नई दिल्ली: नेशनल हेल्थ और फैमिली सर्वे रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने पिछले दो दशकों में अपनी आबादी के स्वास्थ्य सूचकांक में उल्लेखनीय प्रगति की है. जैसे-जैसे देश हेल्थ केयर सेक्टर में प्रगति हो रही है, विशेष रूप से रूरल एरिया में, प्राइमरी हेल्थकेयर वर्कर सिस्टम की रीढ़ बनकर उभरी हैं. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य परिणामों में सुधार का सीधा संबंध वहां ट्रेन्ड ह्यूमन रिसोर्स की उपलब्धता से है. परिवार नियोजन से लेकर कुपोषण तक, ग्रामीण भारत में लोगों को जागरूक करने और शिक्षित करने के लिए हेल्थकेयर वर्कर जिम्मेदार हैं.
इन हेल्थकेयर वर्कर में मुख्य रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW), कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर या एक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट हैं, जिन्हें आमतौर पर आशा वर्कर के रूप में जाना जाता है और सहायक सहायक नर्स दाइयों को स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपस्थित एएनएम वर्कर के रूप में जाना जाता है. एक लेडी हेल्थ विजिटर (एलएचवी) को ऐसे छह केंद्रों के पर्यवेक्षण का काम सौंपा जाता है. यह आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करती हैं.
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आंगनवाड़ी वर्कर (AWW)
आंगनवाड़ी वर्कर आंगनवाड़ी प्रोग्राम को एक्सक्यूटिंग करने में कम्यूनिटी सपोर्ट और एक्टिव पार्टिसिपेशन दिखाने के लिए जिम्मेदार हैं. एनएचएम के अनुसार, उनकी ड्यूटी में सभी परिवारों का रेगुलर क्विक सर्वे करना, प्री-स्कूल एक्टिविटी का आयोजन करना, परिवारों को हेल्थ और न्यूट्रिशन एजुकेशन प्रदान करना, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को परिवार नियोजन को अपनाने के लिए प्रेरित करना, माता-पिता को चाइल्ड ग्रोथ और डेवलपमेंट के बारे में शिक्षित करना है. इसके अलावा सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके किशोर लड़कियों और माता-पिता को शिक्षित करना और बच्चों में विकलांगता की पहचान करना शामिल है.
एक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट (आशा)
आशा वर्कर कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर हैं और उसी गांव की निवासी हैं जहां उन्हें नियुक्त किया गया है. एनएचएम के अनुसार, समुदाय और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के बीच इंटरफेस के रूप में कार्य करने के लिए, उन्हें आमतौर पर पंचायत द्वारा चुना जाता है और उनके प्रति जवाबदेह होता है. आशा कार्यकर्ता आनरेरी वॉलियंटर हैं, जो सार्वभौमिक टीकाकरण को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य केंद्र के लिए रेफरल और एस्कॉर्ट सेवाओं, घरेलू शौचालयों के निर्माण और अन्य स्वास्थ्य सेवा वितरण कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार हैं.
सहायक नर्स मिड-वाइव्स (एएनएम)
एनएचएम का कहना है कि सहायक नर्स मिड-वाइव्स भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के सबसे महत्वपूर्ण फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कफोर्सेस में से एक हैं. एएनएम विशेष रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में मैटरनल और न्यूबॉर्न हेल्थ सर्विस की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. हालांकि, एएनएम से मल्टी-पर्पज हेल्थ वर्कर होने की उम्मीद की जाती है. एएनएम से संबंधित कार्यों में परिवार नियोजन सेवाओं के साथ-साथ मैटरनल एवं चाइल्ड हेल्थ एवं न्यूट्रिशन एजुकेशन, पर्यावरण स्वच्छता बनाए रखने के प्रयास, कम्युनिकेबल डिजीज के
कंट्रोल के लिए टीकाकरण, मामूली चोटों का उपचार और आपात स्थिति और आपदाओं में प्राथमिक उपचार शामिल हैं.
आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम वर्कर के बीच संबंध
आशा कम्युनिटी हेल्थ वर्कर हैं और स्वास्थ्य केंद्र द्वारा कवर किए गए क्षेत्र के आधार पर, प्रत्येक एएनएम को चार या पांच आशा का सहयोग मिलता है. पिछले सप्ताह या फॉर्ट्नाइट में किए गए कार्यों की समीक्षा के लिए एएनएम को आशा के साथ साप्ताहिक या फॉर्ट्नाइटली बैठक करनी होती है. एएनएम स्वास्थ्य देखभाल के पहलुओं पर आशा का मार्गदर्शन करती हैं. आशा एएनएम और गांव के बीच ब्रिज का काम करती है.
एएनएम आशा लाभार्थियों को संस्था में लाने के लिए प्रेरित करती है. आशा गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए एएनएम के पास लाती है. वह विवाहित जोड़ों को परिवार नियोजन पर सलाह देने के लिए एएनएम के पास भी लाती है. आशा एएनएम द्वारा आयोजित टीकाकरण सत्र में बच्चों को लाती है. दूसरी ओर, आंगनवाड़ी वर्कर के साथ, एएनएम आशा के ट्रेनिंग के लिए एक रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्य करती है. आंगनबाडी वर्कर स्वास्थ्य केन्द्रों पर एएनएम वर्कर की सहायता भी करती हैं.