नई दिल्ली: फरवरी 2022 में, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया, तो देश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान दिया. वित्त मंत्री द्वारा की गई इन दो प्रमुख घोषणाओं में नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए एक खुले मंच का रोल-आउट और नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम का शुभारंभ शामिल है. नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के कॉम्पोनेंट्स के बारे में संक्षेप में बताते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि, “इसमें हेल्थ प्रोवाइडर और हेल्थ सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, यूनिक हेल्थ आइडेंटिटी, कंसेंट फ्रेमवर्क और स्वास्थ्य सुविधाओं तक विश्वव्यापी पहुंच शामिल होगी.”
इस पहल की सराहना करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कहा कि, “टेक्नोलॉजी की ताकत का लाभ उठाते हुए, नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम लोगों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और एक स्वस्थ भारत का निर्माण करेगा.”
Leveraging the power of technology, the National Digital Health Ecosystem will significantly enhance 'Ease of Living' for citizens & create a healthier India.#AatmaNirbharBharatKaBudget pic.twitter.com/Ew70QaC9gX
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) February 1, 2022
यहां तक कि COVID-19 महामारी के दौरान, टेलीमेडिसिन – टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से रोगियों का रिमोट डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट – लोगों के बचाव में आया. न केवल नॉन-कम्यूनिकेबल या पुरानी बीमारियों वाले लोगों ने ऑनलाइन ट्रीटमेंट का लाभ उठाया, बल्कि यहां तक कि COVID-19 रोगियों ने भी ऑनलाइन कंसल्टेशन्स का विकल्प चुना.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर नया टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन एक स्वस्थ और खुशहाल भारत के निर्माण की दिशा में पहला कदम है. यहां कुछ हेल्थ टेक इनोवेशन दिए गए हैं जिन पर भारत ध्यान केंद्रित कर रहा है:
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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
27 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य से संबंधित सभी स्टेकहोल्डर्स- रोगियों, स्वास्थ्य कर्मियों, पैरामेडिक्स, अस्पतालों, क्लीनिकों, लैब और फार्मेसियों को एक मंच पर लाना है. पीएम मोदी ने कहा कि अभियान का उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सेवाओं को आसान और सुलभ बनाना है.
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) शामिल है, जिसे पहले हेल्थ आईडी, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) के नाम से जाना जाता था.
- आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आपको अपने और अपने परिवार के लिए डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने और उन्हें डिजिटल रूप से एक्सेस करने और शेयर करने की इजाज़त देता है. ABHA एक रैंडम जेनरेटेड 14-अंकों की संख्या है जिसका उपयोग आपको भारत के डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम में एक पार्टिसिपेट के रूप में यूनिक तरीके से पहचानने के लिए किया जाता है. ABHA पर, आपके सभी रिकॉर्ड जमा किए जाएंगे. जिन्हें कभी भी, कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है.
- हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री, चिकित्सा के मॉडर्न और ट्रेडिशनल दोनों सिस्टमों में स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी में शामिल सभी स्वास्थ्य प्रोफेशनलों की रिपोजिटरी है.
- हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री देश में चिकित्सा के विभिन्न सिस्टमों में स्वास्थ्य सुविधाओं का एक व्यापक भंडार है. इसमें पब्लिक और प्राइवेट दोनों तरह की हेल्थ फैसिलिटीज़ शामिल हैं जिनमें अस्पताल, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज़, इमेजिंग सेंटर और फार्मेसीज़ शामिल हैं.
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ई-संजीवनी, भारत सरकार की निःशुल्क टेलीमेडिसिन सेवा
ज्योग्राफिकल बाउंड्री को पार करने वाली टेलीमेडिसिन ने स्वास्थ्य सेवा को आसान और किफायती बना दिया है. टेलीमेडिसिन के माध्यम से, ग्रामीण और दूरदराज वाली जगहों पर रहने वाले लोग उन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं जो शहरी क्षेत्रों तक सीमित हैं, इसके साथ ही दैनिक मजदूरी और परिवहन के नुकसान जैसे अप्रत्यक्ष खर्चों पर भी यह लोग बचत कर सकते हैं. नवंबर 2019 में शुरू की गई, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा – ई-संजीवनी ने 25 मार्च, 2022 तक 3 करोड़ से अधिक कंसल्टेशन की पेशकश की है. ई-संजीवनी के दो वेरिएंट हैं:
- ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (AB-HWC): आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर योजना के तहत डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों और अलग-थलग समुदायों में सामान्य और विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है. डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा हब-एंड-स्पोक मॉडल पर आधारित है. ‘eSanjeevani AB-HWC’ स्पोक जो HWC है और हब (तृतीयक स्वास्थ्य सुविधा/अस्पताल/मेडिकल कॉलेज) में डॉक्टर/विशेषज्ञ के बीच लाभार्थी (पैरामेडिक और एक जनरलिस्ट के साथ) के साथ वर्चुअल कनेक्शन को सक्षम बनाता है.
- eSanjeevaniOPD: यह एक पेशेंट-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा है जो लोगों को अपने घरों में ही आउट पेशेंट सेवाएं प्राप्त करने में सक्षम बनाती है.
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Co-win, दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की रीढ़
भारत ने 16 जनवरी, 2021 को COVID-19 के खिलाफ लगभग 300 मिलियन प्राथमिकता वाले समूहों का टीकाकरण करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया. धीरे-धीरे पूरी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान चलाया गया. भारत में COVID टीकाकरण कार्यक्रम CoWIN द्वारा समर्थित है, जो COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के विवरण को कैप्चर करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. CoWIN पोर्टल निकटतम टीकाकरण केंद्र तलाशने, टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करने और वैक्सीन सर्टिफिकेट पाने का वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है.
पिछले साल, 27 सितंबर, 2021 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CoWIN प्लेटफॉर्म की सराहना की – सरकार के सेंट्रलाइज़्ड डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर और COVID-19 टीकाकरण अपॉइंटमेंट्स और सर्टिफिकेट के लिए रिकॉर्ड-कीपर, ” रजिस्ट्रेशन से सर्टिफिकेशन तक, कोई भी सिस्टम उतना बड़ा नहीं है”
दवाओं की ड्रोन डिलीवरी
दिसंबर 2021 में, महाराष्ट्र के पालघर के जिला प्रशासन ने एक एक्सपेरिमेंट किया, जिसमें उन्होंने एक बीहड़ इलाके में स्थित एक सुदूर गाँव में COVID-19 वैक्सीन की खुराक देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया. जिला प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,
इस एक्सपेरिमेंट के तहत जवहर से ज़ाप गांव तक 300 टीकों की खेप पहुंचाई गई. टीके पहुंचाने का यह कार्य, जो 40 मिनट से अधिक का समय लेता, वह ड्रोन के ज़रिए केवल नौ मिनट से थोड़ा अधिक समय में पूरा हो गया था. लोकल पब्लिक हेल्थ सेंटर में वैक्सीन की डिलीवरी की गई.
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस स्वतंत्रता दिवस पर, अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के एक शहर सेप्पा में आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए ड्रोन का उपयोग करने का परीक्षण शुरू किया गया था. अरुणाचल प्रदेश में हेल्थकेयर ड्रोन पायलट वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मेडिसिन्स फ्रॉम द स्काई (एमएफटीएस) पहल के साथ राज्य की साझेदारी का परिणाम हैं.
The pilot project funded by USAID and executed by Redwings Labs shall provide a clear picture on operational issues, financial feasibility & regulatory issues, based on which our govt shall make a policy and take steps for phased adoption of this emerging technology.@PMOIndia
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) August 15, 2022
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