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चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लॉन्च की ‘मेडटेक मित्र’ पहल

मेडटेक मित्र एक ऐसा मंच है जो देश की युवा प्रतिभाओं का हाथ थामकर उनके शोध, ज्ञान, तर्क आदि को अंतिम रूप देने में मदद करेगा

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डॉ. मंडाविया ने कहा, विकसित भारत के दृष्टिकोण को बढ़ाते हुए, भारत 2047 तक देश में स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने की दृष्टि से स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण अपना रहा है.

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार (25 दिसंबर) को कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है और भारत 2047 तक अपने स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने की दृष्टि से स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण अपना रहा है. उन्होंने यह बात “मेडटेक मित्र: ए स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव टू एम्पॉवर मेडटेक इनोवेटर्स एंड एडवांस हेल्थकेयर सॉल्यूशंस” को वर्चुअली लॉन्च करने के बाद कही. डॉ मंडाविया ने कहा, मेडटेक मित्र एक ऐसा मंच है जो देश की युवा प्रतिभाओं का हाथ पकड़कर उनके शोध, ज्ञान, तर्क आदि को अंतिम रूप देने में और रेग्युलेटरी अप्रूवल प्राप्त करने में मदद करेगा. इस अवसर पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा,

चिकित्सा उपकरण क्षेत्र भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का एक आवश्यक और अभिन्न अंग है.

उन्होंने कहा कि विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, भारत 2047 तक देश में स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने की दृष्टि से स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना रहा है. यह देखते हुए कि भारत का मेडटेक क्षेत्र 80 फीसदी आयात पर निर्भर है, इस बात का उल्लेख करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि देश में ही चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति हो सके। इस क्षेत्र ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और चिकित्सा दवा पार्कों, मेडटेक अनुसंधान नीति तथा मेडटेक प्रोत्साहन योजना में निवेश के साथ अभूतपूर्व प्रगति देखी है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सहयोगी पहल किफायती, गुणवत्तापूर्ण मेडटेक उपकरणों और डायग्नोस्टिक्स के स्वदेशी विकास की सुविधा प्रदान करेगी जिससे इस क्षेत्र की आयात निर्भरता में काफी कमी आएगी. क्षेत्र की वृद्धि और क्षमता पर बात करते हुए, डॉ मंडाविया ने कहा,

मुझे विश्वास है कि भारत 2030 तक 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उद्योग बन जाएगा.

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प्रौद्योगिकी में विकास की तेज गति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा,

रोबोटिक्स, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, वर्चुअल रियलिटी, नैनोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में हो रहे विकास के कारण, चिकित्सा उपकरण क्षेत्र आज तेजी से बदल रहा है.

इनोवेटर्स और युवाओं की पहल और प्रयासों की सराहना करते हुए, डॉ. मंडाविया ने कहा,

देश में इनोवेटर्स, रिसर्चर्स और युवाओं के स्टार्ट-अप में अपार शक्ति है, जो रिसर्च और लॉजिक डेवलपमेंट करना जानते हैं। यदि किसी को अप्रूवल स्टेज पर ही सहायता मिल जाए, तो ऐसी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं, जो भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनने और विकसित भारत के दृष्टिकोण को अपनाने की दिशा में मददगार साबित होंगी.

मंत्री ने आगे विस्तार से बताते हुए कहा कि बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं और विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के कारण, भारत के चिकित्सा उपकरण उद्योग में आने वाले वर्षों में नवाचार में एक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरने की शक्ति है.

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(स्वास्थ्य को छोड़कर, यह स्टोरी एनडीटीवी स्टाफ की तरफ से संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित हुई है.)

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