नई दिल्ली: स्तनपान एक न्यू मदर होने के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, क्योंकि महिला का दूध शिशुओं के लिए आदर्श भोजन माना गया है. लेकिन, जब आप लगातार कोशिश करने के बावजूद स्तनपान (World Breastfeeding Week) कराने में असफल हो रही हैं, तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि इसका अर्थ यह नहीं है कि आप एक अनफिट मां हैं. विश्व स्तनपान सप्ताह (WBW) एक वार्षिक उत्सव है, जो 120 से अधिक देशों में हर साल 1 से 7 अगस्त तक आयोजित किया जाता है. आमतौर पर अनुभवहीनता की कमी से स्तनपान कराने के समय समस्याएं होती हैं, लेकिन आपको ऐसी और संभावनाओं के बारे में पता होना चाहिए, जो आपके स्तनपान की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं. आइए जानते हैं इन संभावनाओं के बारे में:
World Breastfeeding Week: बच्चों के लिए क्यों ज़रूरी है मां का दूध ? जानें 8 फायदे
- अगर आपने स्तन कम करने की सर्जरी कराई है, तो संभावना है कि आपके स्तनों में दूध कम बने. इसका कारण यह है कि इस सर्जरी के दौरान ब्रेस्ट से टिश्यू हटा दिए जाते है, जिसमें दूध नलिकाएं और ग्रंथियां भी शामिल होती हैं.
- यदि आपको एचआईवी है, तो यह बीमारी स्तनपान के जरिए आपके बच्चे में ट्रांसफर हो सकती है.
- यदि आपके बच्चे को गैलेक्टोसिमिया है, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक मेटाबॉलिक रोग है. हालांकि इसके मामले कम ही देखने को मिलते हैं.
- आपको टीबी है. यह अत्यधिक संक्रामक होता है. ध्यान रहे इसके जल्दी इलाज न करने पर आपका बच्चा भी इससे संक्रमित हो सकता है.
- यदि आपको कैंसर है और आप कीमोथेरेपी करवा रही हैं और विकिरण से गुजर रही हैं, तो हो सकता है ये बच्चे में प्रवेश कर जाए.
- यदि आपको अल्कोहल की लत है, तो आपको अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, यदि आप धूम्रपान करती हैं, तो या तो आप इसे छोड़ दें या फिर बच्चों को दूध पिलाने से कम से कम 95 मिनट पहले धूम्रपान करने से बचें, क्योंकि इससे निकोटीन आपके बच्चे के शरीर में प्रवेश कर सकता है.
- यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है, जो बच्चे को भी हो सकती है, जैसे सेप्सिस या हेपेटाइटिस बी, या आप ह्यूमन टी-सेल लिम्फो टॉपिक वायरस टाइप I या II से इन्फेक्टेड हैं.
- यदि आपको हाइपोप्लासिया है और स्तनों में पर्याप्त ग्लैंडुलर टिश्यू नहीं है, तो बच्चे को दूध पिलाने में आप असक्षम होंगी.
NDTV – Dettol Banega Swachh India campaign lends support to the Government of India’s Swachh Bharat Mission (SBM). Helmed by Campaign Ambassador Amitabh Bachchan, the campaign aims to spread awareness about hygiene and sanitation, the importance of building toilets and making India open defecation free (ODF) by October 2019, a target set by Prime Minister Narendra Modi, when he launched Swachh Bharat Abhiyan in 2014. Over the years, the campaign has widened its scope to cover issues like air pollution, waste management, plastic ban, manual scavenging and menstrual hygiene. The campaign has also focused extensively on marine pollution, clean Ganga Project and rejuvenation of Yamuna, two of India’s major river bodies.