नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पेड़ पौधों के प्रेमी हैं. पौधों और हरियाली के प्रति उनका लगाव किसी से छिपा नहीं है और तो और सच यह भी है कि 2021 के फरवरी महीने से वह पौधा रोपने का काम रोजाना कर रहे हैं. उनके लिए पौधे लगाना किसी एक दिन विशेष की बात नहीं है और न ही फोटो खिंचवा लेने का कोई अवसर भर, बल्कि यह उनके जीवन का ही एक हिस्सा है. जबकि भारत में वन महोत्सव सप्ताह (1-7 जुलाई) मनाया जा रहा है, तो इस मौके पर टीम एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया ने विशेष तौर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत की और उनके वृक्ष प्रेम के साथ ही यह भी समझा कि पौधे लगाने के राज्यव्यापी अभियान के लिए उनकी महत्वाकांक्षाएं क्या हैं.
प्रकृति और पौधारोपण के लिए अपने प्रेम के बारे में बातचीत करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
मेरा मन तो करता है कि पेड़ों को और उनकी पत्तियों को चूम लूं. कभी-कभी तो मैं कसकर पेड़ों के गले लग जाना चाहता हूं. जब कभी मैं अपने रोपे हुए पौधों को बढ़ते या पनपते हुए देखता हूं तो बहुत अच्छा लगता है, ऐसा अहसास होता है जैसे जीवन में कुछ पूरा-सा हो गया. और उसी पेड़ को जब फलते-फूलते और आसपास के लोगों को नया जीवन सौंपते देखता हूं तो वाकई एक दिव्य-सा अहसास होता है.
राज्य भर में अपने पौधारोपण अभियान को लेकर और इसे अमल में कैसे लाया गया, इसके बारे में बात करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
वन महोत्सवों के दौरान, मैं लोगों को अक्सर इस तरह का उपदेश देते हुए देखता था कि हमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेड़ पौधे लगाने चाहिए. मैं यह भी देखता था कि लोग कई तरह के पौधारोपण अभियानों के लिए जुटते भी थे. पर समस्या यह कि एक दिन विशेष पर, हो सकता है, हम 1000 पौधे भी लगा दें लेकिन अफसोस इस बात का रह जाता कि उस एक दिन के बाद उन पौधों की ठीक तरह से देखरेख तक नहीं हो पाती थी. बस उसी वक्त, मेरे मन में रोजाना पेड़ लगाए जाने का विचार आया. मुझे ख्याल आया कि कैसा हो अगर हम सब अपने आसपास की जगहों पर हर दिन कोई न कोई पौधा लगाएं? कैसा हो कि हम अपने लगाए उस पौधे का मालिक खुद को समझें यानि उसकी देखभाल करने के लिए जिम्मेदारी भी उठाएं और अपने आसपास के परिवेश में एक सकारात्मक बदलाव आता हुआ देखें? बस, फिर फरवरी 2021 से, मैंने रोज पौधे लगाने को अपने जीवन का जैसे एक आदर्श बना लिया.
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आज के समय में, मध्य प्रदेश में, सीएम शिवराज सिंह चौहान ‘अंकुर’ नामक एक कार्यक्रम का संचालन भी करवा रहे हैं. इसके लिए एक पोर्टल बन चुका है, जिसमें लोगों से यह अपील की जाती है कि वो शादी, जन्मदिन, शादी की सालगिरह यानि किसी भी तरह के खास मौके पर पौधारोपण जरूर करें. इस पोर्टल की भूमिका और इस पहल के बारे में बात करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
पेड़ लगाना ही सबसे अच्छा तोहफा है. हम इस पोर्टल पर लोगों से कहते हैं कि वो अपने लगाए पौधों के साथ अपनी तस्वीर यहां अपलोड करें. और यह भी कहते हैं कि पहले 30 और फिर 75 दिन बाद वे ये अपडेट भी शेयर करें कि उनके लगाए पौधे का आखिर क्या हुआ. हम ऐसे पर्यावरण योद्धाओं को प्रमाण पत्र भी देते हैं; साल में एक बार हम उनका सम्मान करते हैं. तो इस तरह से, हम पौधारोपण अभियान शुरू कर चुके हैं और उपलब्ध डेटा के हिसाब से, अब तक राज्य भर में 68 लाख से ज्यादा लोग न केवल पौधे रोप चुके हैं बल्कि सफलतापूर्वक इस शानदार पहल का हिस्सा भी बन चुके हैं.
पौधे लगाने को लेकर कैसे यह आदत एक सुरक्षित और बेहतर भविष्य सुनिश्चित करेगी, इस बारे में भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बातचीत की और कहा,
मेरे विचार में सभी नागरिकों का यह कर्तव्य होना चाहिए कि वे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं. मुझे खुशी है कि मैं ऐसा कर पा रहा हूं और कई लोग मेरे इस मिशन में मेरे साथ जुड़ चुके हैं. हम खाना खाने या स्नान करने जैसे रोजमर्रा के कामों के लिए तो समय हर रोज निकालते ही हैं. ठीक इसी तरह, हम पौधा रोपने के लिए भी कुछ वक्त हर दिन निकाल सकते हैं, आखिरकार यह एक ऐसा काम है जिससे हम सबको ऑक्सीजन मिलती है – यानि हमारे जीवन की सबसे आवश्यक चीज.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बातचीत में यह भी बताया कि अब वह औसतन 10 पेड़ हर दिन लगा रहे हैं. उन्होंने कहा,
चूंकि अब लोगों को मेरी इस पहल के बारे में पता चल ही चुका है, तो अब मैं जहां कहीं भी जाता हूं, वो पौधे लगाने की व्यवस्था तो मेरे लिए कर ही देते हैं.
इसके आगे की बातचीत में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि अब भी देश में जो सबसे साफ नदियां हैं, उनमें से नर्मदा एक प्रमुख नदी है. उन्होंने बताया,
भविष्य में भी नर्मदा नदी को साफ सुथरा रखा जा सके, इसके लिए हम 18 नये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं. इससे होगा यह कि गंदे या प्रदूषित पानी को नदी से बाहर करने में मदद मिलेगी. हम यह भी कोशिश कर रहे हैं कि नर्मदा नदी के आसपास के क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेड़ लगाए जा सकें ताकि मिट्टी के क्षरण की समस्या हल हो सके और नर्मदा का साफ रखने में मदद मिले. और अंतत: हम नदी के आसपास के इलाकों में केमिकल और पेस्टीसाइड के उपयोग के बगैर खेती किए जाने के तरीकों पर जोर देने की कवायद भी कर रहे हैं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अंत में बात को यह कहकर विराम दिया कि पर्यावरण और स्वच्छता, देखा जाए तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. अगर साफ सफाई होगी तो हमारा पर्यावरण अपने आप ही स्वस्थ हो जाएगा. वह बोले,
आज के समय में, अपने परिवेश को लेकर ज्यादा से ज्यादा तादाद में लोग जागरूक और सचेत हो रहे हैं. वे यह जरूरत महसूस कर रहे हैं कि पर्यावरण के साथ हंसी-खुशी सामंजस्य बनाया जाए.