ताज़ातरीन ख़बरें

‘सितार फॉर मेंटल हेल्थ’: मिलिए भारत के सबसे कम उम्र के सितार वादकों में से एक ऋषभ रिखीराम शर्मा से

वर्ल्‍ड मेंटल हेल्‍थ डे पर, 24 वर्षीय सितार वादक, ऋषभ रिखीराम शर्मा ने इस बात पर चर्चा की, कि कैसे उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान दुःख से निपटने में म्‍यूजिक की शक्ति को पहचाना

Published

on

World Mental Health Day 2022: सितारवादक ऋषभ रिखीराम शर्मा अपने म्‍यूजिक के जरिए लोगों की मदद कर रहे हैं.

नई दिल्ली: पिछले दो सालों से, कोरोनावायरस महामारी हम में से कई लोगों के लिए नुकसान और दुख लेकर आई है, जो कई फैमिली के लिए अब भी जारी है. इस बीमारी के जरिए अपने प्रियजनों को खोने के बाद, लोग अपने जीवन में किसी न किसी परेशानी से निकलने के लिए एक ट्रीटमेंट ट्रेक की तलाश में हैं. उनमें से कई के लिए, म्‍यूजिक उनके मेंटल हेल्‍थ के लिए शांति का एक स्रोत रहा है. ऐसे समय में जब भारत COVID-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा था, ऋषभ रिखीराम शर्मा का संगीत कई लोगों की मदद कर रहा है.

24 साल के सितारवादक, म्‍यूजिक प्रोडयूसर और कम्‍पोजर हैं, जिनका जन्म दिल्ली में लुथियर्स के प्रसिद्ध रिखी राम परिवार में हुआ था. उन्होंने पहली बार 10 साल की उम्र में सितार बजाना शुरू किया और वह तुरंत इसके जादू से मोहित हो गए. ‘सितार फॉर मेंटल हेल्थ’: भारत के सबसे कम उम्र के सितारवादक में से एक, ऋषभ रिखीराम शर्मा, लोगों की मदद के रूप में अपना म्‍यूजिक इस्‍तेमाल कर रहे हैं.

24 साल के शर्मा ने कई धुनों को कम्‍पोज किया है, जैसे चाणक्य, रोसलिन, तांडवम, तिलक कमोद, अन्य.

इसे भी पढ़ें: World Mental Health Day 2022: मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को सभी के लिए वैश्विक प्राथमिकता बनाना है जरूरी

उनके पिता, मास्टर लूथियर संजय शर्मा, एक नेशनल अवॉर्ड वीनर म्‍यूजिक इंस्‍ट्रूमेंट मेकर, उनके पहले गुरु थे. शर्मा के पिता ने उन्हें कुछ इंस्‍ट्रूमेंट तब दिए, जब उन्होंने देखा कि उनके बेटे की उन्हें सीखने में गहरी दिलचस्पी है.

शर्मा ने बताया,

मजे की बात यह थी कि उन्होंने मुझे तब तक सही सितार का इस्तेमाल नहीं करने दिया जब तक कि मैं अपनी क्षमता को पूरा नहीं कर लेता. सबसे पहले, उन्होंने मुझे एक टूटा हुआ सितार दिया जो एक शिपमेंट से वापस आया था. उन्होंने इसे ठीक किया और मुझे खेलने के लिए दिया.

वाद्य यंत्र बजाने के कुछ ही मिनटों के अंदर, उन्होंने सात मूल स्वरों को समझ लिया- स्वर (सा रे गा मा पा ध नी सा), और कुछ गाने बजाना शुरू कर दिया. उस समय, वह पहले से ही एक मध्यवर्ती गिटार वादक था.

उन्होंने कहा,

मेरे माता-पिता ने सितार को एक पवित्र वाद्य के रूप में प्रचारित किया था, जिसे कभी-कभार ही छुआ जा सकता था. एक बच्चे के रूप में, जब मैं वाद्य यंत्र को देखता था, तो मुझे बहुत खुशी मिलती थी.

अपने बेटे के अटूट समर्पण और वाद्ययंत्र के प्रति प्रतिबद्धता को महसूस करते हुए, शर्मा के पिता ने उन्हें 2011 में मंच पर पेश किया. उसकी परफॉमेंस ने प्रसिद्ध सितार वादक पं. रविशंकर का ध्यान आकर्षित किया, उन्‍होंने शर्मा को आशीर्वाद दिया. दिल्ली पब्लिक स्कूल के पूर्व छात्र, शर्मा उस्ताद शंकर के सबसे छोटे और अंतिम शिष्य हैं.

शर्मा ने अपने पिता और पंडित शंकर को धन्यवाद देते हुए कहा, मैंने बेस्‍ट ट्रेनिंग ली.

बाद में, शर्मा का परिवार न्यूयॉर्क चला गया, जहां उन्होंने सिटी यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क (क्वींस कॉलेज कैंपस) में म्‍यूजिक प्रोडक्‍शन और इकोनॉमिक्‍स का अध्ययन किया.

इसे भी पढ़ें: दिव्‍यांग लोगों के लिए मेंटल हेल्‍थ सुनिश्चित करने की चुनौती

एक सितारवादक का मेंटल हेल्‍थ के साथ संघर्ष

म्‍यूजिक शर्मा का अपने जीवन में किसी भी स्थिति का सामना करने का तंत्र रहा है. यह महामारी थी जिसने उन्हें डिप्रेशन हुआ, जबकि वे पहले से ही परफॉर्मेंस की चिंता से पीड़ित थे. उस समय, उनके दादाजी की COVID-19 से मृत्यु ने उन्हें बहुत प्रभावित किया. एक प्‍वांइट पर, उन्‍होंने अपना पसंदीदा वाद्य यंत्र बजाना बंद कर दिया.

COVID-19 और मेरे नानाजी को खोना मेरे जीवन का एक ब्रेकिंग पॉइंट था. मेरी मेंटल हेल्‍थ बिगड़ रही थी, मैं वो नहीं था जो मैं असल में था. मेरे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा था, मेरे माता-पिता से बात करने का तरीका, मेरे अपने आस-पास की हर चीज पर प्रतिक्रिया देने का तरीका बदल चुका था. उन्होंने अपने क्षेत्र में थेरेपिस्ट की तलाश शुरू कर दी.

शर्मा ने कहा,

आप जानते हैं, अगर आपके पास बीमा नहीं है तो न्यूयॉर्क में मेंटल हेल्‍थ प्रोग्राम इतनी महंगी है. यदि आप ऐसा करते भी हैं, तो इस बात का कोई आश्वासन नहीं है कि आपको वह मिलेगा जिसकी आप तलाश कर रहे हैं. मैंने बस अपॉइंटमेंट लेने के लिए लगभग दो महीने तक इंतजार किया.

बाद में, वह एक मनोचिकित्सक के पास गया, जिसने अपनी संगीत जर्नी को फिर से शुरू करने का सुझाव दिया.

उन्होंने कहा कि सितार बजाना ही एकमात्र तरीका है जिससे मुझे मन की शांति मिल सकती है. उन्होंने मुझे अपने वाद्य यंत्र का रूख करने को कहा.

इसे भी पढ़ें: मानसिक स्वास्थ्य: दफ्तरों में तनाव से कैसे निपटें? विशेषज्ञों का जवाब

सितार फॉर मेंटल हेल्थ

सितार बजाना बैकब्रेकिंग था, लेकिन मिस्टर शर्मा ने एक रास्ता खोज लिया. उन्होंने अपनी भावनाओं को साझा करने और ट्रीटमेंट के लिए एक मार्ग के रूप में सितार को व्यवस्थित करना पाया. शर्मा ने क्लब हाउस और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव सेशन होस्‍ट करना शुरू किया, जहां उनके 3-4 फैंस थे, जो अब हजारों हो गए हैं.

शर्मा ने कहा,

मैं अपनी शांति के लिए और अपनी परफॉमेंस की चिंता से लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर सितार बजा रहा था. मैंने अपनी शिकायतों को उस समुदाय के साथ साझा करना शुरू कर दिया, जो विकसित हो चुका था. मुझे अपने म्‍यूजिक के प्रभाव का तब एहसास हुआ, जब लोगों ने अपनी कहानियों को साझा करना शुरू किया.

जब उनके सेशन के दौरान लोगों ने अपना दिल बहलाया तो शर्मा ने अपने सेशन को ‘मेंटल हेल्‍थ लिए सितार’ करार दिया. उन्होंने कहा कि लोग महसूस कर रहे हैं कि सितार और भारतीय शास्त्रीय संगीत के अन्य रूप किसी व्यक्ति के मानस के लिए चमत्कार कर सकते हैं.

शर्मा ने कहा कि इंडियन क्‍लासिकल म्‍यूजिक का पॉजिटिव मेंटल हेल्‍थ को बढ़ावा देने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है और यह ध्यान में गहराई से निहित है.

‘सितार फॉर मेंटल हेल्थ’ प्रोग्राम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,

अपने कार्यक्रमों के लिए, मैं फैंस के साथ शो शुरू करने से पहले 10-15 मिनट के लिए ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करता हूं. फिर मैं उन्हें जोड़ और आलाप सेक्‍शन में ले जाता हूं, जो मेरे गुरुओं द्वारा पढ़ाया जाने वाला प्‍योर क्‍लासिकल म्‍यूजिक‍ है. सितारवादक ने पिछले दो वर्षों में भारत में कई सिंगल सेशन और म्‍यूजिक कॉर्न्‍सट होस्‍ट किए हैं.

शर्मा ने कहा,

मैं कोई थेरेपिस्ट नहीं हूं. मैं अपने संगीत का यूज लोगों को हर संभव तरीके से ठीक करने के लिए कर रहा हूं.

शर्मा को भी पं. परिमल सदाफल द्वारा पंडित रवि शंकर के सबसे वरिष्ठ शिष्यों में से एक माना जाता है. इसके अलावा, उन्हें उस्ताद अमजद अली खान, उस्ताद रईस खान, पं अरुण भरतराम सहित संगीत के महान प्रतिपादकों से सीखने का मौका मिला है.

इसे भी पढ़ें: अवसाद और डिप्रेशन जैसे मैंटल हेल्‍थ इशू से ग्रस्‍त बच्‍चे को इस तरह हैंडल करें प‍ैरेंट्स

पिछले साल, शर्मा भारत के विभिन्न राज्यों में कई सेशन होस्‍ट कर रहे थे.

वह अपनी पीढ़ी के एकमात्र सितारवादक हैं, जिन्होंने 60,000 और 500 मिलियन लाइव फैंस के सामने सोलो परफॉर्म किया है. वह प्रमुख भारतीय रियलिटी टीवी शो और टीवी चैनलों जैसे ‘एंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’, ‘हिंदुस्तान के हुनरबाज़’, ‘एनडीटीवी’, ‘आज तक’, ‘दूरदर्शन इंडिया’ और कई अन्य में भी दिखाई दिए हैं.

उनके क्लबहाउस, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी काफी फॉलोअर्स हैं.

इसे भी पढ़ें: एक 22 साल का लेखक अपनी किताबों के साथ बच्चों को मानसिक समस्याओं से लड़ने में कर रहा मदद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version