नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक डायरिया दुनिया में बाल मृत्यु दर और कई रोगों का एक बड़ा कारण है. इसके साथ ही यह पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण भी है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार, भारत में डायरिया का प्रसार 7.3 प्रतिशत है.
जबकि विडंबना यह है कि इस रोग की रोकथाम और उपचार दोनों संभव हैं. डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया ने डायरिया से लड़ने, बीमारी को बढ़ने से रोकने और उसका इलाज करने के उद्देश्य से डायरिया नेट जीरो प्रोग्राम नाम से एक नया मॉडल उत्तर प्रदेश के लिए तैयार किया है. डेटॉल डायरिया नेट जीरो कार्यक्रम के जरिए रेकिट का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 150,000 से अधिक डायरिया के मामलों को रोकना और विभिन्न स्वास्थ्य सूचकांकों में राज्य के प्रदर्शन में सुधार लाना है.
इस प्रयास के पहले भाग के रूप में, रेकिट ने ‘एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया 12-घंटे लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य टेलीथॉन’ के दौरान यह नेट जीरो डायरिया किट लॉन्च की है. यह बच्चों सहित डायरिया के रोगियों के इलाज में काम आने वाली जरूरी चीजों से भरा एक बॉक्स है. देखें कि किट में क्या है:
1. इस किट में हाथों को स्वच्छ रखने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए डेटॉल सैनिटाइजर और साबुन शामिल है.
2. इसमें बुखार की जांच करने के लिए थर्मामीटर भी शामिल है, जो कई मामलों में दस्त की वजह से होता है.
3. किट में जिंक सप्लीमेंट और ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट की एक स्ट्रिप भी है, जिससे बीमारी से उबरने के समय मरीज अच्छी तरह से हाइड्रेटेड और तरोताजा रहे.
4. इस किट की सबसे अनोखी बात यह है कि इसमें जागरूकता फैलाने वाला एक छोटा पत्रक भी शामिल हैं. इसको विशेष रूप से किट में दी गई सामग्री के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए डिजाइन किया गया है.
5. किट में माता-पिता या रोगी की निगरानी करने वाले व्यक्ति के लिए 14-दिन का फॉलोअप कार्ड या चेकलिस्ट भी शामिल है. इसमें शामिल चेकलिस्ट एक रिमाइंडर के रूप में काम करती है, जिसकी मदद से देखभाल करने वाला व्यक्ति यह जान सकता है कि सभी चरणों और प्रक्रियाओं का अच्छी तरह से पालन किया जा रहा है या नहीं. इस कार्ड में छह महत्वपूर्ण स्टेप भी हैं जिनका पालन हाथ धोने के लिए करना जरूरी है.
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कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए दक्षिण एशिया रेकिट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव जैन ने कहा,
उत्तर प्रदेश अपनी अर्थव्यवस्था और लोगों के उत्थान के लिए शानदार काम कर रहा है. हमें गर्व है कि हम अपने कार्यक्रमों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने ‘स्वच्छ और स्वस्थ भारत’ को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. बीते 7 वर्षों में हमने उत्तर प्रदेश में 10 मिलियन से ज्यादा बच्चों तक पहुंच बनाई है. इस रिश्ते को और ज्यादा मजबूत करने के उद्देश्य से हमने राज्य में देश के पहले डायरिया नेट जीरो कार्यक्रम की शुरूआत की है. इस कार्यक्रम के जरिए हमारा उद्देश्य यह है कि उत्तर प्रदेश में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया से होने वाली मौतों का आंकड़ा शून्य हो.
रेकिट के निदेशक विदेश मामले और भागीदारी एसओए रवि भटनागर ने कहा,
उत्तर प्रदेश ने कई स्वास्थ्य सूचकांकों में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है. राज्य को नीति आयोग द्वारा स्वास्थ्य पर जारी वृद्धि संबंधी रैंकिंग में देश के शीर्ष राज्यों के रूप में मान्यता दी गई है. डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया, रेकिट इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले 7 वर्षों से राज्य की विकास यात्रा में योगदान देना रहा है. विकास की नींव के रूप में स्वास्थ्य की भूमिका को स्वीकार करते हुए, अगले 3 वर्षों में कार्यक्रम का लक्ष्य राज्य में इसके विस्तार को और बढ़ाना है.
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