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बजट 2023: ‘ग्रीन ग्रोथ’ के लिए की गई 12 प्रमुख घोषणाओं में नेट जीरो, रिन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट टू वेल्थ

केंद्रीय बजट 2023-24 में एनर्जी ट्रांजिशन, 2070 के नेट ज़ीरो टारगेट को प्राप्त करने, मैंग्रोव प्लांटेशन और कन्सर्विंग वेटलैंड समेत ग्रीन ग्रोथ पर विशेष ध्यान दिया गया है

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Budget 2023 Net Zero, Renewable Energy, Waste To Wealth, Among 12 Key Announcements Made For ‘Green Growth’
केंद्रीय बजट 2023: ग्रीन ग्रोथ सरकार की सात प्राथमिकताओं में से एक है

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने बजट भाषण में कहा, “हम विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए ग्रीन फ्यूल, ग्रीन एनर्जी, ग्रीन फार्मिंग, ग्रीन मोबिलिटी, ग्रीन बिल्डिंग, एंड ग्रीन इक्विपमेंट और नीतियों के लिए कई प्रोग्राम लागू कर रहे हैं. ग्रीन ग्रोथ के ये प्रयास अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद करते हैं और बड़े पैमाने पर हरित रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं.” पिछले साल की तरह, वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट को पेपरलेस फॉर्मेट में पेश किया और बजट को पढ़ने के लिए एक डिजिटल टैबलेट को अपनाया.

केंद्रीय बजट 2023-24 में सात प्राथमिकताओं को अपनाया गया है जो “एक-दूसरे के पूरक हैं और यह अमृत काल के ज़रिए हमारा मार्गदर्शन करने वाले ‘सप्तऋषि’ के तौर पर कार्य करते हैं.” ग्रीन ग्रोथ सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है.

‘ग्रीन ग्रोथ’ के लिए विजन और मिशन बताते हुए, मंत्री ने कहा,

प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के प्रति जागरूक लाइफस्टाइल के आंदोलन को प्रोत्साहित करने के लिए “LiFE” या पर्यावरण के लिए लाइफस्टाइल के लिए एक दृष्टिकोण दिया है. भारत हरित औद्योगिक और आर्थिक ट्रांज़िशन की शुरुआत करने के लिए 2070 तक ‘पंचामृत’ और नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लिए मजबूती से आगे बढ़ रहा है. यह बजट हरित विकास पर हमारे ध्यान को आगे बढ़ाता है.

'ग्रीन ग्रोथ' के लिए निर्मला सीतारमण द्वारा की गई 12 प्रमुख घोषणाएं:

  1. ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: 19,700 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ हाल ही में शुरू किया गया राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, अर्थव्यवस्था को लो कार्बन इंटेंसिटी में ट्रांज़िशन की सुविधा प्रदान करेगा, जीवाश्म ईंधन आयात पर निर्भरता को कम करेगा, और देश को इस उभरते क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और बाजार नेतृत्व ग्रहण करने में सक्षम बनाएगा. हमारा लक्ष्य 2030 तक 5 एमएमटी के वार्षिक उत्पादन तक पहुंचना है.
  2. एनर्जी ट्रांज़िशन: यह बजट पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा एनर्जी ट्रांजिशन और नेट ज़ीरो उद्देश्यों और ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्राथमिकता पूंजी निवेश के लिए 35,000 करोड़ रुपये प्रदान करता है.
  3. एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट: अर्थव्यवस्था को सतत विकास पथ पर चलाने के लिए, 4,000 मेगावाट की क्षमता वाले बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को वायबिलिटी गैप फंडिंग के साथ सपोर्ट दिया जाएगा. पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए एक विस्तृत ढांचा भी तैयार किया जाएगा.
  4. रिन्यूएबल एनर्जी इवैक्वेशन: लद्दाख से 13 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी की निकासी और ग्रिड एकीकरण के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम का निर्माण 20,700 करोड़ रुपये के निवेश के साथ किया जाएगा, जिसमें 8,300 करोड़ रुपये का केंद्रीय समर्थन भी शामिल है.
  5. ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम: व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत एक ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम अधिसूचित किया जाएगा. यह कंपनियों, व्यक्तियों और स्थानीय निकायों द्वारा पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और उत्तरदायी कार्यों को प्रोत्साहित करेगा, और ऐसी गतिविधियों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने में मदद करेगा.
  6. पीएम-प्रणाम: वैकल्पिक उर्वरकों और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करने के लिए “धरती माता की बहाली, जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए पीएम कार्यक्रम” शुरू किया जाएगा.
  7. गोबरधन योजना: सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) योजना के तहत 500 नए ‘वेस्ट टू वेल्थ’ प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इनमें 200 कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 संयंत्र शामिल हैं, और 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश पर 300 सामुदायिक या क्लस्टर-आधारित संयंत्र शामिल हैं.नियत समय में, प्राकृतिक और बायो गैस का विपणन करने वाले सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत सीबीजी अधिदेश पेश किया जाएगा. बायोमास के संग्रहण एवं जैव खाद के वितरण हेतु समुचित वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी.
  8. भारतीय प्रकृति खेती बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर: अगले 3 वर्षों में, हम 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की सुविधा प्रदान करेंगे. इसके लिए, 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाएंगे.
  9. मिष्टी: वनीकरण में भारत की सफलता को आगे बढ़ाते हुए, ‘शोरलाइन हैबिटेट और टेंजिबल इनकम के लिए मैंग्रोव पहल’, मिष्टी को मनरेगा, कम्पेन्सेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट और प्लानिंग अथॉरिटी (सीएएमपीए) फंड और अन्य स्रोतों के बीच अभिसरण के माध्यम से, जहां भी संभव हो, कोस्टलाइन और सॉल्ट पैन लैंड्स पर मैंग्रोव वृक्षारोपण के लिए शुरू किया जाएगा.
  10. अमृत धरोहर: आर्द्रभूमि महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र हैं जो जैविक विविधता को बनाए रखते हैं. अपने नवीनतम मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हमारे देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या बढ़कर 75 हो गई है. जबकि, 2014 से पहले, केवल 26 थे…” स्थानीय समुदाय हमेशा संरक्षण प्रयासों में सबसे आगे रहे हैं. सरकार अमृत धरोहर के माध्यम से उनके अद्वितीय संरक्षण मूल्यों को बढ़ावा देगी, एक योजना जिसे अगले तीन वर्षों में आर्द्रभूमि के ऑप्टीमल उपयोग को प्रोत्साहित करने और जैव-विविधता, कार्बन स्टॉक, पर्यावरण-पर्यटन के अवसरों और स्थानीय समुदायों के लिए आय सृजन को बढ़ाने के लिए लागू किया जाएगा.
  11. तटीय शिपिंग: तटीय शिपिंग को वायबिलिटी गैप फंडिंग के साथ पीपीपी मोड के माध्यम से यात्रियों और माल ढुलाई दोनों के लिए परिवहन के ऊर्जा कुशल और कम लागत वाले मोड के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा.
  12. व्हीकल रिप्लेसमेंट: पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बदलना हमारी अर्थव्यवस्था को हरा-भरा करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. बजट 2021-22 में उल्लिखित वाहन स्क्रैपिंग नीति को आगे बढ़ाने के लिए, मैंने केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया है. पुराने वाहनों और एंबुलेंस को बदलने में भी राज्यों का सहयोग लिया जाएगा.
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