नई दिल्ली: यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHS) की दिशा में हो रही प्रगति में तेजी लाने और किसी को भी पीछे न छोड़ने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है और प्रतिबद्धता के तौर पर दिल्ली घोषणा पर हस्ताक्षर किए. WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए चल रहे 76वें क्षेत्रीय समिति सत्र के दूसरे दिन, 31 अक्टूबर को घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए.
@DrBharatippawar addresses Ministerial Roundtable conference at 76th session of @WHOSEARO
Delhi Declaration signed on strengthening primary healthcare as a key element towards achieving #UniversalHealthCoverage
Investment in Primary Health Care (PHC) is the most inclusive,… pic.twitter.com/QDBGXu8uLa
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) October 31, 2023
दिल्ली घोषणा पत्र क्या है?
यह घोषणा पत्र क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के सबसे कुशल और प्रभावी तरीके के तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने के लिए राज्य और सरकार के प्रमुखों और स्वास्थ्य मंत्रियों की प्रतिबद्धताओं पर आधारित है. यह UHC पर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा की राजनीतिक घोषणा और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर G20 नई दिल्ली लीडर्स के घोषणा पत्र की तरह ही है.
सत्र को संबोधित करते हुए, WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा,
स्वास्थ्य कार्यबल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने के लिए निवेश को प्राथमिकता देने से सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में हो रही प्रगति में तेजी आएगी. इससे स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास लक्ष्यों, स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी.
डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक में, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में UHC सर्विस इंडेक्स में सुधार हुआ है (2010 में 47 से बढ़कर 2021 में ये 62 हो गया). हालांकि, ज्यादातर देशों में 2019 और 2021 के बीच प्रगति में रुकावट आई, खासतौर से कोरोना वायरस महामारी की वजह से.
प्रगति में तेजी लाने के लिए, घोषणा पत्र में कहा गया है:
- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश को प्राथमिकता देना और अनुकूलित करना.
- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर पर्याप्त, गुणवत्तापूर्ण और किफायती चिकित्सा उत्पाद यानी मेडिकल प्रोडक्ट उपलब्ध कराने के लिए आपूर्ति और रसद (Logistics) प्रबंधन में सुधार करना.
- शासन, निगरानी और जवाबदेही के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का कुशल इस्तेमाल.
- पहुंच बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार के लिए नई तकनीक और डेटा का इस्तेमाल.
डॉ. सिंह ने कहा कि एक मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल उन्मुख प्रणाली के निर्माण के लिए सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना भी जरूरी है.
हमें सामुदायिक भागीदारी बढ़ानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समुदाय की सबसे महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को सबसे कुशल तरीके से इस्तेमाल करने के साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां लोगों के लिए डिजाइन की गई हों.
सदस्य देशों ने प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने के लिए सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रणालियों को बढ़ावा देने का भी वादा किया.
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