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अंतरिम बजट 2024: स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट में 13% की बढ़ोतरी; वित्त मंत्री सीतारमण की घोषणाओं पर विशेषज्ञों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई प्रमुख घोषणाएं भी कीं

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अंतरिम बजट 2024: स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट में 13% की बढ़ोतरी; वित्त मंत्री सीतारमण की घोषणाओं पर विशेषज्ञों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स (Tele Mental Health Assistance and Networking Across States - Tele-MANAS) का बजट 65 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये किया गया है

नई दिल्ली: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट आवंटन में लगभग 13 प्रतिशत (12.59 प्रतिशत) की वृद्धि के साथ-साथ इस वित्तीय वर्ष के लिए 90,658 करोड़ रुपये आवंटित किए जबकि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 80,517.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं. कुल राशि में से, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को 3001.73 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, वहीं आयुष मंत्रालय का बजट 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,712.49 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

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केंद्र की प्रायोजित योजनाओं में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का बजट 31,550.87 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 31,967 करोड़ रुपये कर दिया गया है और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के लिए आवंटन 6,800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission) के बजट में 50 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे अब इसका बजट 200 करोड़ रुपये से बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो गया है.

इसके अलावा, टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स (Tele Mental Health Assistance and Networking Across States – Tele-MANAS) का बजट 65 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये किया गया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) में साइकाइट्री (Psychiatry) की डायरेक्टर और सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा मूर्ति का कहना है, स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट में काफी बढ़ोतरी की गई है. विशेषज्ञ प्रतिमा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट में 13 फीसदी की बढ़ोतरी की सराहना की. टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स (Tele-MANAS) के लिए बजट आवंटन के बारे में बात करते हुए डॉ. प्रतिमा मूर्ति ने कहा,

टेली-मानस (Tele-MANAS) की शुरुआत अक्टूबर 2021 में की गई थी, जिसका मकसद पूरे भारत में दूरदराज के इलाकों या स्वास्थ्य सेवाओं की कमी वाले क्षेत्रों के लोगों तक मुफ्त में टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. इस पहल का उद्देश्य सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाना है. अक्टूबर 2021 से हर राज्य ने कम से कम एक टेली-मानस का सेटअप किया गया है. इनके सेटअप के बाद अब हम स्वास्थ्य सेवाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसमें जिन चीजों पर हम फोकस कर रहे हैं उनमें दूर-दराज के इलाकों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाना और उन समुदायों और व्यक्तियों तक पहुंचना शामिल है, जो स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में नहीं जानते. बजट में बढ़ोतरी से हमें इन सब चीजों को करने में मदद मिलेगी और इससे टेली-मानस को गति देने में हम कामयाब होंगे.’

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए की गई अन्य घोषणाओं पर एक्सपर्ट्स की राय

अंतरिम बजट की घोषणाओं में से एक थी, मौजूदा अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके ज्यादा मेडिकल कॉलेज स्थापित करना. इस निर्णय की कई हेल्थकेयर और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने तारीफ की है. कई लोगों ने कहा है कि यह स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. वित्त मंत्री ने महिलाओं और बच्चों तक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मातृ एवं शिशु देखभाल की योजनाओं (Maternal and Child Health Care Schemes) को एक व्यापक कार्यक्रम (Comprehensive programme) के तहत लाने के निर्णय की भी घोषणा की.

स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की दिशा में सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) से कहा,

ज्यादा मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं (Maternal and Child Health Care Schemes) को स्ट्रीमलाइन करना स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

इसके अलावा अन्य घोषणाओं में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9-14 साल की उम्र की लड़कियों में वैक्सीनेशन को प्रोत्साहित करेगी. इस पहल पर अदार पूनावाला ने कहा,

मैं 9-14 साल की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीका लगाने की घोषणा की सराहना करता हूं. आइए हम सब HPV (Human Papillomavirus) की रोकथाम और वैक्सीनेशन तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने का संकल्प लें.

युवा लड़कियों में सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देने की सरकार की घोषणा के बारे में एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया से बात करते हुए, दक्षिण एशिया के कैंसर ट्रीटमेंट सर्विस इंटरनेशनल (Cancer Treatment Service International – CTSI) के CEO हरीश त्रिवेदी ने कहा,

मैं हमेशा कहता हूं कि हर छोटा कदम कैंसर के खिलाफ जंग में खास अहमियत रखता है. यह कैंसर की बीमारी के बोझ को कम करने और इस बीमारी से मरने वालों को बचाने के लिए सही दिशा में लिया गया एक कदम है. भारत में हर साल लगभग 1.8 लाख नए सर्वाइकल कैंसर के मामलों का पता चलता है और इसके 50 प्रतिशत मरीज एक ही साल में इस बीमारी से मर जाते हैं. विकसित देशों ने HPV के खिलाफ वैक्सीनेशन के माध्यम से या तो सर्वाइकल कैंसर को समाप्त कर दिया है या समाप्त करने की कगार पर हैं. HPV (Human Papillomavirus) सर्वाइकल कैंसर होने का एक मुख्य कारण है. यदि 9 से 14 साल की उम्र की सभी लड़कियों का प्रभावी तरीके से वैक्सीनेशन किया जाए, तो इस बीमारी को एक पीढ़ी यानी एक जनरेशन के अंदर खत्म किया जा सकता है.

और ज्यादा मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर हरीश त्रिवेदी ने कहा कि इससे न केवल हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी, बल्कि देश की बड़ी वंचित आबादी के लिए पहुंच और उपलब्धता के मुद्दों का भी समाधान हो सकेगा.

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आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार करना अंतरिम बजट में की गई एक और महत्वपूर्ण घोषणा थी.

रीजेंसी हेल्थ के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अभिषेक कपूर ने कहा कि यह घोषणा सामुदायिक स्वास्थ्य में उनके अमूल्य योगदान को दर्शाती है. उन्होंने अपनी बात में जोड़ा,

यह कदम न केवल उन्हें सेफगार्ड करेगा बल्कि हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की नींव को भी मजबूत करेगा.

केंद्र सरकार ने बेहतर न्यूट्रिशन, अर्ली चाइल्डहुड केयर और डेवलपमेंट के लिए ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ और पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय भी लिया है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने ये भी घोषणा की थी कि नए डिजाइन किए गए U-Win डिजिटल प्लेटफॉर्म (बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम को डिजिटल बनाने के लिए प्लेटफॉर्म) और मिशन इंद्रधनुष के प्रयासों को पूरे देश में तेजी से लागू किया जाएगा.

वैक्सीनेशन का प्रोसेस शुरू होने पर फोर्टिस हेल्थकेयर के MD और CEO डॉ. आशुतोष रघुवंशी (Dr Ashutosh Raghuvanshi) ने कहा कि यह पहल वैक्सीनेशन के लिए टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन अप्रोच को दर्शाती है.

भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन (Dr Roderico H. Ofrin) ने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए उठाए गए कदमों से पूरे देश में सिस्टम और हेल्थकेयर सर्विसेज को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा,

आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आयुष्मान भारत योजना के तहत आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायकों के लिए हेल्थ केयर कवरेज के विस्तार की सराहना करता है. वित्त मंत्री द्वारा घोषित की गई – मेडिकल कॉलेजों को बढ़ाने के लिए मौजूदा अस्पतालों का अपग्रेडेशन, मातृ एवं शिशु देखभाल योजनाओं को एक व्यापक कार्यक्रम के तहत साथ लाना, सर्वाइकल कैंसर से रोकथाम के लिए HPV वैक्सीनेशन की शुरुआत, और वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए यू-विन प्लेटफॉर्म का विस्तार जैसे कदम भारत के हेल्थ सेक्टर को और बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे.

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