍यूटेशन और सब-लिनीइज आ रहे हैं, और XBB 1.5 और BF.7 दो प्रमुख हैं.

NDTV: ये दो सब-लिनीइज कितने संक्रामक हैं, और इसमें क्या जोखिम शामिल हैं?

डॉ. संदीप बुद्धिराजा: एक वैरिएंट या सब-लिनीइज को खुद को स्थापित करने के लिए, उसमें कुछ गुण होने चाहिए, जो वायरस को जीवित रहने का लाभ प्रदान करते हैं. हमें यह देखना होगा कि कोई वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कितनी कुशलता से या तेजी से संचारित हो सकता है. उसमें, XBB 1.5 और B.7 दोनों ने पिछले वैरिएंट और सब-लिनीइज को मात दी है. ये अत्यधिक संक्रामक हैं; इनकी इन्क्यूबेशन अवधि बहुत कम है, और एक व्यक्ति लगभग 10-18 लोगों को संक्रमित कर सकता है, और सीरीज आगे बढ़ती है. यह वायरस इतनी तेज़ी से क्यों फैल रहा है इसका कारण म्यूटेशन हैं जो वायरस को मानव कोशिका से अधिक कुशलता से चिपकते हैं.

NDTV: XBB 1.5 और BF.7 की गंभीरता क्या है?

डॉ संदीप बुद्धिराजा: इनमें से अधिकांश वायरस ट्रांसमिशन में कुशल हो गए हैं, और सौभाग्य से, वे अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बने हैं. डेल्टा वैरिएंट में गंभीरता का वह स्तर देखा गया था. तो, यह अच्छी खबर है, लेकिन इनकी गंभीरता में कमी के कई कारण हो सकते हैं. अधिकांश लोग COVID-19 से पहले चरण में संक्रमित थे, और अब हम में से अधिकांश का टीकाकरण हो चुका है. इसलिए, ये कारक गंभीर संक्रमण होने से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करते हैं. लेकिन इन विषाणुओं का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इनके पास ‘इम्यून एस्केप’ का फेनोटाइप है, जिसका अर्थ है कि भले ही व्यक्ति अतीत में वायरस से संक्रमित हो या अब पूरी तरह से टीका लगाया गया हो, फिर से संक्रमित होने का जोखिम है, क्योंकि इनके म्‍यूटेशन का महत्वपूर्ण हिस्सा उन्हें उस सुरक्षात्मक प्रभाव से बचने के लिए प्रेरित करता है जो एक संक्रमण या टीकाकरण के बाद शरीर स्वाभाविक रूप से विकसित होता है. तो, हम कह सकते हैं कि ये सब-लिनीइज अत्यधिक संक्रामक हैं, और एक व्यक्ति को फिर से संक्रमित कर सकते हैं. लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि टीकाकरण रोग की गंभीरता को कम करता है.

इसे भी पढ़ें: विश्व स्वास्थ्य संगठन को उम्मीद, COVID-19 साल 2023 में ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं होगा

NDTV: XBB 1.5 और BF.7 के लक्षण क्या हैं?

डॉ. संदीप बुद्धिराजा: इन सब-लिनीइज के लक्षण पिछले स्‍ट्रेन के लक्षणों से अलग नहीं हैं – 3-5 दिनों तक तेज बुखार, गले में दर्द, सिरदर्द, खांसी, सर्दी, बदन दर्द, दस्त, पेट दर्द, आदि. लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पहले के समय में लोगों ने टेस्‍ट और स्‍मैल न होने की भी शिकायत की थी, जो कि वर्तमान मामलों में नहीं देखा गया है. इसका कारण यह हो सकता है कि टीकाकरण हमें गंध और स्वाद से संबंधित शरीर के उन क्षेत्रों के प्रभावों पर असर आने से रोक रहा है.

NDTV: क्या भारत को एक्सबीबी 1.5 और बीएफ.7 के बारे में चिंतित होना चाहिए, क्योंकि अन्य देशों में इसके मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है?

डॉ संदीप बुद्धिराजा: रोकथाम एक आधारशिला है. खुद को संक्रमित होने से बचाना चाहिए. मौजूदा तनाव से लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि एक बार यह बीमारी परिवार के किसी सदस्य में आ गई तो दूसरों को इससे बचाना बहुत मुश्किल हो जाएगा. COVID-19 के सुनहरे सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें हाथ धोना, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल है. इसके अतिरिक्त, लोगों को COVID वैक्सीन बूस्टर खुराक लेनी चाहिए, क्योंकि टीकाकरण रोग की गंभीरता को कम करता है, विशेष रूप से बुजुर्गों और अन्‍य बीमार लोगों में.

इसे भी पढ़ें: Banega Swasth India Telethon पर WHO की मुख्य वैज्ञानिक से जानें COVID-19 महामारी से जुड़ी अहम बातें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version