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    दिल्ली में COVID-19 के मामले बढ़े, हर दिन हो रही हैं 8-10 मौतें

    लैंसेट कमीशन की सदस्य डॉ. सुनीला गर्ग कहती हैं, इन नंबरों को देखते हुए हमें सतर्क रहने की जरूरत है, हां लेकिन मैं यह नहीं कहूंगी कि हमें घबराने की जरूरत है

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    नई दिल्ली: स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्‍ली में 15 अगस्त को 14.57 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट और आठ मौतों के साथ 1,227 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए. इससे पहले, दिल्‍ली में लगातार 12 दिनों तक रोजाना 2,000 से अधिक मामले सामने आ रहे थे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले हफ्ते कहा था कि हालांकि मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनमें से ज्यादातर लाइट केस थे. अस्पताल में लोगों के भर्ती होने के कारण, अधिकारियों ने लोगों से मास्क पहनने और COVID-19 की सावधानियों का पालन करने का आग्रह किया. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी ट्वीट किया,

    हम COVID-19 इंफेक्‍शन, लगातार हाई पॉजिटिविटी रेट और रिइंफेक्‍शन के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं. यह जरूरी है कि हम समझें कि महामारी खत्म नहीं हुई है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे COVID उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करें. हमारे गार्ड का मनोबल नीचे हो, ये हम नहीं देख सकते.

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    लैंसेट कमीशन की सदस्य पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सुनीला गर्ग ने NDTV को बताया,

    पब्लिक हेल्‍थ के दृष्टिकोण से, हमें देश भर में कोविड की स्थिति पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. हमारे पास एक निगरानी प्रणाली है, और जब हम दिल्ली की स्थिति को देखते हैं, तो हमें लगातार 2,000 से अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. भले ही ठीक होने की दर अच्छी है, लेकिन हमें अस्पताल में भर्ती होने की चिंता है. अगर मैं संख्या में बात करूं, तो दिल्ली में 9,400 से अधिक अस्पताल के बेड हैं, जिनमें से 588 बेड बुक हैं और फिर हमारे पास 8,800 से अधिक ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 560 बुक है. जब आईसीयू बेड की बात आती है, तो हमारे पास उनमें से 2,129 बेड हैं और 20 से अधिक इस समय 65 मरीजों के साथ वेंटिलेशन पर हैं. इन नंबरों को देखते हुए हमें सतर्क रहने की जरूरत है, मैं यह नहीं कहूंगी कि हमें घबराने की जरूरत है.

    ये संख्या बड़ी नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है, यही कारण है कि मास्‍क को अनिवार्य नहीं बनाया गया है. डॉ. गर्ग का कहना है कि लोगों को मास्क पहनना चाहिए और विशेष रूप से राजधानी में लापरवाह नहीं होना चाहिए. वह बूस्टर डोज के महत्व पर भी जोर देती है और सभी से अपनी बूस्टर डोज लेने का आग्रह करती हैं.

    COVID अभी तक हमारे जीवन से नहीं गया है. विज्ञान और निरंतर टिप्पणियों ने हमें सिखाया है कि समय के साथ इम्‍युनिटी नसें काम करती हैं, हालांकि, जिन लोगों को टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं, वे अभी भी उन लोगों की तुलना में इंफेक्‍शन से दूर हैं जिन्होंने कोई डोज नहीं ली हैं. लेकिन लोगों को अभी भी आना चाहिए और अपने बूस्टर शॉट लेने चाहिए, खासकर बुजुर्ग और कॉमरेड नागरिकों को.

    डॉ. गर्ग का कहना है कि दिल्ली ने पहले ही कमर कस ली है, हमें मास्क, हाथ धोने और सैनिटाइजेशन के बारे में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. जिन लोगों ने 12 साल की उम्र से टीकों की दोनों डोज नहीं ली ली हैं, उन्हें बढ़ते मामलों को देखते हुए जल्द से जल्द टीकाकरण करवाना चाहिए. अंत में, वह कहती हैं कि न केवल राजधानी, बल्कि पूरे देश को अब सतर्क रहना चाहिए. डॉ. गर्ग ने कहा,

    हम एक ग्रह, एक स्वास्थ्य, ग्‍लोबल हेल्‍थ सिक्‍योरिटी की बात कर रहे हैं, इसलिए हमें देश भर में सतर्क रहने की जरूरत है और सरकारों को बहुत ही सेंसिटिव होने की जरूरत है.

    13 जनवरी को दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड केस मिले थे. इस दिन दिल्‍ली में एक दिन में 28,867 मरीज मिले थे. दिल्ली में 14 जनवरी को पॉजिटिविटी रेट 30.6 प्रतिशत हो गया था. ये तीसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण दर थी.

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