NDTV-Dettol Banega Swasth Swachh India NDTV-Dettol Banega Swasth Swachh India
  • Home/
  • ताज़ातरीन ख़बरें/
  • राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के दौरान पोषण संबंधी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं पोषण पंचायतें

ताज़ातरीन ख़बरें

राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के दौरान पोषण संबंधी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं पोषण पंचायतें

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, पोषण पंचायतें पोषण को बढ़ावा देने और स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध आवश्यक स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं की पहुंच के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करती हैं

Read In English
राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के दौरान पोषण संबंधी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं पोषण पंचायतें
राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के तहत, गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर व्यापक आउटरीच कार्यक्रम, पहचान अभियान, शिविर और घरेलू दौरे सक्रिय रूप से आयोजित किए जा रहे हैं

नई दिल्ली: पोषण पंचायतें राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के हिस्से के रूप में बेहतर पोषण परिणामों के लिए जन आंदोलन (पीपुल्स मूवमेंट्स) चलाने में एक आधारशिला के रूप में उभरी हैं. ये पोषण पंचायतें को बढ़ावा देने और इसकी पहुंच के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करती हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की प्रेस रिलीज के अनुसार, स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्रों पर आवश्यक स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं उपलब्ध हैं.

राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के तहत, गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर व्यापक आउटरीच कार्यक्रम, पहचान अभियान, शिविर और घरेलू दौरे सक्रिय रूप से आयोजित किए जा रहे हैं.

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ये पहल समग्र पोषण के बारे में ज्ञान का प्रसार करने और व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तरों पर पोषण को बढ़ावा देने के लिए समुदाय के अलग-अलग वर्गों के साथ काम करती हैं.

यह ठोस प्रयास अभियान के उद्देश्यों के अनुरूप है और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी पहलों से इसे और मजबूती मिली है.

इसे भी पढ़े: ओपीनियन: जनजातीय समुदायों के पोषण में बदलाव की एक जरूरी पहल 

मिशन लाइफ के माध्यम से पोषण में सुधार” विषय पर आधारित राष्ट्रीय पोषण माह 2023 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो सक्रिय रूप से अलग-अलग महत्वपूर्ण पहलुओं पर समुदायों को शिक्षित कर रहे हैं.

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इसमें शिक्षा पारंपरिक पोषण अवधारणाओं से अलग जल संरक्षण, स्थानीय रूप से उपलब्ध मौसमी खाद्य पदार्थों की खपत, स्वदेशी जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों के उपयोग और योग अभ्यास को बढ़ावा देने के महत्व शामिल हैं.

पोषण माह 2023 को ग्राम पंचायतों (ग्राम परिषदों) और शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण पैमाने पर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है.

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह अमृत काल के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के मुताबिक “सुपोषित भारत” (पोषक रूप से मजबूत भारत) के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए तैयार है.

इन ठोस प्रयासों और नए दृष्टिकोणों के जरिए, राष्ट्रीय पोषण माह 2023 भारत में समुदायों में जागरूकता बढ़ाने, स्वस्थ आचरणों को अपनाने और संपूर्ण पोषण की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है.

इस प्रयास में पोषण पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका पोषण संबंधी परिणामों में सुधार और देश के नागरिकों के संपूर्ण कल्याण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है.

इसे भी पढ़े: ओपिनियन : बाल कुपोषण को खत्म करने के लिए गर्भवती महिलाओं के पोषण पर ध्यान देना ध्यान जरूरी

(यह कहानी एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित हुई है.)