नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने पहली ग्लोबल फूड रेगुलेटर्स समिट 2023 का उद्घाटन किया और कहा कि संतुलित, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन हमारे स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद करता है. केंद्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर और विशिष्ट अतिथि नेपाल के कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री बेडू राम भुसल की उपस्थिति में गुरूवार 19 जुलाई को किया.
यह समिट FSSAI फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस ऑफ इंडिया की तरफ से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की देखरेख में किया गया एक प्रयास है, जिससे दुनियाभर के फूड रेगुलेटर्स को एक मंच प्रदान किया जा सकेगा और वह फूड सेफ्टी सिस्टम्स और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का आपस में आदान-प्रदान कर सकेंगे.
डॉ मांडविया ने कहा कि,
सुरक्षित खाना और अच्छी सेहत एक दूसरे की पूरक है. संतुलित, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन निवारक देखभाल के रूप में कार्य करता है, और हमारे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करता है.
फूड सेफ्टी का महत्त्व बताते हुए उन्होंने कहा,
वैश्विक सतत विकास के लिए खाद्यान्न, फूड सेफ्टी और फूड सिक्योरिटी के मुद्दों पर गहराई से विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. वन हेल्थ दृष्टिकोण के तहत एक इकोसिस्टम बनाने के लिए खाद्य नियामकों का अत्यधिक जिम्मेदार काम है जो जलवायु, मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य को सामूहिक रूप से देखने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है.
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उन्होंने आगे कहा कि भारत की तरफ की जा रही जी-20 की अध्यक्षता में हेल्थ वर्किंग ग्रुप के लिए वन हेल्थ एक मुख्य प्राथमिकता है.
Addressed 'Global Food Regulators Summit 2023'. It is a major milestone in strengthening Food Safety Systems with 40 countries participating.
Launched 'SaNGRAH' – Safe food for Nations: Global Food Regulatory Authorities Handbook, a Common Digital Dashboard & Food-o-Copoeia. pic.twitter.com/EMu1qlC1EA
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) July 20, 2023
इस सेशन के गेस्ट ऑफ ऑनर नरेंन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भोजन एक मूल अधिकार है और इसकी उपलब्धता और कीमत को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा,
भारत में कृषि क्षेत्र और खाद्य उद्योग के आकार और मात्रा को ध्यान में रखते हुए, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि इनपुट से लेकर उत्पाद अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचने तक पूरे मूल्य चेन नेटवर्क पर एक यूनिट के रूप में विचार करना महत्वपूर्ण है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी कृषि कानून को हमेशा किसानों को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए ताकि उसका किसानों पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव ना दिखे. उन्होंने बाजरे के उपयोग को भी बढ़ावा दिया और उसके गुण बताए जैसे कि उसे पानी की कम जरूरत होती है और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के प्रति लचीलापन और उच्च पोषण मूल्य.
कार्यक्रम के दौरान डॉ. मांडविया ने फूड-ओ-कोपोइया भी रिलीज की, जो कि कैटेगरी वाइस फूड मोनोग्राफ्स का एक कलेक्शन है और खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम (एफएसएसआर) के अनुसार, गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों, लेबलिंग और दावा आवश्यकताओं, पैकेजिंग आवश्यकताओं, परीक्षण विधियों और किसी भी अन्य नियामक प्रावधानों का विवरण देने वाले किसी विशिष्ट उत्पाद श्रेणी के लिए सभी लागू मानकों के लिए एक सिंगल पाइंट रेफरेंस है. इसका पालन करना जरूरी है.
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थय मंत्री ने SaNGRAH भी लांच किया जो कि एक संयुक्त रेगुलेटर्स प्लेटफॉर्म है.
यह 76 देशों के फूड रेगुलेटरी अथॉरिटीस का डेटाबेस है जो कि 6 रीजनल भाषाओं गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में भी उपल्बध है.
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एक संयुक्त डिजिटल डैशबोर्ड भी इस समिट के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के द्वारा लांच किया गया. यह डैशबोर्ड एक संयुक्त यूनिफाइड आईटी पोर्टल है, जो कि फूड रेगुलेटर्स इन इंडिया के द्वारा स्टैंडडर्स , रेगुलेशंस, नोटिफिकेशन, एडवाइजरी, गाइडलाइन्स, और कंटामिनेशन लिमिट्स के बारे में नियमित अपडेट देता रहेगा.
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित हुई है.)