Poem:
स्वच्छता स्वास्थ्य और पर्यावरण का ध्यान
सबके साथ करना है संकल्प ये महान
स्वस्थ होगा देश तो संपन्न भी होगा
देश की तरक्की से देश की पहचान
स्वस्थ भारत
जब रहेगा
तभी बनेगा संपन्न भारत
कोई पीछे ना छूटे
कोई डोर कहीं ना टूटे
छूना है हमको मिल कर आसमान
स्वस्थ भारत
जब रहेगा
तभी बनेगा संपन्न भारत
आज है चुनौतियों को जीतना हमें
आगे बढ़ के आंधियों को रोकना हमें
स्वच्छता को साथ साथ ले के बढ़ें हम
जिंदगी को कोशिशों से स्वस्थ करें हम
एक नई आस्था नई उम्मीद पायें हम
मन से इस प्रकृति को सर झुकायें हम
स्वच्छता स्वास्थ्य और पर्यावरण का ध्यान
सबके साथ करना है संकल्प ये महान
स्वस्थ होगा देश तो संपन्न भी होगा
देश की तरक्की से देश की पहचान
आगे बढ़ेगा
देश ये मेरा
विश्व कहेगा जय जय भारत
स्वस्थ भारत
देश ये मेरा
विश्व कहेगा जय जय भारत
स्वस्थ भारत
जब रहेगा
तभी बनेगा संपन्न भारत
कोई पीछे न छूटे
कोई डोर कहीं ना टूटे
छूना है हमको मिल कर आसमान
स्वस्थ भारत
जब रहेगा
तभी बनेगा संपन्न भारत
कोई पीछे न छूटे
कोई डोर कहीं ना टूटे
छूना है हमको मिल कर आसमान
Naziya
October 11, 2021 at 7:13 am
Very nice volume and very nice Geet