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WASH योद्धा: मिलिए 45 वर्षीय गणेश नागले से, जो भोपाल में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को स्वच्छता सुविधाओं से वंचित नहीं रहने देना चाहते

गणेश नागले स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरेलू शौचालयों के निर्माण की योजना के समर्थक थे, उन्होंने इस योजना से छूटे परिवारों की एक लिस्‍ट भी तैयार की और इसे स्थानीय वार्ड परिषद और संसद सदस्य के साथ साझा किया

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Highlights
  • गणेश ने 25 परिवारों को शौचालय तक पहुंचने में मदद की
  • गणेश हर रविवार को दो घंटे झुग्गी-झोपड़ियों की सफाई में लगाते हैं
  • गणेश भी कोरोनावायरस की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं

नई दिल्ली: भोपाल के वार्ड 63 के 100 क्वार्टर स्लम में 45 साल के गणेश नागले काफी प्रसिद्ध हैं. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में जन्मे गणेश ने केवल सातवीं तक ही पढ़ाई की है, लेकिन सामाजिक कार्यों के प्रति उनके रुझान ने उन्हें एक अलग रास्ते पर ला दिया है. गणेश कहते हैं कि आजीविका की तलाश में 1995 में वे भोपाल आए और फैक्ट्री के कर्मचारी की नौकरी मिलने के बाद 100 क्वार्टर स्लम में रहने लगे. अपने कारखाने में, उन्होंने अपने साथी श्रमिकों के एक समूह को अपने वेतन के एक छोटे से हिस्से का योगदान करने और आवश्यक खाद्य सामग्री प्रदान करके गरीब परिवारों के बच्चों की मदद करने के लिए राजी किया. 2019 में, जब ‘वॉटरएड इंडिया’ और उसके साथी, ‘आरंभ’ ने एक झुग्गी-स्तरीय समिति के गठन की पहल की, जिसे स्थानीय रूप से मोहल्ला समिति कहा जाता है, गणेश अपनी मर्जी से अपने पड़ोस के मुद्दों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें शामिल हुए.

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‘वॉटरएड इंडिया’ के एक प्रवक्ता ने एनडीटीवी को बताया,

वाटरएड इंडिया- आरंभ’ पहल द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, ओरिएंटेशन और एक्सपोजर ने उनकी क्षमताओं का निर्माण किया और वे एक सामुदायिक नेता के रूप में उभरे. वह समिति के सचिव बन गए और सामाजिक कारणों के लिए सक्रिय रूप से काम करना शुरू कर दिया, विशेष रूप से झुग्गी में सभी घरों में WASH की पहुंच सुनिश्चित करना.

गणेश स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरेलू शौचालयों के निर्माण की योजना के समर्थक थे. प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने योजना का लाभ नहीं मिलने वाले परिवारों की सूची तैयार की और उसे स्थानीय वार्ड परिषद और सांसद के साथ साझा किया.

उन्‍होंने कहा, उनके प्रयासों के जरिए 25 हाशिए पर रहने को मजबूर परिवारों को घरेलू शौचालयों तक पहुंच मिली. उन्होंने लोगों को शौचालयों का सही तरीके से उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया और वह झुग्गी-झोपड़ियों को खुले में शौच मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं. गणेन ने उन घरों में शौचालय के निर्माण के लिए प्रयास करना जारी रखा हुआ है, जिनके घर में अभी भी शौचालय नहीं हैं.

गणेश ने घरेलू नल कनेक्शन के लिए नगर आयुक्त, जोनल जल प्रभारी और वार्ड परिषद को डिमांड लेटर भी भेजा. उन्होंने 40 परिवारों को जलापूर्ति शुरू करने के लिए एक शर्त के रूप में होल्डिंग टैक्स का भुगतान करने के लिए प्रेरित किया. उनके प्रयास सफल रहे और 2020 में नर्मदा जल योजना के तहत झुग्गी बस्ती में घरेलू स्तर पर पानी की आपूर्ति शुरू की गई.

प्रवक्ता ने एनडीटीवी को बताया, झुग्गी में पॉटर प्‍वाइंट खराब होने से, झुग्गीवासियों के लिए कठिनाई बढ़ गई, तो गणेश ने इस मुद्दे को हमारे संगठन के साथ साझा किया और हमारा समर्थन मांगा. उन्होंने वार्ड पार्षद और संसद सदस्य के पास जाने के लिए लोगों का एक समूह बनाया और उसका नेतृत्व किया. इस वाटर पॉइंट का स्वामित्व भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के पास था. उनके प्रयास के कारण ही भेल प्रशासन ने स्रोत का स्वामित्व समुदाय को सौंप दिया. उन्होंने अपने हिस्से का योगदान करने के लिए अपने समुदाय को भी संगठित किया. परियोजना के समर्थन से, जल स्रोत का जीर्णोद्धार किया गया और एक समुदाय-प्रबंधित विकेन्द्रीकृत जल आपूर्ति वितरण प्रणाली स्थापित की गई. लोगों को अब उनकी जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है. इस सफलता के बाद, झुग्गी के दो अन्य जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप लोगों तक पानी की बेहतर पहुंच हो सकी.

गणेश झुग्गी की सफाई को लेकर भी चिंतित हैं. हर रविवार की सुबह, वह झुग्गी-झोपड़ी के विभिन्न क्षेत्रों की सफाई के लिए दो घंटे देते हैं. उनके प्रयासों से प्रेरित होकर अब झुग्गी-झोपड़ी के युवाओं ने उनकी मदद करना शुरू कर दिया है.

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COVID-19 के प्रकोप ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है. भोपाल और 100 क्वार्टर स्लम इसका अपवाद नहीं हैं. इस स्थिति में भी, गणेश मास्‍क पहनकर चुनौती का सामना करने और अपने साथी निवासियों की जान बचाने के लिए निकल पड़े हैं.

प्रवक्ता ने बताया, उन्होंने लोगों को सार्वजनिक स्थानों जैसे पानी, सामुदायिक शौचालय, किराने की दुकानों, आदि पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके लिए उन्होंने सभी कम्युनिटी पॉइंट्स पर सर्कल बनाए और लोगों को सही दूरी बनाए रखने के लिए कहा. वह हमारे साथ अथक प्रयास भी करते हैं, कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाते हैं.

इसके अलावा, मोहल्ला समिति के अन्य सदस्यों के साथ, गणेश ने 12 ‘सबसे कमजोर’ परिवारों की पहचान की, जैसे कि महिला मुखिया वाले परिवार, वरिष्ठ नागरिक, और झुग्गी में विकलांग व्यक्तियों ने भोपाल नगर निगम (बीएमसी) और अन्य संगठनों के साथ अपना विवरण साझा किया और सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक आपूर्ति उन तक पहुंचे. उन्होंने बीएमसी को भी झुग्गी की नियमित सफाई सुनिश्चित करने को कहा.

जब उनके कार्यस्थल पर उनके प्रयासों की बात आती है, तो उन्होंने अपने साथी कर्मचारियों को पैसे दान करने के लिए प्रेरित किया. उन्‍होंने 5,000 रुपए एकत्र किए और विकलांग लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की. उन्होंने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण करने में भी मदद की.

‘वॉटरएड’ के प्रवक्ता ने यह कहते हुए अपनी बात खत्‍म की, ‘गणेश नागले यह दर्शाते हैं कि अगर उनके जैसे नेता हों तो, किसी भी समुदाय का सतत विकास सुनिश्चित हो सकता है’.

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