नई दिल्ली: हर साल इस समय देश भर में लोग गणेश चतुर्थी के मौके पर गणपति बप्पा को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ अपने घर लेकर लाते हैं. गणेश चतुर्थी का उत्सव शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्मदिन का प्रतीक है. यह त्योहार कुछ दिनों के लिए घरों में या सार्वजनिक रूप से आयोजित पंडालों और सामुदायिक केंद्रों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करके मनाया जाता है, अंतिम दिन भगवान गणेश की विदाई के मौके पर भी गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है. इस त्योहार के अवसर पर मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 18 सितंबर को पुरी के समुद्र तट पर ‘विश्व शांति’ के संदेश के साथ स्टील के कटोरे के टुकड़े इस्तेमाल करके भगवान गणेश की रेत से एक शानदार प्रतिमा बनाई.
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On the occasion of #Ganesh chaturthi My SandArt by installing around 1000 pieces of steel bowls with message "World Peace " , at Puri beach in Odisha pic.twitter.com/R03Q8nlRt5
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) September 19, 2023
अपनी लेटेस्ट सैंड आर्ट के बारे में बात करते हुए पटनायक ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया,
हमने गणेश पूजा के लिए यह रेत की प्रतिमा बनाई है. जिसे स्टील और रेत का इस्तेमाल करके आकार दिया गया है. इस सैंड आर्ट को बनाने में करीब 100 किलोग्राम स्टील और लगभग 1,000 स्टील की वस्तुएं लगी थीं. हर साल गणेश पूजा के लिए हम कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. इस बार हमने अपनी कला के माध्यम से ‘विश्व शांति’ का संदेश दिया है.
#WATCH | Puri, Odisha: Sand artist Sudarsan Pattnaik created a sand sculpture of Lord Ganesh by installing pieces of steel bowls with a message of 'World Peace' for Ganesh Chaturthi. (18.09) pic.twitter.com/CpGctA9Lrt
— ANI (@ANI) September 18, 2023
19 सितंबर को शुरू हुआ 10 दिनो का ये उत्सव विसर्जन की शोभायात्रा के साथ समाप्त होगा. इस त्योहार के दौरान होने वाला ‘विसर्जन’ इस उत्सव का महत्वपूर्ण भाग होता है क्योंकि यह इस बात का प्रतीक है कि इस नश्वर दुनिया में सब कुछ अस्थायी होता है और जो भी यहां आता है वो प्रकृति में वापस मिल जाता है.
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यह पहली सैंड आर्ट यानी रेत की कला नहीं है, जिसे सुदर्शन पटनायक ने गणेश चतुर्थी के मौके पर एक संदेश लोगों को देने के लिए बनाया है. इसके पहले भी पटनायक 1000 प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके भगवान गणेश की रेत की प्रतिमा बना चुके हैं. ऐसा करने के पीछे उनका मकसद एक बार के इस्तेमाल के बाद फेंके गए प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने का संदेश देना था. सिर्फ गणेश चतुर्थी ही नहीं पटनायक पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को अपने प्लेनेट की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करने का कोई मौका नहीं गंवाते हैं.
तस्वीरों में: सुदर्शन पटनायक की पिछली सैंड आर्ट की झलक
Let's join hand, rise to the clarion call of Hon'ble PM Shri @narendramodi and save our environment. #SayNoToSingleUsePlastic My Sand Art at #Puri beach in Odisha on the auspicious occasion of #GaneshChaturthi . pic.twitter.com/DjVIYkPniI
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) September 2, 2019
MASK, HAND WASHING, SOCIAL DISTANCING & NO CROWD .
— Sasi Dash (@sasidash1) September 19, 2020
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