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क्या दिल्ली में 13 नवंबर से लागू होगी ऑड-ईवन योजना? इससे जुड़ी वो सभी बातें जो आपको पता होनी चाहिए

दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से ऑड-ईवन योजना को लागू करने का फैसला किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस योजना को “महज दिखावा” कहे जाने के बाद, राज्य सरकार ने इस योजना पर फिर से काम करने का फैसला किया है

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Will The Odd-Even Scheme Be Implemented In Delhi From November 13? Here’s All You Need To Know
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए वाहनों के लिए ऑड-ईवन जैसी योजनाएं महज दिखावा हैं

नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए वाहनों के लिए ऑड-ईवन जैसी योजनाएं “महज दिखावा” हैं.

दिल्ली में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में फैले जहरीले धुएं को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने अगले हफ्ते से ऑड-ईवन योजना लागू करने का फैसला किया था. 6 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिवाली के बाद वायु प्रदूषण बढ़ सकता है.

इसके मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली में 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू की जाएगी. और एक सप्ताह बाद इसकी समीक्षा की जाएगी.

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ऑड-ईवन योजना से जुड़ी जरूरी बातें:

  1. ऑड-ईवन सिस्टम के तहत, जिन वाहनों की नम्बर प्लेट ईवन नंबर (0, 2, 4, 6, 8) पर खत्म होती हैं उन्हें ईवन डेट यानी सम तारीखों पर चलाने की इजाजत है, उसी तरह जिन वाहनों की नंबर प्लेट ऑड नंबर (1, 3, 5, 7, 9) पर खत्म होती है उन वाहनों को ऑड तारीखों पर चला सकते हैं.
  2. प्रतिबंधित हफ्ते के दौरान, सड़कों पर कारों को केवल सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच इजाजत दी जाएगी. ऑड-ईवन नियम दूसरे राज्यों के वाहनों पर भी लागू होता है.
  3. मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है और उन्होंने कहा, “दिल्ली में 7,000 से ज्यादा बसें चल रही हैं, जिनमें से 1,000 इलेक्ट्रिक हैं. बसों और मेट्रो की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ी है.”

‘ऑड-ईवन’ फॉर्मूला पहली बार 2016 में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने और बढ़ते कण पदार्थ के स्तर को कम करने के लिए इस्तेमाल किया था.

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ऑड-ईवन योजना प्रदूषण की समस्या से निपटने में कितनी प्रभावशील है अब तक इस पर कोई ठोस राय नहीं बन पाई है. IIT-दिल्ली के रिसर्चर की एक स्टडी में पाया गया कि जब यह योजना पहली बार जनवरी 2016 में शुरू की गई थी, तब दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की राशनिंग से वायु प्रदूषण में सिर्फ दो से तीन प्रतिशत की कमी आई थी.

शिकागो यूनिवर्सिटी में एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट और एविडेंस फॉर पॉलिसी डिजाइन ने 2016 में ऑड-ईवन सिस्टम के इफेक्ट को एनालाइज किया था और उन्होंने पाया कि दिल्ली में उस साल जनवरी में इसके लागू रहने के दौरान PM2.5 के स्तर में 14-16 फीसदी की कमी देखी गई थी. हालांकि, जब उस साल अप्रैल में योजना वापस लाई गई तो प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार कोर्ट के सुझावों को योजना में शामिल करेगी. उन्होंने कहा,

सरकार ने ऑड-ईवन व्हीकल स्कीम को लागू करने का निर्णय लिया है और इसके संबंध में हमने मीडिया में कुछ टिप्पणियां देखी हैं. उसके बाद हमने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ने के बाद हम विस्तृत योजना बनाएंगे, और फिर हम आप सभी को सूचित करेंगे. हम योजना में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को शामिल करेंगे.

उन्होंने अपनी बात में जोड़ा,

सरकार ने 13 नवंबर को इसे लागू करने का फैसला लिया था, लेकिन अब हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ने के बाद कल विस्तृत जानकारी देंगे.

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