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स्वास्थ्य अभियान, ‘आयुष्मान भव:’ जो पहुंचेगा 7 करोड़ परिवारों तक

17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन के मौके पर देश में ‘सेवा पखवाड़ा’ के तौर पर एक नया स्वास्थ्य अभियान शुरू होने जा रहा है

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नया स्वास्थ्य अभियान, 'आयुष्मान भव:' जो पहुंचेगा 7 करोड़ परिवारों तक
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए हर गांव और कस्बे तक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज का विस्तार करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति छूटे न जाए

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 सितंबर को भारत की नई स्वास्थ्य पहल आयुष्मान भव: का शुभारंभ करते हुए कहा, “कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे, कोई भी गांव न छूटे. देश की शत-प्रतिशत आबादी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें. यह लक्ष्य हमारे देश को सही अर्थों में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के मकसद को हासिल करने में कामयाब बनाएगा.” आयुष्मान भव: अभियान 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक ‘सेवा पखवाड़ा’ के रूप में चलाया जाएगा. इस अभियान के दौरान कई एक्टिविटी की जाएंगी जो पूरे भारत की आबादी की स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करने और उनमें इस अभियान को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मदद करेंगी. स्वास्थ्य मंत्रालय की योजनाओं का फायदा हर व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य के साथ यह अभियान शुरू किया जा रहा है.

इस नई स्वास्थ्य पहल के साथ सरकार का लक्ष्य देश के सात करोड़ परिवारों तक पहुंचना है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,

प्रधानमंत्री ने अपने इस अभियान में महात्मा गांधी के ‘अंत्योदय’ के विचार को खास महत्व दिया है. यह अभियान अंतिम गांव के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएगा और यह अभियान ‘अंत्योदय’ के आदर्श से प्रेरित है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि G20 बैठक के दौरान सदस्य देशों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) की प्रगति में तेजी लाने के लिए समूह की 2023 कार्य योजना के लिए एक स्पष्ट रोड मैप सामने रखा और कहा,

भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 2030 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स निर्धारित किए हैं. इसके तहत ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों पर खास तौर पर फोकस किया गया है.

इस नई स्वास्थ्य पहल से जुड़ी जरूरी जानकारी पर एक नजर:

आयुष्मान भव: अभियान

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक इस अभियान का मुख्य मकसद भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए हर गांव और कस्बे तक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज का विस्तार करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छूट न जाए.

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इस अभियान के बारे में मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है,

इस अभियान का लक्ष्य अपने तीन घटकों – आयुष्मान आपके द्वार 3.0, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (Health and Wellness Centres – HWC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centres – CHC) पर आयुष्मान मेलों और हर गांव और पंचायत में आयुष्मान सभाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज को बढ़ाना है.

आयुष्मान भव: पहल में कौन सी सेवाएं शामिल हैं उस पर एक नजर –

आयुष्मान आपके द्वार 3.0 पहल के माध्यम से सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत नामांकित (enrolled) हो चुके उन पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान करना है जो बचे हुए है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच स्वास्थ्य सेवाओं तक है. 17 सितंबर से सभी पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण शुरु किया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने करीब 35 करोड़ लोगों के लिए 2 अक्टूबर तक आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है ताकि उन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के दायरे में लाया जा सके.

स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (Health and Wellness Centres) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centres) पर आयोजित किए जाने वाले आयुष्मान मेले ABHA (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट ) ID (हेल्थ ID ) बनाने और आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने की सुविधा प्रदान करेंगे. जिससे आयुष्मान कार्ड बांटने की प्रक्रिया में तेजी आएगी. इस कार्ड के जरिए जो सेवाएं लोगों को प्रदान की जाएंगी उनमें शीघ्र निदान (Early diagnosis), व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं (Comprehensive primary health care services), विशेषज्ञों के साथ टेली-कंसल्टेशन (Teleconsultation with specialists) और उचित रेफरल (aAppropriate referrals) शामिल हैं.

हर गांव और पंचायत में आयुष्मान सभाएं आयुष्मान कार्ड डिस्ट्रीब्यूट करने, ABHA आईडी जनरेट करने और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं और रोग की स्थितियों जैसे गैर-संचारी रोग (non-communicable diseases), टीबी (निक्षय मित्र), सिकल सेल रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और साथ ही रक्तदान और अंगदान अभियान के बारे में लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा,

आयुष्मान भव: अभियान ‘स्वस्थ गांव’ और ‘स्वस्थ ग्राम पंचायत’ बनाने के सरकार के विजन से जुड़ा है, जो देश में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करने की नींव रखता है. स्वास्थ्य योजनाओं यानी हेल्थ स्कीम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली पंचायतों को ‘आयुष्मान ग्राम पंचायत’ या ‘आयुष्मान अर्बन वार्ड’ के प्रतिष्ठित खिताब से नवाजा जाएगा जो सबको समान रूप से स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने के उनके समर्पण यानी डेडिकेशन को दर्शाएगा.

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नए स्वास्थ्य अभियान में अंग दान (Organ donation) और रक्तदान (Blood donation) पहल को भी शामिल किया गया है, जिन्हें हाल ही में आयुष्मान भारत के छठे और सातवें स्तंभ के रूप में अभियान में जोड़ा गया है. ‘सेवा पखवाड़ा’ के दौरान एक ऑनलाइन ऑर्गन डोनेशन प्लेज (Online organ donation pledge) की रजिस्ट्री शुरू की जाएगी ताकि देश भर में कहीं से भी अपने अंगदान करने के इच्छुक लोग इसके लिए रजिस्टर कर सकें. इसके अलावा एक 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर – 1800114770 भी शुरू किया गया है जिस पर कॉल करके इस प्रतिज्ञा प्रक्रिया (Pledging process) या अंग दान (Organ donation) से संबंधित कोई भी जानकारी हासिल की जा सकती है.

जानिए क्या है आयुष्मान भारत योजना

प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority – NHA) द्वारा लागू किया जा रहा है और यह 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक (Secondary) और तृतीयक (Tertiary) देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए हर साल 5 लाख रुपये प्रति परिवार का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है. इस योजना का लक्ष्य सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (Socio Economic and Caste Census – SECC) 2011 में परिवारों की रैंकिंग के आधार पर भारत में गरीब और कमजोर आबादी के निचले 40 प्रतिशत को कवर करना है.

आधिकारिक दिशानिर्देशों के मुताबिक निम्नलिखित लोग इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं:

  1. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के परिवारों में रहने वाले लोग
  2. ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई भी पुरुष सदस्य नहीं है
  3. भिखारी
  4. ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति नहीं है
  5. ऐसे परिवार जिनमें कम से कम एक शारीरिक रूप से विकलांग सदस्य हो
  6. भूमिहीन परिवार जो मजदूर के तौर पर काम करके अपना जीवन यापन करते हैं
  7. आदिम जनजातीय समुदाय
  8. कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर
  9. बिना उचित दीवारों या छत वाले एक कमरे के अस्थायी घरों में रहने वाले परिवार
  10. मैला ढोने वाले परिवार

देश के नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और जागरूकता को बढ़ाने के लिए शुरू की गई केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ABPM-JAY) के जरिए अब तक 5 करोड़ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है, जिनके इलाज पर सरकार ने 61,501 करोड़ रुपये खर्च करके उनका मुफ्त इलाज किया है.

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